18-03-2024, 03:29 PM
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(18-03-2024, 03:27 PM)neerathemall Wrote:कार में गीता की चुदाई
यह बात 15 दिन पहले की है जब में अपने अंकल के घर पर बड़ोदा गया हुआ था और में वहां पर किसी काम की वजह से दो दिन तक रुका हुआ था.
फिर तीसरे दिन जब मुझे वहां से वापस घर पस वापस आना था, उसी वक़्त मेरे अंकल के पड़ोस में रहने वाली एक हॉट, सेक्सी भाभी को भी राजकोट आना था तो मेरी आंटी ने उन भाभी जी से कहा कि आदि आपको आपकी मंजिल तक छोड़ देगा, क्यों आदि कर दोगे ना यह छोटा सा काम?
मैंने कहा कि हाँ वैसे भी में अकेला हूँ और कार में बैठा बैठा बोर हो जाऊंगा, हाँ में इनको छोड़ दूँगा आप तैयार होकर आ जाओ तो वो बोली कि में तो बिल्कुल तैयार हूँ और फिर हम निकल पड़े और थोड़ी ही देर में हमारी बातचीत शुरू हो गई, उनका नाम गीता था और बहुत ही सुंदर थी और उनको देखकर लगता नहीं था कि उनकी उम्र 34-35 साल की होगी. वो तो दिखने में बिल्कुल 27-28 की लगती थी. एकदम सेक्सी, पतली दुबली, बड़ी गांड, गोल चेहरा, साफ रंग, गदराया हुआ बदन और बड़ा ही आकर्षित करने वाले जिस्म जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे. शायद उनके फिगर का साईज 36-30-38 होगा.
हम इधर उधर की बातें कर रहे थे, लेकिन मेरी नजरें उसके बूब्स पर ही टिकी हुई थी और में बस उन्हे देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और अब में मौका देखकर धीरे धीरे उसे छूने लगा और तभी अचानक गीता ने पूछा कि क्यों आदि तेरी कितनी गर्लफ्रेंड है?
में : नहीं गीता जी, में अभी तक बिल्कुल अकेला ही हूँ.
गीता : चल झूठे, मुझसे क्यों झूठ बोलता है?
में : नहीं गीता जी, में बिल्कुल सच बोल रहा हूँ.
गीता : लेकिन ऐसा क्यों?
में : क्योंकि मुझे बहुत प्यार करने वाली, मेरी हर बात मानने वाली और जो में बोलूं वो करे ऐसी लड़की चाहिए और वो मुझे अब तक नहीं मिली.
गीता : अच्छा जी.
में : हाँ.
फिर थोड़ी देर में मैंने एक दुकान पर कार रोक दी और कुछ खाने और पीने के लिए कोल्ड्रिंक, स्नेक्स लेकर आया और फिर गीता को दे दिया और हम वहां से हम निकल पड़े, मैंने केफ्री और टी-शर्ट पहना हुआ था और गीता ने मस्त काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और बिना बाहं का पीछे की तरफ से गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था और गीता के हाथ से कोल्ड्रिंक की बॉटल मेरे साइड नीचे गिर गयी और गीता वो उठाने नीचे झुकी तो मेरी जांघे पर उसकी गरम गरम साँसे महसूस हुई में और में गरम होने लगा और मेरे दिमाग में उसे चोदने का ख़याल आया.
फिर में गीता को अपनी बातों में फंसाने लगा और थोड़ी देर बाद गीता बोली कि एक बात बताओ, लेकिन तुम मुझे बिल्कुल सच बताना क्यों तुम इसे काम में लेते हो? तो में एकदम चौंक गया और बोला क्या इसे? तो उसने एकदम से मेरे खड़े लंड पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे से उसे सहलाने लगी, मैंने कार की स्पीड 100 से 60 कर दी.
गीता आगे की तरफ बढ़ी और उसने मेरी गर्दन पर किस किया, वो मुझे चूमती रही और वो नीचे की तरफ मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से दबाती रही जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा लोहे की तरह तन गया और फिर थोड़ी ही देर में गीता ने मेरी कॅप्री को हटा दी और अंडरवियर के ऊपर से उसने तंबू बने हुए लंड को किस किया. तो मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और दबाने लगा, गीता ने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया और लंड को देखते ही उसके मुहं से वाह कितना लंबा, मोटा लंड है निकल गया?
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और अब वो लंड को घूरने लगी और कहने लगी कि आदि इतना बड़ा मस्त लंड है, इसे तो में आज जी भरकर लोलीपोप की तरह चूसूंगी. तो मेरे कुछ कहने के पहले ही गीता ने मेरा लंड मुहं में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और वो अपना काम रही थी और सिसकियाँ भी ले रही थी उूुुउउम्म्म्मममम हमम्म्मममम और में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और फिर मैंने 5 मिनट में एक सुरक्षित जगह देखकर एक बड़े से पेड़ के नीचे कार को रोक दिया और कार का ऐसी तीन नंबर पर था तो मैंने उसे दो पर कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
