21-03-2024, 07:51 AM
फिर अगले दिन दीदी डॉ साहब के पास गई और डॉ और उनके बेटे आशु ने उन्हें पेशेंट को कैसे देखते है वो बताये और फिर दीदी पेशेंट देखने लगी .....
पहला पेशेंट. - डॉ साहब मुझे मेरे सुसु को बड़ा करना है कैसे होगा .....
दीदी- दिखाओ कितना बड़ा है ....
पेशेंट- मुझे शर्म आरही है .....
दीदी- चिंता मत करो मैं डॉ हु मेरा रोज़ का काम है दिखाओ जल्दी और भी पेशेंट इंतज़ार कर रहे हैं ह्म्मम्म्म्म
फिर पेशेंट ने अपना लंड दिखाया दीदी ने देखा और फिर कुछ दवाइया दी और इसी तरह कई पेशेंट को देखने लगी ...
फिर जब सारे पेशेंट चले गए तो आशु दीदी के पास आगया ...
आशु- क्या हाल है दीप्ती जी .....
दीदी- सब बढ़िया आशु जी .....
आशु- पेशेंट का लंड देखते हुए आपके चूत तो गीली हो गई होगी न ह्म्मम्म्म्म
दीदी- ये कैसी बात कर रहे है आप वो तो रोज़ का काम है ह्म्म्मम्म
आशु- ह्म्म्मम्म वो तो है ...काम के साथ साथ मस्ती भी तो ज़रूरी है न ह्म्म्मम्म्म्म
दीदी- आआअह्ह्ह्हह मतलब आशु जी ह्म्म्मम्म
आशु दीदी के करीब जाने लगता है और .....
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दीदी को किश करने लगता है ह्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्ह दीदी भी साथ देने लगती है उसका हम्म्म्म आअह्ह्ह्हह
आशु- दीप्ती जी आप बहोत अच्छी है हम्म्म्म आआह्ह्ह्हह जब से मैंने आपको देखा है आपका दीवाना हो गया हु ह्म्मम्म्म्म
दीदी- आआह्ह्ह्हह्ह आशु जी लेकिन क्या ये सही है हम लोग ऐसे कर रहे है हम्म्म्म डॉ अंकल को पता न चल जाये हम्म्म्म
आशु- अरे उनकी फ़िक्र छोड़िये आप बस मेरे साथ मज़े कीजिये बस हम्म्म आआह्ह्ह्हह
दीदी- अच्छा ह्म्म्मम्म्म्म आआह्ह्ह्हह जल्दी कीजिये कोई आ न जाये ह्म्म्मम्म
आशु- कोई नहीं आएगा ह्म्म्मम्म आआह्ह्ह्हह .....आपकी चूचियां कितनी मुलायम है हम्म्म आअह्ह्ह्ह
दीदी- आआअह्ह्ह्ह हम्म्म आअह्ह्ह्हह आशु जी ह्म्म्मम्म अह्ह्ह
आशु दीदी पे पीछे चला जाता है और अपना लंड दीदी के चुतर से सटा के दीदी के चूचियों को दबाने लगता है हम्म्म्म आह्ह्ह्हह्ह
आशु का हाथ अब दीदी के चूतर पे आजाता है और दोनों सेक्सी चुतरों को दबा दबा के दीदी को होठ को पूरे जोश के साथ चूसने लगता है हम्म्म्म आआह्ह्ह्हह दीदी भी उसे अपने बाहों में भर के उसे किश करने लगती है हम्म्म्म आह्ह्हह्ह्ह्ह
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दीदी- दिखाओ कितना बड़ा है ....
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फिर जब सारे पेशेंट चले गए तो आशु दीदी के पास आगया ...
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दीदी- सब बढ़िया आशु जी .....
आशु- पेशेंट का लंड देखते हुए आपके चूत तो गीली हो गई होगी न ह्म्मम्म्म्म
दीदी- ये कैसी बात कर रहे है आप वो तो रोज़ का काम है ह्म्म्मम्म
आशु- ह्म्म्मम्म वो तो है ...काम के साथ साथ मस्ती भी तो ज़रूरी है न ह्म्म्मम्म्म्म
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आशु दीदी के करीब जाने लगता है और .....
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आशु- दीप्ती जी आप बहोत अच्छी है हम्म्म्म आआह्ह्ह्हह जब से मैंने आपको देखा है आपका दीवाना हो गया हु ह्म्मम्म्म्म
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आशु- अरे उनकी फ़िक्र छोड़िये आप बस मेरे साथ मज़े कीजिये बस हम्म्म आआह्ह्ह्हह
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आशु- कोई नहीं आएगा ह्म्म्मम्म आआह्ह्ह्हह .....आपकी चूचियां कितनी मुलायम है हम्म्म आअह्ह्ह्ह
दीदी- आआअह्ह्ह्ह हम्म्म आअह्ह्ह्हह आशु जी ह्म्म्मम्म अह्ह्ह
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आशु का हाथ अब दीदी के चूतर पे आजाता है और दोनों सेक्सी चुतरों को दबा दबा के दीदी को होठ को पूरे जोश के साथ चूसने लगता है हम्म्म्म आआह्ह्ह्हह दीदी भी उसे अपने बाहों में भर के उसे किश करने लगती है हम्म्म्म आह्ह्हह्ह्ह्ह
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