01-03-2024, 10:42 AM
"ओह , नहीं नहीं ऐसा मत करो।" मैं बोली। उसे रोकने की असफल कोशिश करती रही लेकिन न उसने सुना और न ही मेरी बात माना। उसके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूम रहे थे और बीच-बीच में मेरी गांड़ भी दबा रहे थे।
उसने मेरी पैंट नीचे खींच दी और अपने दोनों हाथों से मेरी गांड पकड़ ली और उसे दबाने और मसलने लगा।
“मैडम, यह सबसे अच्छी और बड़ी गांड़ है जो मैंने अपनी आज तक की जिंदगी में कभी नहीं देखा है। यह बहुत सेक्सी है। मैं तुम्हारी गांड का भी मजा लेना चाहता हूँ,'' उसने कहा और थोड़ी देर तक उससे खेलता रहा, हर जगह अपने हाथ फिराता रहा और मेरी पैंटी टटोलता रहा।
फिर उसने मुझे फिर से नीचे सरका दिया. एक बार फिर उसका डंडा मेरी चूत में चुभ रहा था. मैंने अभी भी अपने दोनों हाथों से अपने धड़ को ऊपर उठाया हुआ था। मेरी बांहें मजबूत होते हुए भी अब थकने लगी थीं। आखिर कितनी देर तक अपने हाथों से अपने शरीर का बोझ संभाल सकती थी।
उस गलीज आदमी ने अचानक पीछे से मेरा सिर पकड़ लिया और मेरा चेहरा नीचे खींच लिया। मुझे पता था कि वह क्या करने वाला है। वह मजबूत था। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और भूखे जानवर की तरह मुझे चूमने लगा। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे ज़ोर से चूमने लगा और उसके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूमने लगे। ओह, मैं कभी भी इस बदसूरत कमीने को चूमना नहीं चाहती थी, खासकर उसके सूअर जैसे थूथन को तो कत्तई नहीं! लेकिन उस वक्त पता नहीं क्या हो गया था, मानो मैं अपने वश में नहीं थी।
अब मेरा शरीर पूरी तरह से उसके शरीर से चिपक गया था क्योंकि उसने मुझे पकड़कर नीचे खींच लिया था और मुझे उसी स्थिति में पकड़ लिया था। मैं उसके गंदे शरीर से चिपक गई थी। वह मुझे इतनी तीव्रता से चूम रहा था कि मैं उत्तेजित हो रही थी। मुझपर उत्तेजना इस कदर हावी हो गयी थी कि मैंने भी उसे वापस चूमना शुरू कर दिया और उसने मेरी गांड को दबाते हुए मुझे और भी गहराई से चूमना शुरू कर दिया।
यह कुछ समय तक चलता रहा और मैं इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकी। मेरी चूत में अनजानी सी आग धधकने लगी। यह आग कैसे शांत होगी इसका अंदाजा मुझे नहीं था लेकिन वह धूर्त कमीना सब कुछ जानता था। सूअर का बच्चा। वह पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर अपनी उंगलियाँ रगड़ कर महसूस करने लगा। मेरी चूत से गीले गीले लसीले द्रव्य का स्राव होने लगा। उसे भी महसूस हो रहा था कि मैं कितनी गीली हो चुकी हूं। मुझे इस बदसूरत हरामी आदमी द्वारा उत्तेजित होने और उत्तेजना के कारण चूत गीली होने से बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। लेकिन खुद को नियंत्रित करना अब मेरे वश में नहीं रह गया था।
“मैडम, देखिए आप कितनी गीली हो गई हैं। हमको लगता है कि हमें अब और देर नहीं करना चाहिए। हम अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते, मैडम। हम तो बस इसी समय का इंतज़ार कर रहे थे,” वह बोला।
उसने मेरी पैंटी नीचे खींच दी, अपनी पैंट और अंडरवियर भी नीचे खींचने में कामयाब हो गया। अब मैं उसके विशाल लंड को उसके पूरे आकार के साथ महसूस कर सकती थी। वह बिल्कुल चट्टान जैसा कठोर था और बहुत लंबा और मोटा महसूस हो रहा था। जब उसने देखा कि अब मैं उसके कृत्यों से प्रभावित हो गई हूं तो उसने मुझसे खुद को ठीक से ऊपर आने और सही पोजीशन में आने के लिए कहा ताकि मैं उसके लंड पर बैठ सकूं ताकि वह उसे मेरी चूत में डाल सके और मैं अपनी उत्तेजना और नादानी में यंत्रवत ऐसा करने को मजबूर हो गयी।
