15-03-2024, 12:43 PM
मनोज- “क्या यार?? तुम भी न ऐसे ही हमेशा के एल पी डी कर देती हो”
सलोनी- “हा हा हा हा… मुझे पता है तुम्हारे के एल पी डी का मतलब और ज्यादा हिलाओ मत कहीं यन मेरी जींस में छेद ना कर दे”
मनोज- “हा हा… तो दे दो ना इस बेचारे का छेद इसको फिर अपने आप ढूंढ़ना बंद कर देगा”
सलोनी- “जी नहीं, यहाँ नहीं है इसका छेद, इसको कहीं और घुसाओ”
मनोज- “अरे यार, कम से कम इसको छेद दिखा तो दो, बेचारा कब से परेशान है”
सलोनी- “अच्छा जैसे पहले कभी देखा ही नहीं हो। अब तो रहने ही दो”
मनोज- “अरे यार तब की बात अलग थी। तब तो मैं दोस्त का माल समझ कुछ ध्यान से नहीं देखता था”
सलोनी- “हाँ हाँ मुझे सब पता है। कितना घूरते थे और मौका लगते ही छूते और सहलाते थे वो तो मैंने कभी विनोद से कुछ नहीं कहा वरना तुम्हारी दोस्ती तो ही गई थी। हे हे…”
मनोज- “अच्छा तो यह तुम्हारा अहसान था?”
सलोनी- “और नहीं तो क्या…”
मनोज- “तो थोड़ा सा अहसान और नहीं कर सकती थीं। पता नहीं था क्या कि मैं कितना परेशान रहता था”
सलोनी- “वैसे सच बोलूं! तुमने कभी हिम्मत नहीं की तुम्हारे पास तो कई बार मौके थे और शायद मैं मना भी नहीं करती”
मनोज- “अच्छा इसका मतलब मैं बेबकूफ था। ऐं ऐं ऐं ऐं…”
सलोनी- “हा हा… हा हा… हा हा… ओह… रहने दो न, बहुत गुदगुदी हो रही है। अहा… ये क्या कर रहे हो?? अरे छोड़ो न इन्हें”
मनोज- “यार सच बहुत जानदार हो गए हैं तुम्हारे बूब, कितना मजा आ रहा है इनको पकड़ने में”
सलोनी- “देखो मैं अब जा रही हूँ ओके... तुम बहुत परेशान कर रहे हो…”
मनोज- “अरे यार तुमने ही तो कहा था अब कोशिश कर रहा हूँ तो मना कर रही हो”
सलोनी- “ये सब उस समय के लिए बोला था अब मैं किसी और की अमानत हूँ”
मनोज- “अरे यार, मैं कौन का अमानत में ख़यानत कर रहा हूँ। जैसी है वैसी ही पैक करके पहुँचा दूंगा”
सलोनी- “हाँ मुझे पता है, कैसे पैक करोगे, मेरे मियां को दाग पसंद नहीं है समझे बुद्धू”
मनोज- “कह तो ऐसे रही हो जैसे अब तक बिल्कुल साफ़ और चिकनी हो? न जाने कितने दाग लग गए होंगे?”
सलोनी- “जी नहीं, मेरी उस पर एक भी दाग नहीं है, जैसे तुमने पहले देखी थी अब तो उससे भी ज्यादा अच्छी हो गई है”
ओह माय गॉड! इसका मतलब विनोद तो उसका बॉय फ्रेंड था ही… फिर यह मनोज भी क्या उसको नंगी देख चुका है। मैं और भी ध्यान से उनकी बातें सुनने लगा। मैं एक लाइव ऑडियो सुनते हुए अपनी ही सेक्सी बीवी के रोमांस की कल्पना कर रहा था कि कैसे मेरी प्यारी सलोनी अपने पुराने दोस्त कि गोदी में बैठी होगी। उसने क्या-क्या पहना होगा…
वैसे उनकी बातों से लग रहा था कि उसने जीन्स और टॉप या शर्ट पहनी होगी। मनोज ना जाने कहाँ कहाँ और किन किन अंगों को छू रहा होगा और मसल रहा होगा। मनोज का लण्ड ना जाने कितना बड़ा होगा और सलोनी के मखमल जैसे चूतड़ों में कहाँ रगड़ रहा होगा या हो सकता है कि गड़ा होगा। ये विचार आते ही मेरा कई बार का झड़ा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा।
मैं अपने हाथों से अपने लण्ड को मसलते हुए उनकी बातें सुनते हुए मस्त होने लगा। मुझे मधु से जलन सी होने लगी कि वो तो लाइव मजे ले रही होगी और मैं यहाँ केवल सुन पा रहा हूँ। तभी उनकी आवाजें आने लगी…
सलोनी- ओह मनोज! तुम क्या कर रहे हो?? समझा लो अब अपने इस पप्पू को। ठीक से बैठने भी नहीं दे रहा”
मनोज- “कहाँ यार! कितना तो शांत है वरना इतने पास घर का द्वार देख अब तक तो दरवाजा तोड़कर अंदर घुस जाता”
सलोनी- “हाँ हाँ रहने दो, यह दरवाजा इसके लिए नहीं खुलेगा और खिला क्या रहे हो आजकल इसको जो इतना मोटा होता जा रहा है पहले तो काफी कमजोर था ना हा हा हा…”
मनोज- “हाँ हाँ… उड़ा लो मजाक, तुमको तो उस समय केवल विनोद का ही पसंद आता था। मेरा कभी तुमने ध्यान दिया? हाथ तक तो नहीं लगाती थी। हर समय विनोद का ही पकड़े रहती थीं। पता है उस समय मेरे इस पर क्या गुजरती थी??”
