15-03-2024, 03:49 PM
मैंने अपना रस अपनी भानजी की चूत में छोड़ दिया. अब मैं पूरा थक चुका था तो मैं अपने बिस्तर पर जाकर सो गया. अगले दिन मेरी भानजी साजिया बहुत खुश दिख रही थी और मेरे साथ हंस हंस कर बातें कर रही थी और मौक़ा मिलने पर कामुकता भरी शरारतें भी कर रही थी.
लेकीन मेरी दीदी मेरे पास नाही आ रही थी और चलती भी लंगड़ा के मैं किसी बहाना से दीदी के पास गया और दीदी से पूछा कि दीदी क्या हुआ तभी दीदी गुस्से से कहा तू मेरे पास से हट जा चूत छिल गई हैं और गांड की तो अम्मी चोद दिया है मैं धीरे से वाहा से चला गया.
साजिया सब देख रही थी मैं जैसे ही नीचे आया तभी साजिया मेरे पास आई और बोली क्या हुआ डियर मामा जान अम्मी क्या बोली और साजिया मुस्कुराने लगी मैं गुसे से कहा साली भाव खा रही हैं तभी साजिया बोली मामा साली नाही ओ आपको। दीदी है
लेकीन मेरी दीदी मेरे पास नाही आ रही थी और चलती भी लंगड़ा के मैं किसी बहाना से दीदी के पास गया और दीदी से पूछा कि दीदी क्या हुआ तभी दीदी गुस्से से कहा तू मेरे पास से हट जा चूत छिल गई हैं और गांड की तो अम्मी चोद दिया है मैं धीरे से वाहा से चला गया.
साजिया सब देख रही थी मैं जैसे ही नीचे आया तभी साजिया मेरे पास आई और बोली क्या हुआ डियर मामा जान अम्मी क्या बोली और साजिया मुस्कुराने लगी मैं गुसे से कहा साली भाव खा रही हैं तभी साजिया बोली मामा साली नाही ओ आपको। दीदी है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
