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Adultery रंगीली बीबी
#21
Heart 
सलोनी- “ओह ज़मील, आज मुझे जल्दी जाना है। फिर कभी तुम घर आकर आराम से चेक कर लेना” और सलोनी ने झुककर उस लड़के के मुँह पर चूम लिया।
बस अब तो ज़मील की प्रसन्नता का गुब्बारा फट पड़ा। उसने सलोनी को कसकर अपनी बाँहों में भर लिया। उसने अपनी कमर सलोनी के चूत वाले भाग पर घिसते हुए ही बोला,
लड़का- “मैडम जी कल से आपकी याद में मेरा लण्ड खड़ा ही है। यह साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा”
साफ़ लग रहा था कि वो अपना लण्ड सलोनी कि चूत पर रगड़ रहा था। चाहे कैप्री के ऊपर से ही।
लड़का- “मैडम जी, जब से आपकी इतनी प्यारी चूत देखी है, मेरा लण्ड ने तो जिद पकड़ ली है कि एक बार तो वहाँ जरूर जाऊँगा”
सलोनी- “ओह छोड़ो ना”
लड़का उसको और कसकर चिपकते हुए- “सच मेमसाब मैंने पूरी जिंदगी में इतनी प्यारी और चिकनी चूत नहीं देखी। यहाँ बाहर मेरे यहाँ 6-7 लड़कियां काम करती हैं, मैं सबको यहीं कई बार चोद चुका हूँ मगर सबकी चूत आपकी चूत के सामने बिल्कुल बेकार है। सच कहूँ कल एक बार आपकी चूत छूने से ही मेरा पानी निकल गया था और आपके पति भी कितने अच्छे हैं, उन्होंने खुद अपने हाथों से मेरे को मजा करवाया”
सलोनी- “ओह नहीं…!!!”
लड़का- “अहा हा… ह्ह्ह, सही मैडम जी, मैंने 3-4 शादीशुदा को भी चोदा है और मेरी दिली इच्छा थी कि काश मैं उनको उनके पति के सामने चोदूँ पर वो सभी ना जाने क्यों डरती हैं। सुसरी चुदवाते हुए तो खूब आवाज करेंगी पर पति से कहने से भी डरती हैं पर आप एकदम अलग हो, आप तो अपने पति के सामने ही मजा करती हो। आपको तो भाई शाब के सामने ही चोदूंगा”
तभी अचानक सलोनी ने उसको कसकर धक्का दिया। वो पीछे को हो गया।
सलोनी- “बस बहुत हो गया, अब मुझे जाने दो और हाँ वो मेरे पति नहीं थे समझे, तुम अपना काम करो, मैं ऐसी वैसी नहीं हूँ”
लड़का- “ओह सॉरी मैडम जी, वो मैं समझा इसीलिए इसका मतलब…”
सलोनी ने जल्दी से अपनी शर्ट पहनी और जल्दी जल्दी वहाँ से बाहर निकल गई। मैं और वो लड़का भौंचक्के से उसको जाते देखते रह गए कि अचानक यह हुआ क्या?
मैं वहाँ खड़ा अभी सलोनी के बारे में सोच ही रहा था कि यह अचानक उसको क्या हुआ? वो चुदवाने को मना तो कर सकती थी मगर इस तरह अपनी नई वाली कच्छी-ब्रा भी छोड़कर यूँ भाग जाना? जरूर कोई बात तो है…
मैं वहाँ से निकल सलोनी के पीछे जाने की सोच ही रहा था और उस लड़के ज़मील के हटने का इन्तजार कर रहा था कि लगता था कुछ ज्यादा ही गर्म हो गया था। उसने अपना लोअर नीचे कर अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। उसका लण्ड कुछ बहुत ही अजीब सा था। 6-7 इंच लम्बा और शायद 2.5 से 3 इंच मोटा पर उसका सुपाड़ा बहुत खतरनाक था, बिल्कुल खुला और बहुत मोटा।
मुझे लगा कि इसके लण्ड का यह अगला भाग अच्छी अच्छी चूतों की चीखें निकाल देता होगा और खास बात यह थी कि लण्ड बहुत अजीब तरीके से मुड़ा हुआ था, एकदम सीधा नहीं था तो इस समय वो अपने लण्ड को सहलाते हुए ही बात भी कर रहा था जैसे उसको समझा रहा हो,
लड़का- “ओह मेरे यार, मैं क्या करूँ, साली, अच्छी खासी पट गई थी मगर ना जाने क्या हुआ पुच…पुच… मान जा, फिर किसी दिन दिलाऊँगा”
मैं अभी यह सोच ही रहा था कि क्या सलोनी को उसके इस भयंकर लण्ड का आभास हो गया था जो वो ऐसे भाग गई? कि तभी उस लड़के और मेरी नजर एक साथ ही सामने एक परदे पर पड़ी। वहाँ एक लड़की जो शायद उसी दुकान पर काम करती थी, दिखी जो छुपकर जाने का प्रयास कर रही थी।
लड़का- “ऐ एएए नाज़नीन, इधर आ तू, क्या कर रही है यहाँ”
मैं स्थिति को समझने का प्रयास कर ही रहा था कि उस लड़के के पास आ गई थी मगर वो अभी भी लण्ड को अपने हाथ से पकड़े उससे बात कर रहा था। उसने अपना लण्ड अभी तक लोअर के अंदर नहीं किया था।
नाज़नीन- “वो सर, मैं तो आपको ही ढूंढ रही थी। ये सामान दिखाना था”
