05-03-2024, 01:59 PM
फिर वह कॉलेज के लिए निकल गयी और मैं घर पर रह कर शाम का इंतज़ार करने लगा.
आज का दिन काटे नहीं कट रहा था.
किसी तरह दिन ख़त्म हुआ. शाम हुई, सबने खाना खाया और सोने के लिए मैं अपने कमरे में आ गया.
थोड़ी देर में बहन भी कमरे में आ गयी आज उसने एक हल्की सा जालीदार लाल टॉप और नीचे शॉर्ट्स पहना हुआ था.
वह कमरे में आने के बाद मेरे बग़ल में आकर बैठ गयी और लालच भरी निगाहों से मेरी तरफ़ देखने लगी.
तब मैंने उससे कहा- अभी थोड़ी देर रुको, पहले सभी को सो जाने दो.
दस बजे के पास घर पर मम्मी पापा सो गए थे.
तब मैंने धीरे से उसे उठाया तो वह तुरंत उठ कर बैठ गयी.
फिर मैंने उसे वह किताब निकाल कर पढ़ने को दी और उसे अपने बग़ल मैं बैठ लिया.
वह बहुत ही शांति से सेक्स कहानियां पढ़ने लगी.
मैंने उससे कहा- तुम लेट कर आराम से पढ़ो.
वह भी बिना कुछ बोले लेट कर पढ़ने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके गोरी जांघ पर रख दिया जिस पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
शायद वह कहानी में इतना खो गयी थी कि उसे पता ही नहीं चला.
फिर मैंने अपना दूसरा हाथ धीरे से उसके सिर पर रखा और उसके काले बालों से खेलने लगा.
कुछ देर बाद मैंने धीरे से एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और उन्हें दबाने लगा.
तभी वह बोली- भाई ये क्या कर रहे हो?
मैंने उससे कहा- देखो रिया तुम कहानी पढ़ कर जो महसूस कर रही हो, उससे ज़्यादा मज़ा इसमें आएगा.
तो वह बोली- पर आप मेरे भाई हो!
आज का दिन काटे नहीं कट रहा था.
किसी तरह दिन ख़त्म हुआ. शाम हुई, सबने खाना खाया और सोने के लिए मैं अपने कमरे में आ गया.
थोड़ी देर में बहन भी कमरे में आ गयी आज उसने एक हल्की सा जालीदार लाल टॉप और नीचे शॉर्ट्स पहना हुआ था.
वह कमरे में आने के बाद मेरे बग़ल में आकर बैठ गयी और लालच भरी निगाहों से मेरी तरफ़ देखने लगी.
तब मैंने उससे कहा- अभी थोड़ी देर रुको, पहले सभी को सो जाने दो.
दस बजे के पास घर पर मम्मी पापा सो गए थे.
तब मैंने धीरे से उसे उठाया तो वह तुरंत उठ कर बैठ गयी.
फिर मैंने उसे वह किताब निकाल कर पढ़ने को दी और उसे अपने बग़ल मैं बैठ लिया.
वह बहुत ही शांति से सेक्स कहानियां पढ़ने लगी.
मैंने उससे कहा- तुम लेट कर आराम से पढ़ो.
वह भी बिना कुछ बोले लेट कर पढ़ने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके गोरी जांघ पर रख दिया जिस पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
शायद वह कहानी में इतना खो गयी थी कि उसे पता ही नहीं चला.
फिर मैंने अपना दूसरा हाथ धीरे से उसके सिर पर रखा और उसके काले बालों से खेलने लगा.
कुछ देर बाद मैंने धीरे से एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और उन्हें दबाने लगा.
तभी वह बोली- भाई ये क्या कर रहे हो?
मैंने उससे कहा- देखो रिया तुम कहानी पढ़ कर जो महसूस कर रही हो, उससे ज़्यादा मज़ा इसमें आएगा.
तो वह बोली- पर आप मेरे भाई हो!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.