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Adultery रंगीली बीबी
#26
मैं- “अरे यह अमित इतनी जल्दी कैसे आ गया?”
सलोनी- “अरे नहीं जानू, मधु होगी, मैंने उसको आज काम करने के लिए बुला लिया था”
मधु हमारी कॉलोनी में ही पीछे की तरफ बनी एक गरीब बस्ती में रहती थी। बहुत गरीबी में उसका परिवार जी रहा था उसका, बाप शराबी, छोटे छोटे 5 भाई बहन, माँ घरों के साफ़ सफाई और छोटे मोटे काम करती थी, सलोनी कभी कभी उसको कुछ काम करने के लिए बुला लेती थी। मैं पिछले काफी समय से उससे नहीं मिला था क्योंकि अपने काम में ही व्यस्त रहता था। सलोनी ने दरवाजा खोला, मधु ही थी वो अंदर आ गई।
मधु- “सॉरी भाभी! देर हो गई वो घर का काम भी करना था न”
सलोनी- “कोई बात नहीं, अभी बहुत समय है। तू आराम से कर ले”
मैं उसको देखता रह गया। उसकी उम्र तो पता नहीं पर वो लम्बी पतली और काफी खूबसूरत थी। उसको देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वो एक इतने गरीब परिवार में रहती थी। आज उसका रंग भी काफी साफ़ लग रहा था। उसने घुटनों तक की एक फ्रॉक पहन रखी थी जो शायद आज ही धोकर, साफ़ सुथरी होकर आई थी। उसके बाल भी सही से बने हुए थे। सलोनी ने बता दिया होगा कि कोई आने वाला है तो वह खुद तैयार होकर आई थी। फ्रॉक से उसकी पतली टांगें घुटनों तक नंगी दिख रहीं थी जो बहुत सुन्दर लग रही थी। आज पहली बार मैंने उसके सीने की ओर ध्यान दिया तो कसे हुए फ्रॉक से साफ़ महसूस हुआ कि उसके उभार आने शुरू हो गए हैं। उभारों ने गोलाई में आना शुरू कर दिया था।
सलोनी उसको लेकर रसोई में चली गई। जाते जाते मधु ने मुझे ‘नमस्ते भैया’ कहा जिसका मैंने सर हिलाकर जवाब दिया।
अब मैं मधु के बारे में सोचते हुए ही तैयार होने लगा। गर्मी ज्यादा होने के कारण मैंने हल्का कुरता पजामा डाल लिया फिर ना जाने क्यों मन में मधु को देखने का ख्याल आया और मैं अनायास रसोई की ओर बढ़ गया। मधु नीचे उकड़ू बैठी आटा गूंध रही थी। उसकी फ्रॉक कमर तक उठी थी और अंदर से उसकी काले रंग कच्छी साफ़ दिख रही थी। कच्छी बहुत पुरानी थी और उसकी किनारी ढीली हो गई थीं। उसके बार बार हिलने से किनारी उठ जाती थी और कच्छी के अंदर का साफ रंग भी दिख जाता था। तभी उसकी नजर मुझ पर पड़ी, वो शरमा गई और उसने तुरंत अपनी टांगें भींच ली।
मधु- “अरे भैया आप! क्या हुआ? कुछ लाऊँ क्या?”
सलोनी काम करते हुए ही घूम कर देखती है।
सलोनी मधु से- “अरे पगली तुझे क्या हुआ? तू अपना काम कर ना” उसको संकुचाता देखकर, “इनसे क्या शरमाना, तेरे भैया ही तो हैं”
मधु फिर से बैठकर आटा गूंधने लगी मगर उसके पैर अब बंद थे।
मैं- “जान, इसके कपड़े भी नए बनवा देना, काफी पुराने हो गए हैं”
सलोनी- “अरे मैं तो कब से कह रही हूँ, यही पगली ही तैयार नहीं होती, यह जो कच्छी पहनी है, वो भी मैंने दी थी। इसके तो बड़ी थी पर यह बोली कि यही दे दो वरना पहले तो उस फटी कच्छी में ही घूमती थी”
मधु- “क्या भाभी आप भी ना? ये सब भैया से क्यों बोल रही हो?”
सलोनी- “तो क्या हुआ, अब तुझे शर्म आ रही है और जब वो फटी कच्छी पहन सबको दिखाती घूमती थी तब नहीं आती थी?”
मधु- “व्व… वो… वो…!!!”
मैं- “ओह क्या जान, क्यों इस बेचारी को परेशान कर रही हो?”
