16-03-2024, 03:24 PM
मैं धीरे से डॉली के साथ अपना सेक्स का प्रोग्राम शुरू कर दिया और डॉली को गरम करना शुरू किया / जैसे जैसे मैं डॉली को गर्म करता गया डॉली की सिस्कारियां अपने आप ही तेज़ होती जा रही थी / डॉली की तो आदत ही थी कि जैसे जैसे मैं उसको चूमता था उसकी सिसकियाँ तेज़ और तेज़ होती जाती थी चाहे मैं उसकी चूत का फूल चूसूं या उसके भारी भारी मुम्मे चूसू या उसके रसीले होंठों को चुसुं / जैसे ही मैं उसके चूत के फूल को होंठों में भरकर चूसता था तो डॉली के चूतड़ अपने आप ही ऊपर की और उठ जाते थे और उसका शरीर कांपने लगता था //
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!