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Incest भैया से ट्रेन में चुदाई
#62
मैं और शालू दीदी एक ही चादर ओढ़ कर चारपाई लेटकर बातें करने लगे इतने मे बारिश और तेज हो गई और लाईट चली गई। ठंड और फुहारों के कारण दीदी ने मेरे पेट से अपनी पीठ लगा कर लेट गई और बातें करने लगी। उसकी चौड़ी गांड को छूकर मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मैं थोड़ा पीछे हट गया ताकि शालू दीदी को पता न चले पर दीदी को ठंड लग रही थी.

तो उसने अपनी गांड और पीछे कर दी तो मैं झट से पीठ के वल लेट गया. कि मेरा लंड दीदी को न चुभ जाए जो कि मेरे लोअर मे तम्बू की तरह खड़ा हो गया था. पर दीदी पलट कर मेरी तरफ मुंह करके लेट गई और मुझे खींच कर अपनी बाहों मे कस लिया। उसके बडे़ बडे़ मम्में मेरे मुंह से लगने लगे क्योंकि वह काफ़ी लम्बी जवान थी. और उसने अपनी एक टांग मोड कर मेरे ऊपर रख दी जो मेरे तने हुए लंड से टकरा गयी।

दीदी ने आहिस्ता से अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और उस को दबा कर देखा। फिर मेरे कान मे कहा कि यह तो बहुत मोटा और लम्बा हो गया है। फिर उस ने मेरी टीशर्ट ऊपर उठाई और अपना कुर्ता ऊपर उठा कर अपने मोटे मोटे मम्मों को नंगा कर दिया। वह मेर पेट पे हाथ फेरती हुई अपना हाथ मेरे लोअर के अंदर तक ले गयी और मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया. और उस को हाथ को आगे पीछे करने लगी मुझे बहुत मजा आने लगा मै आहें भरने लगा और उस की तरफ घूम गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भैया से ट्रेन में चुदाई - by neerathemall - 15-03-2024, 03:24 PM



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