12-03-2024, 04:12 PM
ये सुनते ही आंटी ने अपनी आवाज को बंद कर दिया और मैंने लंड को अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
मेरा लंड आंटी की गांड में सटासट अन्दर बाहर चलने लगा.
अब नफीसा आंटी भी अपनी गांड तेज़ तेज़ आगे पीछे करने लगी थीं.
उनकी दबी सी आवाज कमरे में आ रही थी- आह आह राज और तेज़ तेज़ अन्दर तक जाने दो … और अन्दर आहह!
मैंने अपने लौड़े को चौथे गियर में डाल दिया और गपागप गपागप गांड मारने लगा.
चुदाई की मस्ती में जल्दी ही हम दोनों फिर से भूल गए थे कि घर में सलीम भी है.
मादक सिसकारियां तेज स्वर में निकलने लगीं- आहहह नफीसा मेरी जान … आई लव यू …
मेरे मालिक मेरे सरताज आह. आह नफीसा आई लव यू टू.’
‘मुझे हमेशा ऐसे ही चोदोगे … ऐसे ही प्यार करना …’
मैंने कहा- हां मेरी जान … कितना मस्त चुदवाती हो.
अब मैं तेजी से लंड को अन्दर-बाहर करने में लगा था.
हम दोनों ही पसीने से लथपथ हो गए थे और उसी पल मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.
हम दोनों चिपक कर लेट गए.
थोड़ी देर बाद नफीसा ने गाउन पहन लिया और सलीम के कमरे में गई.
नफीसा आंटी अन्दर का नजारा देख कर बहुत खुश थीं क्योंकि सलीम सो रहा था.
आंटी ने वापस आकर अपना गाउन उतार दिया और मेरे लौड़े को पकड़ लिया.
मैं उनके बूब्स सहलाने लगा, वो लंड को अपने हाथों में लेकर मसलने लगीं.
आंटी ने लंड को चूसना शुरू कर दिया और लॉलीपॉप के जैसे गपागप गपागप चूसने लगीं.
मैं भी जोश में आकर आंटी के मुंह में लंड के झटके लगाने लगा.
फिर मैंने नफीसा आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी दोनों टांगों को अपने हाथों में लेकर चूत में लंड घुसा दिया.
आंटी की टांगों को हवा में करके मैं उन्हें मस्ती से चोदने लगा.
वो ‘आहह उमहह आहह …’ की सेक्सी आवाज करके मेरा जोश बढ़ा रही थीं.
मैंने एक टांग को अपने कंधे पर रख दिया और उनकी क़मर पकड़कर चोदने लगा.
‘आहह आह और चोदो चोदो चोदो मुझे …ले लो मेरी आहह आह …’
मैं भी झटके पर झटके लगाने लगा.
हम दोनों काफी गर्म हो गए थे और एक-दूसरे को चुदाई का मज़ा दे रहे थे.
कुछ देर बाद मैं नीचे लेट गया और नफीसा आंटी मेरे लौड़े पर बैठ गईं.
उन्होंने लंड पकड़ कर चुत में सैट किया और बैठने लगीं.
मैंने नीचे से गांड उठा दी, तो मेरा लंड सट्ट से अन्दर घुसता चला गया.
अब नफीसा आंटी मेरे लंड पर उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी थीं.
ऐसा लग रहा था … जैसे आंटी मुझे चोद रही हों.
नफीसा आंटी की चूत में लंड अन्दर तक जाने लगा और वो मस्ती से लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगीं.
इस समय दोनों तरफ से बराबर झटके लग रहे थे और दोनों एक-दूसरे को चोद रहे थे.
दस मिनट बाद नफीसा आंटी की चूत ने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया और गीला लंड फच्च फच्च करके अन्दर बच्चेदानी तक टक्कर मारने लगा.
मैंने नफीसा आंटी को उठने का इशारा किया.
वो लंड से हटीं और बिस्तर पर औंधी लेट गईं.
मैंने उनकी कमर के नीचे दो तकिए लगा दिया.
नफीसा की गांड ऊपर आ गई तो मैंने टांगें फैला कर झटके से लंड गांड में घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
नफीसा को मजा आने लगा और वो ‘आह आह आहह और चोदो चोदो मुझे मेरे आका … और फ़ाड़ दो अपनी नफीसा की गांड …’ चिल्लाने लगीं.
