08-03-2024, 03:14 PM
फिर मैंने सोचा कि दीदी को एक बार बता दूँ कि मैंने उसका मोबाइल देख लिया था तो शायद उसकी शर्म मुझसे टूट जाए और वो मेरे लंड से चुदाई के लिए मान जाए.
मैंने दीदी को मोबाइल के बारे में बता दिया, तो वो मेरी तरफ देखने लगी.
दीदी बोली- ये ग़लत बात है, तुझे मेरा मोबाइल नहीं देखना चाहिए था.
मैंने दीदी को बिना शर्म कर बोल दिया.
मैं बोला- दीदी अगर आपको चुदवाना है, तो कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है. आप मेरे साथ मज़े ले सकती हो.
इस पर दीदी बोली- पागल है क्या, तू भाई है मेरा … मैं ऐसे कैसे तेरे साथ सेक्स कर सकती हूँ.
मैंने महसूस किया कि दीदी ने बिना ग़ुस्सा के ये बात कही है तो मैं समझ गया कि मेरे लंड से चुदवाने का मन तो दीदी का भी है. बस थोड़ा शर्मा रही है.
मैं मनाने की कोशिश करूं तो ये मान भी जाएगी.
मैंने बोला- दीदी यार, कब तक अपने फ़्रेंड्स की स्टोरी सुन कर अपनी कोमल चुत में उंगलियां करोगी. मेरा बहुत बड़ा लंड है, मुझसे ही मजा ले लो. फिर घर की बात घर में ही रह जाएगी, किसी को पता भी नहीं चलेगा.
दीदी मेरी तरफ देखने लगी और कुछ सोच कर बोली- बात तो तेरी सही है. तेरा लंड देख कर मेरा भी एक बार तुझसे चुदवाने का मन तो हुआ था.
मैंने पूछा- आपने मेरा लंड कब देख लिया था.
दीदी हंस दी और बोली- साले लंड दिखाने के लिए ही तूने बाथरूम में ड्रामा किया था और अब मुझसे बन रहा है.
उसके इतना कहते ही मैंने दीदी को अपनी ओर खींच लिया; उसके गुलाबी होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
दीदी ने भी मुझे टाइटली पकड़ लिया और मेरे साथ ही चूमना शुरू कर दिया.
मेरा लंड अब एकदम तन कर खड़ा हो गया था.
मैंने दीदी को मोबाइल के बारे में बता दिया, तो वो मेरी तरफ देखने लगी.
दीदी बोली- ये ग़लत बात है, तुझे मेरा मोबाइल नहीं देखना चाहिए था.
मैंने दीदी को बिना शर्म कर बोल दिया.
मैं बोला- दीदी अगर आपको चुदवाना है, तो कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है. आप मेरे साथ मज़े ले सकती हो.
इस पर दीदी बोली- पागल है क्या, तू भाई है मेरा … मैं ऐसे कैसे तेरे साथ सेक्स कर सकती हूँ.
मैंने महसूस किया कि दीदी ने बिना ग़ुस्सा के ये बात कही है तो मैं समझ गया कि मेरे लंड से चुदवाने का मन तो दीदी का भी है. बस थोड़ा शर्मा रही है.
मैं मनाने की कोशिश करूं तो ये मान भी जाएगी.
मैंने बोला- दीदी यार, कब तक अपने फ़्रेंड्स की स्टोरी सुन कर अपनी कोमल चुत में उंगलियां करोगी. मेरा बहुत बड़ा लंड है, मुझसे ही मजा ले लो. फिर घर की बात घर में ही रह जाएगी, किसी को पता भी नहीं चलेगा.
दीदी मेरी तरफ देखने लगी और कुछ सोच कर बोली- बात तो तेरी सही है. तेरा लंड देख कर मेरा भी एक बार तुझसे चुदवाने का मन तो हुआ था.
मैंने पूछा- आपने मेरा लंड कब देख लिया था.
दीदी हंस दी और बोली- साले लंड दिखाने के लिए ही तूने बाथरूम में ड्रामा किया था और अब मुझसे बन रहा है.
उसके इतना कहते ही मैंने दीदी को अपनी ओर खींच लिया; उसके गुलाबी होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
दीदी ने भी मुझे टाइटली पकड़ लिया और मेरे साथ ही चूमना शुरू कर दिया.
मेरा लंड अब एकदम तन कर खड़ा हो गया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.