12-03-2024, 04:21 PM
(This post was last modified: 12-03-2024, 04:44 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
किउनका बार बार मुझे बेटा बुलाना मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था.
‘ऊपर से लेकर नीचे तक आप पूरी सुन्दर हैं आंटी.’
‘अपनी आंटी को बताओ ना ठीक से कि उसके भतीजे को आंटी का क्या पसंद है?’
ये सुनकर मेरा लंड जो अब पूरी तरह खड़ा था, अन्दर ही फुंफकार मारने लगा.
‘आंटी आप पास आइए, तो आपके कान में बता सकता हूं. ऐसे बोलने में मुझे शर्म आएगी.’
आंटी खिसक कर मेरे पास आईं और अपने कान मेरे होंठों के पास ले आईं और बोलीं- बोल दो सब.
‘आपके बाल.’
‘और?’
‘आपकी आंखें.’
‘और?’
‘आपके होंठ.’
‘और?’
‘आपकी गर्दन.’
हम दोनों के ही बीच एक दूरी जो थी, वो खत्म हो चुकी थी और अब आंटी ने पूछना भी बंद कर दिया था.
उनकी आंखें बंद हो चुकी थीं लेकिन मैंने बताना बन्द नहीं किया था.
हम दोनों को ही पता था कि इस मौसम में किसी को आना नहीं था और शाम तक बस हम दोनों ही घर में अकेले थे.
इस मौके फायदा कहीं ना कहीं अब हम दोनों ही उठाना चाहते थे.
मैं आंटी को आगे बताता गया कि उनके बदन में मुझे क्या क्या सुन्दर लगता है.
‘आपके दूध, आपका गोरा पेट, आपके गोल चूतड़ आंटी.’
ये कहकर मैंने उनके कान पर किस कर लिया.
आंटी अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं. उनकी तेज़ चलती सांसों की गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी.
मैंने हिम्मत करते हुए आंटी के गाल पर भी किस कर लिया.
आंटी अभी भी आंखें बन्द कर मेरे सामने बैठी थीं.
मैंने अब और हिम्मत दिखाई और आंटी का लेफ्ट साइड वाला दूध पकड़ लिया.
आंटी की सिसकारी निकली और उन्होंने कहा- ओह निखिल, तेरे अंकल के बाद आज पहली बार किसी ने मेरे बूब्स पकड़े हैं.
ये सुनकर मैं और उत्तेजित हो गया और उनके पीछे बैठ गया.
साइड से दोनों हाथ आगे निकालकर उनके दोनों दूध दबाने लगा.
आंटी ने अब अपना पूरा बदन ढीला छोड़ दिया था और मेरे ऊपर टेक लेकर टांगें आगे फैलाकर बेड पर बैठकर अपने बूब्स मसलवा रही थीं.
मैं पीछे से उनकी गर्दन पर पागलों की तरह चूम चाट रहा था और वो मेरे हर चुम्मे पर सिसक रही थीं.
उन्होंने कहा- निखिल अपनी आंटी को नंगी कर दे.
ये सुनकर मैं पागल सा होने लगा.
एक चालीस साल की अधेड़ उम्र की औरत से ऐसा कुछ सुनकर मेरा लंड फटने को होने लगा.
मैंने उनकी टी-शर्ट और बाक्सर उतार दिए.
अब शजिया आंटी पूरी की पूरी नंगी मेरे सामने मेरे बेड पर बैठी थीं. मैं भी उनके सामने बेड पर ही खड़ा हो गया.
मेरा तना हुआ लंड मेरे शार्ट्स से दिख रहा था.
आंटी अपने घुटनों पर बैठीं और धीरे से मेरे शार्ट्स और चड्डी उतारकर अलग कर दिया.
अब मेरा लंड उनके चेहरे के सामने था. वो मुझे और मेरे लंड को नजरें उठाकर देख रही थीं.
‘कभी सोचा था बेटा तेरी आंटी तेरे बेड पर नंगी होकर तेरा लंड चूसेगी?’
ये कहकर गप्प से शज़िया आंटी ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और मस्त होकर आगे पीछे अन्दर बाहर करके लंड चूसने लगीं.
