12-03-2024, 03:29 PM
नशे में होने के कारण अम्मी मुझे खुद से दूर नहीं कर पा रही थीं.
वो बेड पर लेटी लेटी मुझे रोकती रहीं. पर मैं कहां रुकने वाला था. आखिर मैंने इस पल का बहुत इंतज़ार किया था.
कुछ समय के बाद अम्मी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं. वो ‘आह … उह आह … आह आह …’ की आवाजें निकालने लगी थीं.
मैं समझ गया कि अब उन्हें भी मज़ा आने लगा है. मैं अपनी अम्मी की चूत को जोर जोर से चाटने लगा.
अम्मी जोर जोर से सांसें लेने लगीं- आह … उह … मत कर … आह … आग लगा दी … उह ओह!
अब अम्मी ने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में दबा लिया और इसी के साथ उनकी चूत ने गर्म गर्म पानी छोड़ दिया.
फिर अम्मी माँ बेटा सेक्स के मजे से अपनी आंखें बन्द करके लेटी रहीं.
मैंने देर करना ठीक नहीं समझा. मैंने जल्दी से अपना अंडरवियर उतारा और अपना लौड़ा अम्मी की चूत पर टिका कर एक जोर का झटका दे मारा.
चूत गीली होने की वजह से मेरा लौड़ा एक बार में ही पूरा अम्मी की चूत में घुस गया.
अम्मी की एकदम से चीख निकल गई, वे दर्द से कराहने लगीं.
उनकी चूत ने इससे पहले इतना बड़ा और मोटा लौड़ा कभी नहीं लिया था.
दर्द के मारे उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
वो मुझे धक्का देकर खुद के ऊपर से हटाने लगीं.
पर आप सबको तो पता ही है कि एक औरत मर्द से कभी नहीं जीत सकती.
मुझ पर तो उन्हें चोदने का भूत सा सवार था.
मैं उनके हाथों को पकड़ कर जोर जोर से धक्के मारने लगा.
दर्द के मारे उनकी जान निकल रही थी.
वो मेरे आगे खुद को छोड़ने की भीख मांगने लगीं- बेटा मैं ये दर्द नहीं सह पाऊंगी … आंह बेटा छोड़ दे. मैं तेरी अम्मी हूं. ये सब गलत है … ये पाप है. बेटा मैं इतना मोटा लौड़ा नहीं ले सकती. बेटा मुझे छोड़ दे.
कुछ समय अम्मी को ताबड़तोड़ चोदने के बाद वो शांत हो गईं और चुपचाप लेटी रहीं.
मैं जोर जोर से उनको चोदता रहा.
अब शायद अम्मी को भी मज़ा आने लगा था. वो खुद को चोदने में मेरा साथ देने लगी थीं.
अम्मी के मुँह से ‘आह … साले कितने दिन बाद आज चैन मिला … उह … आह … उह पेल दे …’ की कामुक आवाजें आने लगीं.
मैंने भी लंड पेलते हुए कहने लगा- हां अम्मी, मुझसे आपका दुःख देखा नहीं जाता था.
इस पर वो अपनी गांड उठाती हुई चिल्लाने लगीं- आंह हां बेटा चोद दे … आंह जोर से चोद दे … और तेज और तेज … आंह आज मेरी चूत फाड़ दे मेरे बेटे … तेरी अम्मी न जाने कितने सालों से प्यासी है. आज मेरी प्यास बुझाने वाला मिल गया. चोद अपनी अम्मी को बेटा आज से
वो बेड पर लेटी लेटी मुझे रोकती रहीं. पर मैं कहां रुकने वाला था. आखिर मैंने इस पल का बहुत इंतज़ार किया था.
कुछ समय के बाद अम्मी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं. वो ‘आह … उह आह … आह आह …’ की आवाजें निकालने लगी थीं.
मैं समझ गया कि अब उन्हें भी मज़ा आने लगा है. मैं अपनी अम्मी की चूत को जोर जोर से चाटने लगा.
अम्मी जोर जोर से सांसें लेने लगीं- आह … उह … मत कर … आह … आग लगा दी … उह ओह!
अब अम्मी ने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में दबा लिया और इसी के साथ उनकी चूत ने गर्म गर्म पानी छोड़ दिया.
फिर अम्मी माँ बेटा सेक्स के मजे से अपनी आंखें बन्द करके लेटी रहीं.
मैंने देर करना ठीक नहीं समझा. मैंने जल्दी से अपना अंडरवियर उतारा और अपना लौड़ा अम्मी की चूत पर टिका कर एक जोर का झटका दे मारा.
चूत गीली होने की वजह से मेरा लौड़ा एक बार में ही पूरा अम्मी की चूत में घुस गया.
अम्मी की एकदम से चीख निकल गई, वे दर्द से कराहने लगीं.
उनकी चूत ने इससे पहले इतना बड़ा और मोटा लौड़ा कभी नहीं लिया था.
दर्द के मारे उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
वो मुझे धक्का देकर खुद के ऊपर से हटाने लगीं.
पर आप सबको तो पता ही है कि एक औरत मर्द से कभी नहीं जीत सकती.
मुझ पर तो उन्हें चोदने का भूत सा सवार था.
मैं उनके हाथों को पकड़ कर जोर जोर से धक्के मारने लगा.
दर्द के मारे उनकी जान निकल रही थी.
वो मेरे आगे खुद को छोड़ने की भीख मांगने लगीं- बेटा मैं ये दर्द नहीं सह पाऊंगी … आंह बेटा छोड़ दे. मैं तेरी अम्मी हूं. ये सब गलत है … ये पाप है. बेटा मैं इतना मोटा लौड़ा नहीं ले सकती. बेटा मुझे छोड़ दे.
कुछ समय अम्मी को ताबड़तोड़ चोदने के बाद वो शांत हो गईं और चुपचाप लेटी रहीं.
मैं जोर जोर से उनको चोदता रहा.
अब शायद अम्मी को भी मज़ा आने लगा था. वो खुद को चोदने में मेरा साथ देने लगी थीं.
अम्मी के मुँह से ‘आह … साले कितने दिन बाद आज चैन मिला … उह … आह … उह पेल दे …’ की कामुक आवाजें आने लगीं.
मैंने भी लंड पेलते हुए कहने लगा- हां अम्मी, मुझसे आपका दुःख देखा नहीं जाता था.
इस पर वो अपनी गांड उठाती हुई चिल्लाने लगीं- आंह हां बेटा चोद दे … आंह जोर से चोद दे … और तेज और तेज … आंह आज मेरी चूत फाड़ दे मेरे बेटे … तेरी अम्मी न जाने कितने सालों से प्यासी है. आज मेरी प्यास बुझाने वाला मिल गया. चोद अपनी अम्मी को बेटा आज से
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.