08-03-2024, 03:19 PM
अब मैंने दीदी को बुरी तरह पेलना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद दीदी को नीचे लेकर उसके ऊपर चढ़ गया और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
दीदी की दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं और मैं पूरी ताकत से चुत का भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था.
कम से कम आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने दीदी की चुत में ही लंड का पानी छोड़ दिया.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गए.
कुछ देर बाद दीदी बोली- देख भाई, चुदाई में तो मज़ा आ गया, पर तूने जो अन्दर पानी छोड़ा है … इससे मैं प्रेगनेंट भी हो सकती हूँ.
मैं बोला- तो फिर दीदी अब क्या करें?
दीदी बोली- कोई बात नहीं, इस बार मैं देख लूंगी कुछ, मगर अगली बार से ध्यान रखना.
उसके बाद मैं और दीदी रोज़ रात को खुल कर चुदाई करने लगे थे और कम से कम दो बार चुदाई के बाद ही सोते हैं.
हम लोगों ने 3 साल तक बहुत जमकर चुदाई की.
मैंने दीदी को पूरी रंडी बना दिया था.
कई बार मैं दीदी को अपने लंड का पानी भी पिला चुका हूँ.
उनकी प्यास भी अब मेरे लंड के पानी से ही बुझती है.
घर में मैं कभी भी मौका पाते ही दीदी के मम्मे दबा देता हूँ और कभी भी गांड पर हाथ भी घुमा देता हूँ.
दीदी भी चलते चलते मेरे लंड पर हाथ मार देती है.
कभी कभी तो रसोई घर में ही दीदी को लंड चुसवा देता हूँ. मैंने कई बार दीदी को मेरे लंड का पानी ब्रेड पर लगा कर भी खिलाया है.
एक बार तो हमने रात को कमरे में एक दूसरे से शादी भी कर ली थी.
मैंने दीदी की मांग भी भरी थी और सुहागरात तो हम रोज़ ही मना लेते हैं.
फिर एक दिन दीदी की शादी हो गयी और दीदी अपना फटा भोसड़ा लेकर किसी और से चुदवाने चली गयी.
लेकिन अब भी जब घर आती है, तो हम दोनों जमकर चुदाई करते हैं.
जिन लोगों को भी भाई-बहन की चुदाई पसंद है, वो अपनी दीदी की चूत का मजा जरूर लें, जिस तरह से मैं ले रहा हूं.
अपनी बहन की चुत से ज़्यादा मज़ा किसी की चुत में नहीं होता.
मैंने अपनी दीदी की चूत को चोद कर उसको अपनी पत्नी ही बना लिया है और मुझे अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है.
मैं अपनी बहन के बिना नहीं रह सकता था और मेरी बहन भी मेरे बिना नहीं रह सकती थी.
इसलिए हम दोनों आज भी चुदाई करते हैं.
कुछ देर बाद दीदी को नीचे लेकर उसके ऊपर चढ़ गया और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
दीदी की दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं और मैं पूरी ताकत से चुत का भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था.
कम से कम आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने दीदी की चुत में ही लंड का पानी छोड़ दिया.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गए.
कुछ देर बाद दीदी बोली- देख भाई, चुदाई में तो मज़ा आ गया, पर तूने जो अन्दर पानी छोड़ा है … इससे मैं प्रेगनेंट भी हो सकती हूँ.
मैं बोला- तो फिर दीदी अब क्या करें?
दीदी बोली- कोई बात नहीं, इस बार मैं देख लूंगी कुछ, मगर अगली बार से ध्यान रखना.
उसके बाद मैं और दीदी रोज़ रात को खुल कर चुदाई करने लगे थे और कम से कम दो बार चुदाई के बाद ही सोते हैं.
हम लोगों ने 3 साल तक बहुत जमकर चुदाई की.
मैंने दीदी को पूरी रंडी बना दिया था.
कई बार मैं दीदी को अपने लंड का पानी भी पिला चुका हूँ.
उनकी प्यास भी अब मेरे लंड के पानी से ही बुझती है.
घर में मैं कभी भी मौका पाते ही दीदी के मम्मे दबा देता हूँ और कभी भी गांड पर हाथ भी घुमा देता हूँ.
दीदी भी चलते चलते मेरे लंड पर हाथ मार देती है.
कभी कभी तो रसोई घर में ही दीदी को लंड चुसवा देता हूँ. मैंने कई बार दीदी को मेरे लंड का पानी ब्रेड पर लगा कर भी खिलाया है.
एक बार तो हमने रात को कमरे में एक दूसरे से शादी भी कर ली थी.
मैंने दीदी की मांग भी भरी थी और सुहागरात तो हम रोज़ ही मना लेते हैं.
फिर एक दिन दीदी की शादी हो गयी और दीदी अपना फटा भोसड़ा लेकर किसी और से चुदवाने चली गयी.
लेकिन अब भी जब घर आती है, तो हम दोनों जमकर चुदाई करते हैं.
जिन लोगों को भी भाई-बहन की चुदाई पसंद है, वो अपनी दीदी की चूत का मजा जरूर लें, जिस तरह से मैं ले रहा हूं.
अपनी बहन की चुत से ज़्यादा मज़ा किसी की चुत में नहीं होता.
मैंने अपनी दीदी की चूत को चोद कर उसको अपनी पत्नी ही बना लिया है और मुझे अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है.
मैं अपनी बहन के बिना नहीं रह सकता था और मेरी बहन भी मेरे बिना नहीं रह सकती थी.
इसलिए हम दोनों आज भी चुदाई करते हैं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.