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Incest दीदी चुद ही गयी
#52
मैं लण्ड को ऊपर से ही घिसने लगा। पैंटी की वजह से मजा नहीं आ रहा था.. तो मैंने उसे निकालने की सोची। वैसे तो पैंटी ढीली ही थी। मैंने पैंटी को थोड़ा खींचा तो तो वह थोड़ा खिसकी.. पर बड़ी गाण्ड की वजह से अटक गई। मैंने और कोशिश की.. पर कामयाबी नहीं मिली। इधर मेरे लण्ड का बुरा हाल हो रहा था और झटके खा रहा था।

मैंने बहुत जोर देकर पैंटी नीचे की ओर खींची तो वो सरक कर घुटनों तक चली गई। मुझे ऐसा लगा कि दीदी ने थोड़ी अपनी गांड ऊपर उठा के मेरा मदद की हो। दीदी थोड़ा हिलीं और फिर से सो गईं। अब उनकी गाण्ड बिल्कुल खुली थी। दीदी ने भी अपने घुटने पूरी तरह मोड़ लिए थे.. तो गाण्ड भी बहुत बड़ी और खुली लग रही थी।

मैंने अपना लण्ड फिर से गाण्ड की दरार में लगाया और घिसने लगा। बहुत ही गर्म गाण्ड थी.. पर लण्ड ज्यादा फिसल नहीं रहा था.. तो मैंने अपने पूरे लण्ड पर थूक लगाया और फिर थोड़ी देर घिसा। मेरे लण्ड का पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा था। मैंने उनकी जाँघों के बीच हाथ घुसाने की कोशिश की.. तो बड़ी मुश्किल से थोड़ी उंगलियां ही जा पाईं।

मुझे लगा कि इन टाइट जाँघों के बीच अपना लण्ड डाल के हिलाऊँगा तो जल्दी ही लण्ड शांत हो जाएगा। मैंने थोड़ा जोर लगाकर उनका एक पैर थोड़ा उठाया.. उतना कि लण्ड घुसा सकूँ। मैंने लण्ड बीच में सैट करके पैर नीचे रख दिया। अब मैं धीरे-धीरे से लण्ड हिलाने लगा.. पर मुझे लगा कि उनकी चूत कामरस छोड़ रही हो.. क्योंकि जाँघों के बीच चिकनाई होने लगी थी और लण्ड आसानी से फिसल रहा था।

मुझे लगा कि दीदी नींद में ही पानी छोड़ रही हैं। मैं अब लण्ड को चूत पर ही रख कर घिसने लगा। बहुत ही गर्म चूत थी और चिकनी भी बहुत ही ज्यादा थी। मैं थोड़ा पीछे हुआ और अपना हाथ नीचे ले जाकर चूत को टटोलने लगा। मैंने उंगली से चूत का छेद ढूंढकर उस पर थोड़ा दबाव बनाया.. तो थोड़ी उंगली अन्दर हो गई। मैंने देखा कि दीदी अभी गहरी नींद में ही हैं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी चुद ही गयी - by neerathemall - 15-03-2024, 03:42 PM



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