27-02-2024, 04:44 PM
हम तीनों ही तैयार हो गए थे सलोनी ने मधु का भी हल्का मेकअप कर दिया था। वो बला की खूबसूरत दिख रही थी। मेरे दिमाग में उसकी ही चूत घूम रही थी। वैसे सलोनी की चूत मधु से कहीं ज्यादा सुन्दर और चिकनी थी पर मधु की चूत का नयापन मेरे दिमाग को पागल कर रहा था। इंतजार करते हुए 9:30 हो गए। सलोनी ने मधु के घर भी फ़ोन कर दिया था कि वो आज रात हमारे यहाँ ही रुकेगी।
पहले भी वो 2-3 बार हमारे यहाँ रुक चुकी है तो कई बड़ी बात नहीं थी। परन्तु आज की बात अलग थी, मेरे दिल में कुछ अलग ही धक धक हो रही थी। तभी अमित का फ़ोन आया….
मैं- “क्या हुआ यार इतनी देर कहाँ लगा दी”
अमित – “ओह सॉरी यार, आज का कार्यक्रम रद्द हो गया है, हम नहीं आ पाएंगे”
मैं- “क्या…?”
अमित- “एक मिनट… तू नीचे आ”
मैं- “तू पागल हो गया है… क्या बोल रहा है ?? कहाँ है तू???”
अमित – “अच्छा रुक मैं आता हूँ…”
सलोनी- “क्या हुआ??”
मैं- “पता नहीं क्या कह रहा है???”
दो मिनट के बाद ट्रीन्न्न्न्न… ट्रीन्न्न्न्न…
सलोनी ने दरवाजा खोला- “ओह आप आ तो गए, क्या हुआ अमित भैया???”
उसने सलोनी को देख एकदम से गले लगाया और उसके गाल को चूमा। अमित हमेशा ऐसे ही मिलता था। विदेशी कल्चर और उसकी पत्नी रुचिका भी, उसने नजर भरकर सलोनी को देखा।
अमित - “वाह सलोनी! आज तो मस्त सेक्सी लग रही हो”
सलोनी- “अरे रुचिका कहाँ है भैया”
अमित - “अरे क्या कहूँ हम दोनों यहीं आ रहे थे। कि रुचिका के मॉम-डैड का फ़ोन आ गया। वो कहीं जा रहे थे मगर कुछ इमर्जेन्सी हो गई तो अभी आधे घंटे बाद उनका प्लेन यहीं आ रहा है। हम दोनों उनको ही लेने जा रहे हैं। सॉरी यार फिर कभी जरूर आएंगे”
मैं- “अरे यार एकदम ये सब कैसे?”
अमित - “यार फिर बताऊंगा, मुझे तो इस पार्टी को मिस करने का बहुत दुःख है। अच्छा यार ज़रा जल्दी में हूँ। माफ़ कर दो तुम दोनों मुझको”
उसने एक बार फिर सलोनी को अपने गले लगाया। इस बार मैं पीछे ही था, मैंने साफ़ देखा उसके बायाँ हाथ सलोनी के चूतड़ों पर था फिर वो तेजी से बाहर को निकल गया। मैं भी जल्दी से बाहर को आया उसको सी ऑफ करने के लिए। मैं उसके साथ ही नीचे आ गया। रुचिका को भी एक नजर देखने के लिए। रुचिका उसकी महंगी कार में ही बैठी थी। मैं उसकी ओर गया। उसने तुरंत दरवाजा खोला। रुचिका ने पिंक मिनी स्कर्ट और टॉप पहना था। जैसे ही वो नीचे उतरने लगी, उसके बायाँ पैर जमीन पर रखते ही उसकी स्कर्ट ऊपर हो गई और दोनों पैर के बीच बहुत ज्यादा गैप हो गया मुझे उसकी नेट वाली लाल कच्छी दिखी। मेरी नजर वहीं थी कि….
रुचिका- “ओह अंकुर एक मिनट”
मैं सॉरी बोल पीछे हटा, रुचिका ने बाहर आ मेरे सीने से लग गाल को हल्का सा चुम्बन किया। मुझे अमित की हरकत याद आ गई। मैंने भी अपना बायाँ हाथ रुचिका के चूतड़ों पर रखा। ओह गॉड मेरी किस्मत, मेरी उँगलियों को पूरी तरह से नंगे, मक्खन जैसे चूतड़ों का स्पर्श मिला। बैठने से रुचिका की स्कर्ट पीछे से सिमट कर ऊपर हो गई थी और उसने शायद लाल टोंग पहना था जिससे उसके चूतड़ के दोनों उभार नंगे थे। मेरी उँगलियाँ खुद ब खुद उसके चूतड़ों के मुलायम गोश्त में गड़ गई। मैंने भी रुचिका के गाल पर चुम्मा लिया और जब गाड़ी में देखा तो अमित ड्राइविंग सीट पर बैठ गया था और वो मेरे हाथ को देख कर मुस्कुरा रहा था। मैंने जल्दी से रुचिका को छोड़ा और पीछे हट गया।
रुचिका- “सॉरी, फिर बनाएँगे यार प्रोग्राम, अब तुम दोनों आना हमारे घर”
मैं- “कोई बात नहीं, ये सब भी देखना ही था। ठीक है”
रुचिका घूमकर गाड़ी में बैठने लगी। उसने अभी भी अपनी स्कर्ट ठीक नहीं की थी। उसके चूतड़ों की एक झलक मुझे मिल गई। ना जाने मुझमे कहाँ से हिम्मत आ गई, मैंने रुचिका को रोका और उसकी स्कर्ट सही कर दी।
रुचिका- “क्या हुआ अंकुर??”
मैं- “अरे स्कर्ट ऊपर हो गई थी”
रुचिका- “ओह… थैंक्स”
अमित - “हा हा हा रुचिका! आज सलोनी तुमसे कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही थी”
रुचिका (चिढ़कर) - “तो नीचे क्यों आ गए, वहीं रुक जाते ना, मैं अंकुर के साथ चली जाती हूँ”
अमित - “ओह यार! मैं तो तैयार हूँ, क्यों अंकुर??”
मैं- “हाँ हाँ ठीक है, सोच ले”
मुझे भी उनके सामने कुछ बोल्ड होना पड़ा,
अमित ने गाड़ी स्टार्ट की- “चल अच्छा फिर कभी सोचेंगे वरना इसके पापा सोचेंगे कि यार मेरी बेटी का पति कैसे बदल गया”
और मैं उन दोनों को विदा कर ऊपर आ गया।
TO BE CONTINUED .......
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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