15-03-2024, 03:29 PM
पर मेरा लंड अभी भी दीदी की फुदी में ही फंसा हुआ था। जब दीदी मुझ पर से हटी तो मेरा लंड फुदी से बाहर निकल गया जिस पर खून लगा हुआ था। दीदी जिसे देख कर डर गई और फिर अपनी टांगें चौड़ी कर के फुदी पे हाथ फेरने लगी तो हाथ खून से लाल हो गया। दीदी बहुत डर गई और कहने लगी कि अब क्या होगा। मै अपनी सुहगरात को पति को क्या जवाब दूंगी। तो मैने कहा देखो दीदी हर पति मेरे भाई जैसा पागल नहीं होता।
आजकल खेलने कूदने वाली लड़कियों की सील खुद ही टूट जाती है और अगर पूछे तो तुम भी बता देना कि एक बार मेरे पेट में बहुत दर्द हुआ था. तो डाक्टरनी ने चैक करते समय हाथ से मेरी फुदी से खून निकाल दिया था। यह सुन कर दीदी खुश हो कर हंसने लगी और गीला तौलिया लेकर मेरे अपनी फुदी से खून साफ कर के मेरे लंड से से खून साफ करने लगी।
फिर उसने मेरे लंड के टोपे की चुम्मी ली और बोली राजू तू कितना अच्छा है. तूने मेरे दो काम कर दिए एक तो मेरी गांड को बिना दर्द किये थोड़ा लूज़ किया और दूसरा मेरी फुदी को चूत बना दिया। मैं जब भी सैक्स करूंगी तेरी याद जरूर आएगी। तो मैने कहा देखो दीदी मेरा लंड तुम्हें देख कर कितना तना हुआ है मैं इसका क्या करूं। तो दीदी बोली तू जो चाहेगा में करूगी बोल क्या करूं।
मैने दीदी को खाट पर पीठ के वल लेटा कर उसकी टांगें चौड़ी कर दीं. और उस की चूत को प्यार से चाट कर गीला करके अपने लंड पर थूक लगा चूत पर घिसने लगा. तो दीदी फिर से गरम हो गई और आहें भरने लगी तो मैने लंड चूत के सुराख पर रख कर जोर से धक्का लगाया तो आधा लंड अंदर चला गया। मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा तो दीदी ने मेरी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो मेरा पूरा ल़ंड चूत में घुस गया। “
फिर मैं दीदी के मम्मों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा तो दीदी भी नीचे से गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। और बोली कि राजू मेरी चूत को जी भर के चोद ले पर अगर अपना पानी चूत में मत निकाल देना नहीं तो हम दोनों को आत्महत्या करनी पड़ेगी। मैने कहा दीदी ऐसा कभी नहीं होगा। यह सुन कर दीदी खुश हो कर चुदवाती रही और झड़ गयी और उसने शरीर ढीला छोड़ दिया।
मेरा छूट नहीं रहा था तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और दीदी को बोला दीदी अब आप घोडी़ बन जाओ बहुत मजा आएगा। तोद दीदी झटसे गुटनों के वल हो गई और मेरे सामने अपनी गांड खड़ी कर के घोडी़ बन गयी। मैने दीदी की गांड पे थूक लगाया और अपना लंड उसमें घुसाने लगा तो दीदी दर्द से हाय हाय करने लगी मैं प्यार से धक्के लगाने लगा।
थोड़ी देर बाद दीदी नार्मल हो गयी और बोली राजू तूने कभी घोडी़ की ली है क्या तो मैने कहा कि कई बार ली है बहुत मजा आता है। क्योंकि घोडी़ की चूत पर बाल नहीं होते और वह लंड को एसे चूसती है जैसे तुम अपने मुंह में लेकर चूस रही थी। यह सुन कर दीदी हंसने लगी और अपनी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी। मुझे बहुत मजा आने लगा और मैने भी जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किए और अपने लंड का पानी दीदी की गांड में निकाल दिया।
थोड़ी देर बाद हम ने कपड़े पहन लिए और फिर खाना खाया। बारिश बंद हो चुकी थी और तेज धूप निकल आई थी। हमने खाट आम के पेड़ के नीचे लगाई और बातें करने लगे। तो दीदी बोली अब तूने मुझे दोनों तरफ चोद दिया है, अब तू मुझे मेरी शादी तक कभी भी चोद सकता है तो मैने कहा तेरी शादी के बाद मै क्या करूंगा। तो दीदी ने कहा कि मैं तेरे लिए इससे भी बढिया चूत का इंतजाम कर दूंगी। पर तू उस को प्यार से रक्खना। मैने उत्सुक हो कर पूछा कि वह कोन है तो दीदी ने कहा कि तेरी भाभी है।
