15-03-2024, 03:23 PM
(15-03-2024, 03:22 PM)neerathemall Wrote:दीदी टांगे चौड़ी करके अपनी चूत का छेद दिखने लगी मुझे
मेरी चचेरी बहन जिस का नाम नाम शालू है और जो मुझ से चार साल बड़ी है उस से चुदाई की है। बरसात का मौसम था और अंधेरा होने वाला था, मैं अपनी मां के कहने पर पके हुए आम की टोकरी उठा कर अपने चाचाजी के घर देने गया था जो कि कुछ दूरी पर रहते हैं। दीदी टांगे चौड़ी करके अपनी चूत का छेद दिखने लगी मुझे.
जब मैं बापस आने लगा तो चाचा जी ने कहा कि थोड़ी देर बाद गप्प छप्प लगा के चले जाना. तो मैं रुक गया और खुले बराम्दे में एक किनारे पर लगी हुई चारपाई पर बैठ गया, और दूसरे किनारे पर लगी चारपाई पर बैठे हुए चाचा चाची से बातें करने लगा। इतने मे शालू दीदी मेरे पास आकर बैठ गयी और बातें करने लगी।
तभी आसमान पर बिजली चमकने लगी और बारिश शुरू हो गई। बातों बातों में कब अंधेरा हो गया पता ही नहीं चला इतने मे जोर जोर से बादल गर्जने लगे, और और पानी की फुहारें बराम्दे के अंदर तक आने लगीं। हमें ठंड लगने लगी और मेरी शालू दीदी कमरे से चादरें और सिरहाने ला कर चाचा चाची और मुझ को देने लगी. तो चाचाजी ने सब को अंदर कमरे में चलने को बोला लेकिन शालू दीदी ने कहा कि आप जाओ मैं और राजू यहां पर बैठ कर बातें करेंगे और बारिश का मजा लेंगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.