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Adultery रंगीली बीबी
#32
Heart 
मधु- “धत्त्त्त् भैया, चलो अब छोड़ो, नहीं तो चिल्ला कर भाभी को बुला लुंगी”

मैं- “अच्छा तो बुला ना”

मैंने उसके नेकर पर हाथ रख अपनी उंगलियाँ नेकर के अंदर डालने की कोशिश की। नेकर सलोनी का था इसलिए शायद उसकी कमर में बहुत ढीला होगा। मैंने देखा उसने एक तरफ पिन लगाकर उसको अपनी कमर पर टाइट किया था। वो इतना टाइट हो गया था कि मेरी उँगलियाँ भी अंदर नहीं गई।

मधु ने मेरा हाथ पकड़ लिया- “नहींईईईई भैया! मैं भाभी को बुलाती हूँ, आप उन्ही से पूछ लेना। उन्होंने तो देखा था उन अंकल का”

मधु अब वाकयी खुल रही थी। उसकी बात सुन मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसके हाथ को छुड़ाकर एक झटका दिया। उसके नेकर की पिन खुल गई और नेकर आगे से पूरा ढीला हो गया और मेरी सभी उँगलियों ने मधु के शरीर के सबसे कोमल भाग पर अपना कब्ज़ा कर लिया।

मधु ने एक जोर से हिचकी ली- “आआउउच नहीईईईईईईईई”

मैं बयां नहीं कर सकता कि उसकी चूत कितनी मुलायम थी। मुझे लगा जैसे मैं मक्खन की टिक्की में उँगलियाँ घुमा रहा हूँ। मैं यह देख और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था कि इतनी कम उम्र में भी उसकी चूत से रस निकल रहा था। इसका मतलब मधु अब जवान हो चुकी थी और मेरा लण्ड उस मक्खन में जाने को फुफकार रहा था। तभी सलोनी की आवाज आई, वो रसोई में प्रवेश कर रही थी।
मधु मेरी गोद में थी। मेरा बायां हाथ उसके छाती से लिपटा था और दायाँ उसके नेकर के अंदर उसकी चूत पर था।

कुछ देर तक तो हम दोनों भौंचक्के थे। मैंने तुरंत मधु को गोद से हटा दिया मगर सलोनी के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। वो सामान्य रूप से आई और सामान देखने लगी।

मधु- “वो भाभी! भैया परेशान कर रहे हैं”

सलोनी- “अच्छा और तूने ही कुछ किया होगा”

मधु- “मैं क्या करूँ भाभी??”

सलोनी- “अच्छा परेशान मत हो, मैंने तेरे घर फोन कर दिया है। आज यही रुक जाना, ओके”

मधु- “ठीक है भाभी”

सलोनी- “चल पहले खाना खा ले फिर कपड़े बदल लेना”

मधु जैसे ही उठकर आगे बड़ी उसका नेकर उसके पैरों पर गिर गया। लगता है नेकर बहुत ढीला था।

मैं तो थोड़ा सा डर गया पर सलोनी जोर से हँसते हुए- “हा हा हा हा हा हा, तुझसे जब नेकर नहीं संभलती तो मत पहन”

मधु ने शरमाते हुए नेकर ऊपर कर अपने हाथों से पकड़ लिया। इतनी देर में मेरी नजरों ने एक बार फिर उसके चिकने चूतड़ और छेद का मनोरम दर्शन किया।

सलोनी- “चल जा मैंने अपनी एक समीज अंदर रखी है इसको निकाल और वो पहन ले”

मधु जल्दी से अंदर चली गई। अब मैंने सलोनी को ध्यान से देखा। उसने भी अपनी शॉर्ट वाली पिंक झीनी नाइटी पहनी थी। उसका पूरा नग्न शरीर दिख रहा था उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। तभी मधु रसोई में एक पतली सफ़ेद समीज पहने आई जो उसकी जांघों तक ही थी।

मधु- “भाभी बस यही?”