आजकल खेलने कूदने वाली लड़कियों की सील खुद ही टूट जाती है और अगर पूछे तो तुम भी बता देना कि एक बार मेरे पेट में बहुत दर्द हुआ था. तो डाक्टरनी ने चैक करते समय हाथ से मेरी फुदी से खून निकाल दिया था। यह सुन कर दीदी खुश हो कर हंसने लगी और गीला तौलिया लेकर मेरे अपनी फुदी से खून साफ कर के मेरे लंड से से खून साफ करने लगी।
फिर उसने मेरे लंड के टोपे की चुम्मी ली और बोली राजू तू कितना अच्छा है. तूने मेरे दो काम कर दिए एक तो मेरी गांड को बिना दर्द किये थोड़ा लूज़ किया और दूसरा मेरी फुदी को चूत बना दिया। मैं जब भी सैक्स करूंगी तेरी याद जरूर आएगी। तो मैने कहा देखो दीदी मेरा लंड तुम्हें देख कर कितना तना हुआ है मैं इसका क्या करूं। तो दीदी बोली तू जो चाहेगा में करूगी बोल क्या करूं।
मैने दीदी को खाट पर पीठ के वल लेटा कर उसकी टांगें चौड़ी कर दीं. और उस की चूत को प्यार से चाट कर गीला करके अपने लंड पर थूक लगा चूत पर घिसने लगा. तो दीदी फिर से गरम हो गई और आहें भरने लगी तो मैने लंड चूत के सुराख पर रख कर जोर से धक्का लगाया तो आधा लंड अंदर चला गया। मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा तो दीदी ने मेरी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो मेरा पूरा ल़ंड चूत में घुस गया। “
फिर मैं दीदी के मम्मों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा तो दीदी भी नीचे से गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। और बोली कि राजू मेरी चूत को जी भर के चोद ले पर अगर अपना पानी चूत में मत निकाल देना नहीं तो हम दोनों को आत्महत्या करनी पड़ेगी। मैने कहा दीदी ऐसा कभी नहीं होगा। यह सुन कर दीदी खुश हो कर चुदवाती रही और झड़ गयी और उसने शरीर ढीला छोड़ दिया।
मेरा छूट नहीं रहा था तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और दीदी को बोला दीदी अब आप घोडी़ बन जाओ बहुत मजा आएगा। तोद दीदी झटसे गुटनों के वल हो गई और मेरे सामने अपनी गांड खड़ी कर के घोडी़ बन गयी। मैने दीदी की गांड पे थूक लगाया और अपना लंड उसमें घुसाने लगा तो दीदी दर्द से हाय हाय करने लगी मैं प्यार से धक्के लगाने लगा।
थोड़ी देर बाद दीदी नार्मल हो गयी और बोली राजू तूने कभी घोडी़ की ली है क्या तो मैने कहा कि कई बार ली है बहुत मजा आता है। क्योंकि घोडी़ की चूत पर बाल नहीं होते और वह लंड को एसे चूसती है जैसे तुम अपने मुंह में लेकर चूस रही थी। यह सुन कर दीदी हंसने लगी और अपनी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी। मुझे बहुत मजा आने लगा और मैने भी जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किए और अपने लंड का पानी दीदी की गांड में निकाल दिया।
थोड़ी देर बाद हम ने कपड़े पहन लिए और फिर खाना खाया। बारिश बंद हो चुकी थी और तेज धूप निकल आई थी। हमने खाट आम के पेड़ के नीचे लगाई और बातें करने लगे। तो दीदी बोली अब तूने मुझे दोनों तरफ चोद दिया है, अब तू मुझे मेरी शादी तक कभी भी चोद सकता है तो मैने कहा तेरी शादी के बाद मै क्या करूंगा। तो दीदी ने कहा कि मैं तेरे लिए इससे भी बढिया चूत का इंतजाम कर दूंगी। पर तू उस को प्यार से रक्खना। मैने उत्सुक हो कर पूछा कि वह कोन है तो दीदी ने कहा कि तेरी भाभी है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.