मैं अपनी पूरी रफ्तार से उनकी गांड में लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
वो भी मस्ती से अपनी गांड में आहह आहहह आहहह करके लंड ले रही थीं.
आज नफीसा आंटी की गांड में अलग ही मजा आ रहा था; मैं लंड को अन्दर तक पेल रहा था.
तभी शायद सलीम जाग गया था उसकी आहट मिल रही थी. लेकिन अब मैं रूकने वाला नहीं था.
मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा. अब नफीसा आंटी की गांड की खुजली कुछ कम हो गई थी.
वो बोलीं- राज जल्दी करो … शायद सलीम जाग गया है.
मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और झटके से घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
सलीम रूम से बाहर आ गया और अम्मी अम्मी चिल्लाने लगा.
मैंने झटकों की रफ्तार और बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा.
मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया और नफीसा आंटी की गांड में ही झड़ गया.
नफीसा आंटी ने अपनी सांसों को काबू में करते हुए कहा- सलीम, रूक मैं आ रही हूं.
सलीम ने कहा- अम्मी क्या कर रही हो?
नफीसा ने कहा- मैं कपड़े खोलकर कुछ दवा लगा रही हूं. तू कमरे में चल, मैं तेरे कमरे में ही खाना लाती हूं.
सलीम- ओके … जल्दी आओ मुझे भूख लग रही है.
सलीम अपने रूम चला गया.
मैंने नफीसा की गांड में एक दो झटके और लंड को बाहर निकाल लिया.
नफीसा आंटी की गांड से वीर्य निकल पड़ा.
तभी नफीसा ने मेरा लौड़ा अपने मुंह में भर लिया और गपगप गपगप करके चूसने लगीं.
उन्होंने मेरा लौड़ा चूसकर साफ़ कर दिया और गाउन पहन कर बाहर आ गईं.
मैंने अपने कपड़े पहने और जब नफीसा सलीम को खाना देने गईं तो चुपके से निकल कर अपने घर आ गया.
उस दिन सलीम के घर रहते हुए आंटी को चोदा था … ये सोच सोच कर मुझे बड़ा मजा रहा था.
ऐसे ही एक बार तो एक बिस्तर में ही सलीम के सामने नफीसा को चोदा था. उस दिन सलीम नशे में सोया पड़ा था.
मेरा लंड आंटी की गांड में सटासट अन्दर बाहर चलने लगा.
अब नफीसा आंटी भी अपनी गांड तेज़ तेज़ आगे पीछे करने लगी थीं.
उनकी दबी सी आवाज कमरे में आ रही थी- आह आह राज और तेज़ तेज़ अन्दर तक जाने दो … और अन्दर आहह!
मैंने अपने लौड़े को चौथे गियर में डाल दिया और गपागप गपागप गांड मारने लगा.
चुदाई की मस्ती में जल्दी ही हम दोनों फिर से भूल गए थे कि घर में सलीम भी है.
मादक सिसकारियां तेज स्वर में निकलने लगीं- आहहह नफीसा मेरी जान … आई लव यू …
मेरे मालिक मेरे सरताज आह. आह नफीसा आई लव यू टू.’
‘मुझे हमेशा ऐसे ही चोदोगे … ऐसे ही प्यार करना …’
मैंने कहा- हां मेरी जान … कितना मस्त चुदवाती हो.
अब मैं तेजी से लंड को अन्दर-बाहर करने में लगा था.
हम दोनों ही पसीने से लथपथ हो गए थे और उसी पल मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.
हम दोनों चिपक कर लेट गए.
थोड़ी देर बाद नफीसा ने गाउन पहन लिया और सलीम के कमरे में गई.
नफीसा आंटी अन्दर का नजारा देख कर बहुत खुश थीं क्योंकि सलीम सो रहा था.
आंटी ने वापस आकर अपना गाउन उतार दिया और मेरे लौड़े को पकड़ लिया.
मैं उनके बूब्स सहलाने लगा, वो लंड को अपने हाथों में लेकर मसलने लगीं.
आंटी ने लंड को चूसना शुरू कर दिया और लॉलीपॉप के जैसे गपागप गपागप चूसने लगीं.
मैं भी जोश में आकर आंटी के मुंह में लंड के झटके लगाने लगा.
फिर मैंने नफीसा आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी दोनों टांगों को अपने हाथों में लेकर चूत में लंड घुसा दिया.
