12-03-2024, 03:36 PM
ये लगभग 20 साल पहले की बात है, जब मैं 15 साल का था। एक मासूम सा लड़का बस कॉलेज आता जाता था, पढाई पे ध्यान रहता था। हम लोग उस वक्त किराये के मकान में रहते थे। 1 रूम, 1 बरामदा था, रूम में 1 चौकी थी और 1 खटिया। मैं खटिया पे सोता था, मैं घर का छोटा था इसलिए सबका दुलारा भी था। सब मुझे बेहद प्यार करते थे, खास कर मेरी बाजी तो मुझपे अपनी जान छिड़कती है, मेरी अम्मी तो है ही. जब मैं 13 साल का था तब से अपनी अम्मी और अब्बू के पैर दबाता था, जब वो लोग कहते थे. एक रात की बात है हम सब सोये हुए थे, चौकी पे अम्मी अब्बू सोये थे और मैं खटिया पर। आधी रात के करीब किसी आवाज की वजह से मेरी नींद खुल गई, रूम में अँधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। जब आवाज सुनी तो रूम में फच फच फच की आवाज आ रही थी। मैं सोच में पड़ गया, आखिर ये आवाज कैसी है। फिर कुछ देर बाद तमाचे की आवाज आई जैसे किसी ने किसी को चांटा मारा हो, चांटे की आवाज के साथ किसी के कराहने की आवाज आई। आह आह आह आह और जोर से और जोर से, मैं चुप चाप आवाज सुनता रहा। ये आवाज तो अम्मी की थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.