सलोनी- “अरे मैं कहाँ, अच्छा आप जरा उस अचार के डिब्बे को उतार दो”
आचार का डिब्बा बहुत ऊपर स्लैब पर रखा था। मैं भी किसी चीज पर चढ़ कर ही उतार सकता था।
मैं- “जान इसके लिए तो अंदर से कोई मेज या कुर्सी लेकर आओ”
सलोनी- “अब वो सब नहीं, ऐसा करो आप इस मधु को ऊपर उठा दो, यही उतार देगी”
मैं अभी इसके बारे में सोच ही रहा था कि…
सलोनी- “चल यहाँ आ मधु, अब बस कर गुंध तो गया। अब क्या इसकी जान निकालेगी, चल अपने हाथ धो ले”
मधु हाथ धो मेरे पास आ खड़ी हो ऊपर देख रही थी।
सलोनी- “चलो इसको ऊपर उठाओ”
मैंने मधु की कमर को दोनों हाथ से पकड़ ऊपर उठा दिया।
मधु- “ओह नहीं पहुँच रहा भाभी”
मैंने उसको और ऊपर उठाया। मेरे सीधा हाथ फिसलने लगा और उसको नियंत्रित करने के लिए मैंने उसके चूतड़ों के नीचे टिका दिया। उसका बैलेंस तो बन गया और वो कुछ ऊपर भी हो गई मगर मेरा सीधा हाथ ठीक उसके मखमल जैसे चूतड़ों के बीचों बीच था मुझे अच्छी तरह पता था कि सलोनी हर तरह से दूसरे मर्दों से सेक्स का मजा ले रही है परन्तु फिर भी ना जाने अपनी इस हरकत से मेरे दिल में एक डर सा होने लगा।
मैंने घबराकर सलोनी की ओर देखा पर उसका ध्यान आचार के डिब्बे की ओर ही था। बस मुझे मौका मिल गया, मैंने अच्छी तरह से मधु के छोटे छोटे मुलायम चूतड़ों को बैलेंस बनाने के बहाने टटोला। उसकी फ्रॉक भी ऊपर को खिसक गई और मेरी उंगलियाँ उसके चूतड़ों के नग्न मांस में भी धंस सी गई। मधु ने डिब्बा उतारकर सलोनी को पकड़ा दिया जो उसको बराबर निर्देश दे रही थी। अब सलोनी ने हमको देखा, मैंने हाथ हटाने की कोशिश की पर इससे उसका बैलैंस बिगड़ा। मैंने उसको आगे से संभाला। इत्तेफ़ाक़ से मेरा हाथ उसके पेट के निचले हिस्से पर पड़ा। मैंने जैसे ही उसको संभाला, मेरे हाथ ने उसके फ्रॉक को ऊपर को समेटते हुए उसके नाभि के नीचे से पकड़ लिया। मेरी उँगलियाँ उसकी कोमल चूत को छू रही थीं।
ये सब कुछ बस एक पल के लिए हुआ और मधु मेरी गोद से कूद गई। मैंने घबराकर सलोनी की ओर देखा मगर वो बेशरम केवल मुस्कुरा रही थी।
मैं- “बस हो गया तुम्हारा काम? अब ठीक है मैं जाता हूँ”
मैं तुरंत रसोई से बाहर आ गया। अपने बैडरूम में आने के बाद भी एक मस्त अहसास मेरे को हो रहा था। यह अहसास केवल इसी बात का नहीं था कि मैंने मधु के मक्खन जैसे चूतड़ों को छुआ था या उसकी कोरी चूत को कच्छी से झांकते देखा था बल्कि इस बात का था कि सलोनी को भी इस सबमे मजा आ रहा था और वो भी सहयोग कर रही थी। मैं यह भी सोच रहा था कि जैसे जब कोई दूसरा मर्द मेरी सलोनी के साथ मस्ती करता है और मुझे मजा आ रहा है, क्या इसी अहसास को सलोनी भी महसूस कर रही है? और वो भी इसी तरह मेरी सहायता कर रही है?
अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या सलोनी मेरे सामने ही किसी गैर मर्द से चुदवाती है या उससे पहले मैं सलोनी के सामने मधु या किसी और कमसिन लड़की को चोदता हूँ। इस सब बातों को सोचते हुए मेरा लण्ड तन कर खड़ा हो गया था और ख़ुशी में उसने पानी कि कुछ बूंदें भी टपका दी थीं।

TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 18-02-2024, 02:17 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 19-02-2024, 10:11 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 12:42 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 06:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 22-02-2024, 08:58 PM
RE: रंगीली बीबी - by sri7869 - 23-02-2024, 12:54 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 25-02-2024, 05:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 26-02-2024, 02:50 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vamp - 26-02-2024, 04:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 01-03-2024, 04:19 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 02-03-2024, 11:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 06-03-2024, 06:58 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 06-03-2024, 08:05 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 10-03-2024, 02:08 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 11-03-2024, 10:33 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 02:53 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 05:54 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 18-03-2024, 09:06 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 18-03-2024, 09:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 19-03-2024, 07:07 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 26-03-2024, 09:25 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-03-2024, 07:28 AM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 28-03-2024, 08:26 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 31-03-2024, 10:13 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 01-04-2024, 04:26 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 24-04-2024, 02:04 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 24-04-2024, 10:52 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-04-2024, 10:14 PM
RE: रंगीली बीबी - by Samar78 - 29-04-2024, 04:18 PM
RE: रंगीली बीबी - by Apkeliya - 20-05-2024, 10:08 AM
RE: रंगीली बीबी - by urb0nd - 23-05-2024, 02:00 PM



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