आंटी की टांगों को हवा में करके मैं उन्हें मस्ती से चोदने लगा.
वो ‘आहह उमहह आहह …’ की सेक्सी आवाज करके मेरा जोश बढ़ा रही थीं.
मैंने एक टांग को अपने कंधे पर रख दिया और उनकी क़मर पकड़कर चोदने लगा.
‘आहह आह और चोदो चोदो चोदो मुझे …ले लो मेरी आहह आह …’
मैं भी झटके पर झटके लगाने लगा.
हम दोनों काफी गर्म हो गए थे और एक-दूसरे को चुदाई का मज़ा दे रहे थे.
कुछ देर बाद मैं नीचे लेट गया और नफीसा आंटी मेरे लौड़े पर बैठ गईं.
उन्होंने लंड पकड़ कर चुत में सैट किया और बैठने लगीं.
मैंने नीचे से गांड उठा दी, तो मेरा लंड सट्ट से अन्दर घुसता चला गया.
अब नफीसा आंटी मेरे लंड पर उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी थीं.
ऐसा लग रहा था … जैसे आंटी मुझे चोद रही हों.
नफीसा आंटी की चूत में लंड अन्दर तक जाने लगा और वो मस्ती से लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगीं.
इस समय दोनों तरफ से बराबर झटके लग रहे थे और दोनों एक-दूसरे को चोद रहे थे.
दस मिनट बाद नफीसा आंटी की चूत ने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया और गीला लंड फच्च फच्च करके अन्दर बच्चेदानी तक टक्कर मारने लगा.
मैंने नफीसा आंटी को उठने का इशारा किया.
वो लंड से हटीं और बिस्तर पर औंधी लेट गईं.
मैंने उनकी कमर के नीचे दो तकिए लगा दिया.
नफीसा की गांड ऊपर आ गई तो मैंने टांगें फैला कर झटके से लंड गांड में घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
नफीसा को मजा आने लगा और वो ‘आह आह आहह और चोदो चोदो मुझे मेरे आका … और फ़ाड़ दो अपनी नफीसा की गांड …’ चिल्लाने लगीं.
मैं अपनी पूरी रफ्तार से उनकी गांड में लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
वो भी मस्ती से अपनी गांड में आहह आहहह आहहह करके लंड ले रही थीं.
आज नफीसा आंटी की गांड में अलग ही मजा आ रहा था; मैं लंड को अन्दर तक पेल रहा था.
तभी शायद सलीम जाग गया था उसकी आहट मिल रही थी. लेकिन अब मैं रूकने वाला नहीं था.
मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा. अब नफीसा आंटी की गांड की खुजली कुछ कम हो गई थी.
वो बोलीं- राज जल्दी करो … शायद सलीम जाग गया है.
मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और झटके से घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
सलीम रूम से बाहर आ गया और अम्मी अम्मी चिल्लाने लगा.
मैंने झटकों की रफ्तार और बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा.
मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया और नफीसा आंटी की गांड में ही झड़ गया.
नफीसा आंटी ने अपनी सांसों को काबू में करते हुए कहा- सलीम, रूक मैं आ रही हूं.
सलीम ने कहा- अम्मी क्या कर रही हो?
नफीसा ने कहा- मैं कपड़े खोलकर कुछ दवा लगा रही हूं. तू कमरे में चल, मैं तेरे कमरे में ही खाना लाती हूं.
सलीम- ओके … जल्दी आओ मुझे भूख लग रही है.
सलीम अपने रूम चला गया.
मैंने नफीसा की गांड में एक दो झटके और लंड को बाहर निकाल लिया.
नफीसा आंटी की गांड से वीर्य निकल पड़ा.
तभी नफीसा ने मेरा लौड़ा अपने मुंह में भर लिया और गपगप गपगप करके चूसने लगीं.
उन्होंने मेरा लौड़ा चूसकर साफ़ कर दिया और गाउन पहन कर बाहर आ गईं.
मैंने अपने कपड़े पहने और जब नफीसा सलीम को खाना देने गईं तो चुपके से निकल कर अपने घर आ गया.
उस दिन सलीम के घर रहते हुए आंटी को चोदा था … ये सोच सोच कर मुझे बड़ा मजा रहा था.
ऐसे ही एक बार तो एक बिस्तर में ही सलीम के सामने नफीसा को चोदा था. उस दिन सलीम नशे में सोया पड़ा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.