उसने मेरी पैंट नीचे खींच दी और अपने दोनों हाथों से मेरी गांड पकड़ ली और उसे दबाने और मसलने लगा।
“मैडम, यह सबसे अच्छी और बड़ी गांड़ है जो मैंने अपनी आज तक की जिंदगी में कभी नहीं देखा है। यह बहुत सेक्सी है। मैं तुम्हारी गांड का भी मजा लेना चाहता हूँ,'' उसने कहा और थोड़ी देर तक उससे खेलता रहा, हर जगह अपने हाथ फिराता रहा और मेरी पैंटी टटोलता रहा।
फिर उसने मुझे फिर से नीचे सरका दिया. एक बार फिर उसका डंडा मेरी चूत में चुभ रहा था. मैंने अभी भी अपने दोनों हाथों से अपने धड़ को ऊपर उठाया हुआ था। मेरी बांहें मजबूत होते हुए भी अब थकने लगी थीं। आखिर कितनी देर तक अपने हाथों से अपने शरीर का बोझ संभाल सकती थी।
उस गलीज आदमी ने अचानक पीछे से मेरा सिर पकड़ लिया और मेरा चेहरा नीचे खींच लिया। मुझे पता था कि वह क्या करने वाला है। वह मजबूत था। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और भूखे जानवर की तरह मुझे चूमने लगा। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे ज़ोर से चूमने लगा और उसके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूमने लगे। ओह, मैं कभी भी इस बदसूरत कमीने को चूमना नहीं चाहती थी, खासकर उसके सूअर जैसे थूथन को तो कत्तई नहीं! लेकिन उस वक्त पता नहीं क्या हो गया था, मानो मैं अपने वश में नहीं थी।
अब मेरा शरीर पूरी तरह से उसके शरीर से चिपक गया था क्योंकि उसने मुझे पकड़कर नीचे खींच लिया था और मुझे उसी स्थिति में पकड़ लिया था। मैं उसके गंदे शरीर से चिपक गई थी। वह मुझे इतनी तीव्रता से चूम रहा था कि मैं उत्तेजित हो रही थी। मुझपर उत्तेजना इस कदर हावी हो गयी थी कि मैंने भी उसे वापस चूमना शुरू कर दिया और उसने मेरी गांड को दबाते हुए मुझे और भी गहराई से चूमना शुरू कर दिया।
यह कुछ समय तक चलता रहा और मैं इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकी। मेरी चूत में अनजानी सी आग धधकने लगी। यह आग कैसे शांत होगी इसका अंदाजा मुझे नहीं था लेकिन वह धूर्त कमीना सब कुछ जानता था। सूअर का बच्चा। वह पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर अपनी उंगलियाँ रगड़ कर महसूस करने लगा। मेरी चूत से गीले गीले लसीले द्रव्य का स्राव होने लगा। उसे भी महसूस हो रहा था कि मैं कितनी गीली हो चुकी हूं। मुझे इस बदसूरत हरामी आदमी द्वारा उत्तेजित होने और उत्तेजना के कारण चूत गीली होने से बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। लेकिन खुद को नियंत्रित करना अब मेरे वश में नहीं रह गया था।
“मैडम, देखिए आप कितनी गीली हो गई हैं। हमको लगता है कि हमें अब और देर नहीं करना चाहिए। हम अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते, मैडम। हम तो बस इसी समय का इंतज़ार कर रहे थे,” वह बोला।
उसने मेरी पैंटी नीचे खींच दी, अपनी पैंट और अंडरवियर भी नीचे खींचने में कामयाब हो गया। अब मैं उसके विशाल लंड को उसके पूरे आकार के साथ महसूस कर सकती थी। वह बिल्कुल चट्टान जैसा कठोर था और बहुत लंबा और मोटा महसूस हो रहा था। जब उसने देखा कि अब मैं उसके कृत्यों से प्रभावित हो गई हूं तो उसने मुझसे खुद को ठीक से ऊपर आने और सही पोजीशन में आने के लिए कहा ताकि मैं उसके लंड पर बैठ सकूं ताकि वह उसे मेरी चूत में डाल सके और मैं अपनी उत्तेजना और नादानी में यंत्रवत ऐसा करने को मजबूर हो गयी।