सलोनी- “अच्छा तुम ही हर समय वहीं घुसे रहते थे। तुमको तो देखने में ना जाने क्या मजा आता था?? छुप-छुप कर हमको ही देखते रहते थे और झूट मत बोलो मुझे याद है अच्छी तरह से 2-3 बार मैंने तुम्हारे लल्लू को पकड़ा तो था तभी तो उसकी सेहत के बारे में याद है”
मनोज- “हाँ सब पता है, मुझे देखने को भी मना करते थे। हर समय कहीं ना कहीं भेजने का सोचते रहते थे और उसको पकड़ना कहते हैं क्या?? कभी मेरे इस बेचारे को पकड़कर किस किया? प्यार से चूमा क्या तुमने? बस पकड़कर पीछे को धकेल दिया। तुमको पता है कितना गुस्सा आता था मुझे?”
सलोनी- “हाँ, उस समय तुमको बचा लेती थी बच्चू, अगर विनोद को मालूम हो जाता कि तुम भी अपना लिए फिर रहे हो न तो सोचो वो क्या कर देता। उसको तुमसे बहुत प्यार था इसलिए देखने या छूने में कुछ नहीं कहता था मगर इसका मतलब यह थोड़े ही था कि सब कुछ कर लेते”
मनोज- “अरे यार, मुझे पता होता कि तुम किसी और से शादी करने वाली हो तो कसम से मैं नहीं छोड़ता। वो तो विनोद कि वजह से मैं शांत रहता था”
सलोनी- “अच्छा जी, तो क्या करते???”
मनोज- “अच्छा तो बताऊँ, यह देख, जैसे पूरी नंगी लेटी रहती थी ना और मेरे पूरे घर में घूमती रहती थी ना जाने कितनी बार”
सलोनी- “अह्ह्हाआ ओह धीरे से… क्या कितनी बार??? हे हे…”
मनोज- “अरे यार, तुम्हारे इस प्यारे से छेद को अपने पप्पू से पूरा भर देता”
सलोनी- “ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ… वहाँ से अपना हाथ हटाओ, ऊपर रखने दिया बस उतना ही बहुत है”
मनोज- “अरे यार, ऊपर से ही रख रहा हूँ, कौन सा चेन खोलकर अंदर डाल दिया”
सलोनी- “सोचना भी मत”
मनोज- “अरे इतना नखरा क्यों कर रही हो?? दिखा दो ना एक बार, देखूँ तो सही, पहले में और अब में कितना अंतर आ गया”
सलोनी- “नहीं जी, कोई अंतर नहीं आया, अभी भी पहले जैसी ही है और अब यह किसी की अमानत है! समझे? जब मौका था तब तो तुमने चखा नहीं तो अब तो तुमको देखने को भी नहीं मिलेगी”
मनोज- “और अगर जब विनोद आएगा तो उसको भी मना करोगी?”
सलोनी- “और नहीं तो क्या?? उसकी भी शादी हो गई मेरी भी, अब उसको क्या मतलब?? वो तो तुमने अभी तक शादी नहीं की इसलिए तुमको थोड़े मजे करा दिए पर इससे ज्यादा कुछ नहीं, समझे बुद्दू?”
TO BE CONTINUED ....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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