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Adultery रंगीली बीबी
#54
Heart 
नीलू का मस्ताना हुस्न नंगा होने को तैयार मेरे सामने खड़ा था, उसने अपनी कुर्ती पेट से ऊपर कर ली थी। उसकी पतली कमर और सुतवाँ पेट बहुत धीरे धीरे मेरे सामने फूलता पिचकता अपनी बैचेनी बता रहा था। उसकी नाभि पर एक चुम्मा लेते हुए मैंने हलकी सी गुदगुदी की।

नीलू- “अह्ह्ह्हाआआ…”

मैं उसकी लेग्गिंग को उसके चूतड़ों से नीचे करते हुए आगे से जैसे ही नीचे कर उसकी जाँघों तक लेकर गया, नीलू की चिकनी चूत अपने दोनों होंठों को कंपकंपाते हुए मेरे सामने आ गई। उसने अपनी चूत को बिल्कुल चिकना किया हुआ था। इसका कारण यह था कि मुझे इस जगह एक भी बाल पसंद नहीं।

तो नीलू भी नियमित हेयर रिमूवर का उपयोग करती है। मैंने कभी उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं देखा था। मैं ध्यान से उसकी चूत को देखने लगा। नीलू ने भी अपने चूतड़ों को आगे को कर अपनी चूत को उभार दिया। उसकी चूत पर हल्के हल्के निशान दिख रहे थे जो खुजाने से सफ़ेद भी हो रहे थे।

मैंने अपनी उँगलियों को उसकी चूत पर फेरते हुए ही कहा- “क्या जानेमन? कुछ चिकना तो लगा लेती, लगता है तुमने कुछ नहीं लगाया”

नीलू की आँखें बंद होने लगी थी। वो मेरे स्पर्श का पूरा आनंद ले रही थी।

नीलू- “ओह्ह्ह्ह हाँ सर, पर मैंने सुना है कि आदमी के थूक से अच्छा कुछ नहीं होता”

तो ऐसी है मेरी नीलू! वो मुझे अपनी चूत चाटने का साफ़ साफ़ इशारा कर रही थी। उसकी चूत देखकर मेरा भी दिल फिर से चुदाई का करने लगा था। मेरे लण्ड ने अंडरवियर के अंदर अपना सिर उठाना शुरू कर दिया था।

मैंने नीचे झुककर उसकी चूत की गन्ध ली। एक अलग ही मीठी मीठी सी खुशबू वहाँ फैली हुई थी। मैंने अपनी जीभ निकाली और नीलू की चूत को चारों ओर से चाटा।

नीलू- “आआह्ह्ह्ह्ह… हाआआ… ओह्ह्ह… इइइइइ…”

वो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाई, उसके मुख से तेज सिसकारियों की आवाज निकलने लगी। मैं अपनी पूरी कला का प्रदर्शन करते हुए अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को पकड़ अपनी ओर कर मस्त हो उसकी चूत का स्वाद ले रहा था। मेरी जीभ नीलू की चूत के हर कोने को अपनी नोक से छेड़ रही थी।

करीब दस मिनट में ही वो इतनी गर्म हो गई कि वो मेरी कुर्सी को पीछे को खिसका एक ओर को आ गई फिर अपने सैंडल एक तरफ को उतार वो अपनी लेग्गिंग पूरी तरह से निकाल मेरी मेज पर रख दी।

नीलू जब लेग्गिंग को अपने पंजों से निकालने में पूरी झुकी थी।

तब उसके चूतड़ मुझे इतने प्यारे लगते हैं कि मैंने एक तेज चपत उसके चूतड़ों पर लगा दी। उसके चूतड़ पर एक लाल निशान तुरंत पड़ गया और वो मस्त हिलने लगे।

नीलू- “ओह्ह्ह्ह्ह…”

उसने बस अपनी कमर हिला कर हल्का सा दर्द का अहसास कराया मगर कुछ मना नहीं किया। मैंने उस जगह को सहला उसके दर्द को कम करने की कोशिश की।फिर नीलू अपनी कुर्ती भी निकाल मेरी मेज पर रख पूरी नंगी हो गई, उसकी तनी हुई चूचियाँ और हल्क्र भूरे निप्पल तेज तेज सांसों के साथ मस्त तरीके से हिल रहे थे।

