15-03-2024, 03:41 PM
(15-03-2024, 03:40 PM)neerathemall Wrote:दीदी बोली तेरा लंड तो फिर से खड़ा हो गया
मेरी उम्र 23 साल है.. मेरी कद-काठी ठीक है। रंग गेहुआ और दिखने में ठीक हूँ। मेरी रिश्तेदारी में एक शादी (निकाह) का मौका आया.. जिसकी वजह से मुझे गांव जाना पड़ा। उधर मेरा स्वागत किया गया। पहले तो थोड़ा नया-नया लगा.. फिर मैं भी सबके साथ शादी की तैयारियों में लग गया। अभी भी मेहमान आ रहे थे। Chut Kaamras Incest Porn
तब शाम को मेरी सगी बडी दीदी जो करीब पैंतीस साल की थीं.. उनको मैंने देखा, वो अभी भी जवान और खूबसूरत सेक्सी लग रही थीं। मैंने दीदी को तीन साल पहले देखा था, तब उनका शरीर उतना भरा हुआ नहीं था.. पर अब तो उनकी चूचियां बड़ी हो गई थीं और गाण्ड भी बहुत ज्यादा बाहर निकल आई थी।
दीदी की साथ में एक लड़की भी थी.. जो तक़रीबन अठारह साल की होगी। वह मेरी भांजी थी, उसका नाम साजिया था। वह बहुत ही गोरी-चिट्टी थी। जब हंसती थी.. तो उसके गाल में छोटे गड्डे बनते थे। उसकी बड़ी-बड़ी आँखें बहुत ही सुन्दर लग रही थीं। उसके चूचे ज्यादा बड़े नहीं थे.. पर गाण्ड थोड़ी बड़ी थी। इतनी गदराई हुई गाण्ड थी कि उसकी जीन्स में मुश्किल से सम्भली हुई थी.. लगता था कि अभी जीन्स फट जाएगी।
मैंने उससे बात करने की कोशिश की.. पर वो कोई न कोई बहाना बनाकर दूसरी लड़कियों के साथ भाग जाती थी। मैंने दीदी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उसे लड़कों से बात करना अच्छा नहीं लगता। शाम को खाना खाने के बाद सब लोग छत पर सोने के लिए चले गए। जब मैं गया.. तो जगह नहीं थी। तभी दीदी ने मुझे आवाज लगाई।
मैंने देखा कि उनका बिस्तर कोने में था और वह उनकी बेटी के साथ सो रही थी, बीच में थोड़ी जगह थी। उनके कहने पर मैं बीच में ही लेट गया.. पर जगह बहुत कम थी। बाद में दीदी मुझसे मेरे बारे में सब बात करने लगी.. पर मैं उनकी तरफ मुँह करके लेटा हुआ था.. तो मेरा लण्ड उनके कूल्हे से लगा हुआ था और धीरे-धीरे टाइट हो रहा था।
अब मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो चुका था। शायद दीदी ने उसे महसूस कर लिया था.. तो वो और मुझसे चिपकने लगीं और सेक्सी बातें करने लगीं। मैं बहुत गर्म हो गया, शायद वो भी बहुत गर्म हो गई थीं। वो नींद का बहाना करके उधर मुँह करके सो गईं। हमारे बीच न के बराबर की जगह बची थी। थोड़ी देर बाद वह और थोड़ा सा पीछे को ऐसे खिसकीं.. जैसे वह नींद में हों.. और मेरा लण्ड उनकी गाण्ड की दरार में फिट हो गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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