15-03-2024, 03:43 PM
मैंने दीदी से बोला- अभी लण्ड थोड़ा बाकी है। तो वह बोलीं- इससे ज्यादा अन्दर नहीं जाएगा। अब दीदी ने मेरे लण्ड पर अपनी चूत को सरकाने की स्पीड बढ़ा दी, मुझे बहुत ही मजा आ रहा था, मैंने भी पीछे से धक्के लगाने चालू कर दिए। सब लोग सो रहे थे और बिल्कुल सन्नाटा होने की वजह से चुदाई की धीरे से आती हुई आवाज भी जोर से सुनाई दे रही थी ‘फच…फच..फच..’ थोड़ी देर में ही चूत ने पानी छोड़ दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