सलोनी- “और क्या रात को सोना ही तो है, क्या बीस कपड़े पहनेगी”

मधु केवल मुस्कुरा देती है। मधु के साथ इतनी छेड़खानी होने के बाद वो अब काफी खुल चुकी थी उसका चेहरा बिल्कुल लाल था और अब वो शरमाने की बजाए मजे ही ले रही थी। उसने सलोनी की जो सफ़ेद रंग की समीज पहनी थी उसमे कंधों पर पतली रेशमी लैस थी जो उसकी छाती पर बहुत नीचे थी। उसका सीना काफी हद तक नंगा था। मधु के जरा से झुकने से उसकी पूरी नंगी चूचियाँ साफ़ साफ़ दिख रही थी। वो बार-बार उठकर काम कर रही थी। तभी उसके समीज के दोनों साइड के कट से, जो उसके कमर तक थे, समीज के हटने से उसकी नंगी जांघें तो कभी उसके चूतड़ तक झलक दिखा जाते थे।

मेरा लण्ड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था, मधु की मस्ती देख वो कुछ ज्यादा ही मस्ता रहा था। इधर सलोनी ने भी कमाल कर रखा था वो कोई मौका रोमांटिक होने या बनाने का नहीं छोड़ रही थी। देखा जाए तो इस समय सलोनी अपनी इस छोटी सी पारदर्शी नाइटी में लगभग नंगी ही दिख रही थी मगर मेरे लण्ड को उससे कोई मतलब नहीं था और ना वो सलोनी की नग्नता देख इतना फ़ुफ़कारता था।

इस समय मधु के नंगे अंग देख लण्ड ने बवाल मचा रखा था। मेरी समझ में अच्छी तरह आ गया था कि यह लण्ड भी उस तेज तर्रार शिकारी कुत्ते की तरह है जो अपने जानकार लोगों को देख शांत रहता है पर जहाँ कोई अजनबी देखा नहीं कि बुरी तरह उग्र हो जाता है। मधु को देख मेरे लण्ड का भी वही हाल था और यह भी समझ आ गया था कि सलोनी के नंगे अंगों को देख अरविन्द अंकल, पारस या दूसरे लोगों का क्या हाल होता होगा। तभी मेरे दिमाग में शाम वाली बात आ जाती है।

मैं- “अरे जान, शाम क्या कह रही थी??”

सलोनी- “किस बारे में?”

मैं- “वो जब मैं मधु को नहला रहा था तब कि तो मत शरमा अब क्यों ऐसा कर रही है? क्या कोई पहले भी इसको नहला चुका है या नंगी देख चुका है?”

अपनी बात सुनते ही तुरंत मधु ने प्रतिरोध किया- “क्या भैया! आप फिर?”

सलोनी- “तू चुप कर खाना खा, तुझसे किसी ने कुछ पूछा क्या???”

सलोनी की डाँट से वो कुछ डर गई और ‘जी भाभी’ बोल नजरें नीचे कर खाने लगी।

सलोनी- “जानू और कोई नहीं इसका बाप ही, वो शराबी! जब देखो इसको परेशान करता रहता है”

मैं- “क्याआआ??? क्या कह रही है तू, क्या ये सच है? इसके पापा ही??? क्या करते हैं वो?”

मधु एक बार फिर- “रहने दो ना भाभी”

TO BE CONTINUED ....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 18-02-2024, 02:17 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 19-02-2024, 10:11 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 12:42 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 06:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 22-02-2024, 08:58 PM
RE: रंगीली बीबी - by sri7869 - 23-02-2024, 12:54 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 25-02-2024, 05:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vamp - 26-02-2024, 04:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 28-02-2024, 03:00 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 01-03-2024, 04:19 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 02-03-2024, 11:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 06-03-2024, 06:58 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 06-03-2024, 08:05 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 10-03-2024, 02:08 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 11-03-2024, 10:33 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 02:53 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 05:54 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 18-03-2024, 09:06 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 18-03-2024, 09:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 19-03-2024, 07:07 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 26-03-2024, 09:25 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-03-2024, 07:28 AM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 28-03-2024, 08:26 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 31-03-2024, 10:13 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 01-04-2024, 04:26 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 24-04-2024, 02:04 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 24-04-2024, 10:52 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-04-2024, 10:14 PM
RE: रंगीली बीबी - by Samar78 - 29-04-2024, 04:18 PM
RE: रंगीली बीबी - by Apkeliya - 20-05-2024, 10:08 AM
RE: रंगीली बीबी - by urb0nd - 23-05-2024, 02:00 PM



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