मैं आनन्द के सागर में खोने लगा.
‘ऊपर से लेकर नीचे तक आप पूरी सुन्दर हैं आंटी.’
‘अपनी आंटी को बताओ ना ठीक से कि उसके भतीजे को आंटी का क्या पसंद है?’
ये सुनकर मेरा लंड जो अब पूरी तरह खड़ा था, अन्दर ही फुंफकार मारने लगा.
‘आंटी आप पास आइए, तो आपके कान में बता सकता हूं. ऐसे बोलने में मुझे शर्म आएगी.’
आंटी खिसक कर मेरे पास आईं और अपने कान मेरे होंठों के पास ले आईं और बोलीं- बोल दो सब.
‘आपके बाल.’
‘और?’
‘आपकी आंखें.’
‘और?’
‘आपके होंठ.’
‘और?’
‘आपकी गर्दन.’
हम दोनों के ही बीच एक दूरी जो थी, वो खत्म हो चुकी थी और अब आंटी ने पूछना भी बंद कर दिया था.
उनकी आंखें बंद हो चुकी थीं लेकिन मैंने बताना बन्द नहीं किया था.
हम दोनों को ही पता था कि इस मौसम में किसी को आना नहीं था और शाम तक बस हम दोनों ही घर में अकेले थे.
इस मौके फायदा कहीं ना कहीं अब हम दोनों ही उठाना चाहते थे.
मैं आंटी को आगे बताता गया कि उनके बदन में मुझे क्या क्या सुन्दर लगता है.
‘आपके दूध, आपका गोरा पेट, आपके गोल चूतड़ आंटी.’
ये कहकर मैंने उनके कान पर किस कर लिया.
आंटी अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं. उनकी तेज़ चलती सांसों की गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी.
मैंने हिम्मत करते हुए आंटी के गाल पर भी किस कर लिया.
आंटी अभी भी आंखें बन्द कर मेरे सामने बैठी थीं.
मैंने अब और हिम्मत दिखाई और आंटी का लेफ्ट साइड वाला दूध पकड़ लिया.
आंटी की सिसकारी निकली और उन्होंने कहा- ओह निखिल, तेरे अंकल के बाद आज पहली बार किसी ने मेरे बूब्स पकड़े हैं.
ये सुनकर मैं और उत्तेजित हो गया और उनके पीछे बैठ गया.
साइड से दोनों हाथ आगे निकालकर उनके दोनों दूध दबाने लगा.
आंटी ने अब अपना पूरा बदन ढीला छोड़ दिया था और मेरे ऊपर टेक लेकर टांगें आगे फैलाकर बेड पर बैठकर अपने बूब्स मसलवा रही थीं.
मैं पीछे से उनकी गर्दन पर पागलों की तरह चूम चाट रहा था और वो मेरे हर चुम्मे पर सिसक रही थीं.
उन्होंने कहा- निखिल अपनी आंटी को नंगी कर दे.
ये सुनकर मैं पागल सा होने लगा.
एक चालीस साल की अधेड़ उम्र की औरत से ऐसा कुछ सुनकर मेरा लंड फटने को होने लगा.
मैंने उनकी टी-शर्ट और बाक्सर उतार दिए.
अब शजिया आंटी पूरी की पूरी नंगी मेरे सामने मेरे बेड पर बैठी थीं. मैं भी उनके सामने बेड पर ही खड़ा हो गया.
मेरा तना हुआ लंड मेरे शार्ट्स से दिख रहा था.
आंटी अपने घुटनों पर बैठीं और धीरे से मेरे शार्ट्स और चड्डी उतारकर अलग कर दिया.
अब मेरा लंड उनके चेहरे के सामने था. वो मुझे और मेरे लंड को नजरें उठाकर देख रही थीं.
‘कभी सोचा था बेटा तेरी आंटी तेरे बेड पर नंगी होकर तेरा लंड चूसेगी?’
ये कहकर गप्प से शज़िया आंटी ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और मस्त होकर आगे पीछे अन्दर बाहर करके लंड चूसने लगीं.
मैं आनन्द के सागर में खोने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.