मैंने दोनों कबूतरों को प्यार से सहलाया- “अहा अब सांस आई बेचारों को”

नीलू जोर से हंस पड़ी- “ठीक है सांस लेने के लिए इनको खुला ही रहने देती हूँ। फिर जो होगा, आप देख लेना”

मैं अपने होंठों से उसके निप्पल पकड़ चूसने लगा।

एक बार फिर वो सेक्सी सिसकारियाँ भरने लगी- “आःह्हाआआ… बस अब छोड़ भी दो ना सर, क्या आप भी, कॉफ़ी के समय दूध पीने में लगे हो”

उसको पता था कि मैं साधारणतया इस समय कॉफ़ी पीता हूँ।

मैं- “यह तो तुम्हारी गलती है ना, कॉफ़ी की जगह मेरे सामने दूध क्यों रखा?”

नीलू तुरंत गम्भीर हो गई, उसने मेज पर रखे इण्टरकॉम पर दो कॉफ़ी का आर्डर भी दे दिया।

मैं- “अच्छा! अब क्या मदन लाल के सामने नंगी रहोगी?”

मदन लाल हमारा चपरासी है।

नीलू- “मेरे को कोई फर्क नहीं पड़ता, आप ही सोचो कि क्या बोलोगे”

मैं- “हा हा हा, अच्छा खिलाओगी क्या? यह तो बताओ”

नीलू नीचे को बैठ मेरी पेंट खोलते हुए- “मेरे पास तो मजेदार स्नैक्स है। अब अपनी बताओ क्या खाओगे?”

वो अंडरवियर से मेरे आधे खड़े लण्ड को बाहर निकाल सहलाने लगी।

मैंने भी उससे मस्ती करने की सोची। मैंने पास की डोरी खींच शीशे के ऊपर से परदे को हटा दिया। अब बाहर 15 लोगों का पूरा स्टाफ दिख रहा था। जिनमें 11 मर्द और 4 लड़कियाँ थीं।

मैं- “तो बता कौन सा लूँ?”

नीलू मुस्कुराते हुए- “जो आपकी मर्जी हो” फिर थोड़ा सा चिढ़कर- “जो अंदर है वो तो अब आपको दिख ही नहीं रहा होगा”

नीलू मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। तभी बाहर ठक ठक हुई…

मदन लाल – “कॉफ़ी साहब”

दिन के 11 बजे थे। मैं अपने ऑफिस में, अपने केबिन में था, मेरा पूरा स्टाफ अपने काम में लगा था। केबिन के परदे हटे हुए थे और सीशे से सारा स्टाफ दिख रहा था।

और ऐसी स्थिति में भी मैं अपनी रिवॉल्विंग चेयर पर बैठा था, मेरा लण्ड मेरी पैंट से बाहर था जिसे मेरी पर्सनल सेक्रेटरी अपने पतले हाथों में लिए चूस रही थी और वो इस समय पूरी नंगी थी, उसके कपड़े मेरी ऑफिस की मेज पर रखे थे।

TO BE CONTINUED ....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 18-02-2024, 02:17 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 19-02-2024, 10:11 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 12:42 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 06:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 22-02-2024, 08:58 PM
RE: रंगीली बीबी - by sri7869 - 23-02-2024, 12:54 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 25-02-2024, 05:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vamp - 26-02-2024, 04:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 01-03-2024, 04:19 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 02-03-2024, 11:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 06-03-2024, 06:58 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 06-03-2024, 08:05 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 10-03-2024, 02:08 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 11-03-2024, 10:33 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 02:53 AM
RE: रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 12-03-2024, 04:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 05:54 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 18-03-2024, 09:06 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 18-03-2024, 09:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 19-03-2024, 07:07 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 26-03-2024, 09:25 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-03-2024, 07:28 AM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 28-03-2024, 08:26 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 31-03-2024, 10:13 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 01-04-2024, 04:26 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 24-04-2024, 02:04 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 24-04-2024, 10:52 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-04-2024, 10:14 PM
RE: रंगीली बीबी - by Samar78 - 29-04-2024, 04:18 PM
RE: रंगीली बीबी - by Apkeliya - 20-05-2024, 10:08 AM
RE: रंगीली बीबी - by urb0nd - 23-05-2024, 02:00 PM



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