उसके हाथ में दो ब्रा थीं। नाज़नीन कोई 5 फुट की छोटे कद की, पतली दुबली, सांवले रंग की थी। उसके पहनावे और मेकअप से लग रहा था कि वो एक गरीब परिवार की होगी। उसने एक सस्ती सी झीनी काले रंग की कुर्ती और सफ़ेद टाइट पजामी पहनी थी। कुर्ती से उसकी ब्रा साफ़ दिख रही थी। उसने अपने कंधे तक के बालों को खुला छोड़ रखा था जो कुछ बिखरे हुए भी थे। उसकी चूचियाँ तो कुछ खास नहीं थीं। कुर्ती से हलकी सी ही उभरी हुई दिख रही थीं मगर हाँ उसकी गांड काफी उभरी हुई दिख रही थी जो उसके पूरे शरीर का सबसे आकर्षक भाग था।
तभीवहाँ एक मोबाइल बजने लगा।
लड़का- “रुक तू अभी, यह तो उसी का फोन है। हाँ मैडम जी, क्या हुआ आप इतना नाराज क्यों हो गई। अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो तो माफ़ कर दो। अपना सामान तो ले जाती”
ओह ये तो सलोनी का ही फोन था। मैंने रात को अपने वॉयस रिकॉर्डर से जान लिया था कि सलोनी ने उससे क्या बात की थी। जो यहाँ बता रहा हूँ…
सलोनी- “अरे मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ, वो वहा कोई खड़ा था ना इसलिए मैं आ गई। मुझे बहुत शर्म आ रही थी वहाँ”
लड़का- “अरे मैडम जी ये कोई नहीं, नाज़नीन ही थी। आप ही के कपड़े लेकर आई थी। यह यहाँ सिलाई का काम करती है इससे न डरो, आप आ जाओ”
सलोनी- “अरे नहीं, अब नहीं, और वहाँ मुझे अच्छा नहीं लगा। तुम्हारे यहाँ एक चेंज रूम भी होना चाहिए ना”
लड़का- “अब क्या करूँ मैडम जी, वो हो ही नहीं पाया मगर आप डरो नहीं यहाँ कोई नहीं आता केवल यही सब ही आती हैं बस…”
सलोनी- “छोड़ो ये सब, तुम ऐसा करना, मैं बता दूंगी। मेरे घर ही भिजवा देना या खुद ही ले आना, मैं वहीं चेक करके बता दूँगी”
लड़का- “ठीक है मैडम जी, बताओ कहाँ?? मैं अभी आ जाता हूँ”
सलोनी- “अरे अभी तो नहीं, मुझे अभी बाजार में ही काम है और फिर इनके ऑफिस जाना है फिर 1-2 दिन में बता दूंगी”
लड़का- “ओह मैडम जी, यह तो बहुत बुरा हुआ इस साली की वजह से”
वो नाज़नीन को बालों से पकड़ अपने लण्ड पर झुका देता है जो फिर से तन गया था और इस समय कहीं ज्यादा भयंकर हो गया था। यह शायद सलोनी की सेक्सी आवाज के कारण हुआ था। नाज़नीन भी उसके लण्ड को अपने हाथ से पकड़ झुक कर उसको पुचकारने लगती है। मैं उस लड़के की किस्मत पर रस्क करने लगता हूँ कि क्या किस्मत है साले की, अभी कुछ देर पहले मेरी बीवी के मम्मो को मसल रहा था और अब इस लड़की से अपना लण्ड चुसवा रहा है।
नाज़नीन की पीठ मेरी ओर थी जब वो झुकी तो उसकी कुर्ती उसके मोटे चूतड़ों से ऊपर सरक गई। ओह माय गॉड उसके विशाल चूतड़ केवल सफ़ेद टाइट पजामी में मेरे सामने थे। उसके चूतड़ उसकी उस इलास्टिक वाली पजामी में नहीं समां रहे थे।
उसके झुकने से उसकी पजामी उसके चूतड़ों से काफी नीचे को फिसल रही थी जिससे उसके चूतड़ों का ऊपरी हिस्सा और चूतड़ों की दरार तक साफ़-साफ़ दिख रही थी। उसने एक काली कच्छी भी पहनी थी जो पूरी साफ़ उसकी पजामी से दिख रही थी। लेकिन उसकी कच्छी बहुत पुरानी थी जिसकी इलास्टिक तक ढीली हो गई थी। जो उसकी पजामी के साथ ही नीचे को सिमट गई थी। इस सेक्सी नज़ारे को देख मैं सलोनी को भूल गया सोचा उसको तो बाद में भी देख लेंगे पहले इसको ही देखा जाये।
लड़का अपना लण्ड चुसवाते हुए सलोनी से अभी भी बात कर रहा था।
लड़का- “क्या मैडम जी, आप तो मेरा खड़ा करके भाग गई, अब मैं क्या करूँ?”
सलोनी- “तुम पागल हो क्या? इसमें मैं क्या कर सकती हूँ। वो तुम समझो, मुझे मेरे कपड़े चाहिए बस बाकी अपना जो भी है वो तुम जानो। हे हे हे हे हा हा”
लड़का- “मैडम जी ऐसा ना करो…”
सलोनी- “अच्छा ठीक है फिर बात करती हूँ अभी तुम अपना काम करो। बाय…”
लड़का- “ओह नहींईई मैडम जी, ये क्या…” और वो गुस्से में ही उस बेचारी नाज़नीन पर टूट पड़ता है।
लड़का- “चल सुसरी, तेरी वजह से आज एक प्यारी चूत निकल गई। चल अब तू ही इसे शांत कर”
वो उसको उसी मेज पर झुकाकर उसकी पजामी एकदम से नीचे खींच देता है। मैं बिना पलक झपकाये उधर देख रहा था। वो लड़का कैसे नाज़नीन के साथ मस्ती कर रहा था। कुछ लड़कियाँ कपड़ों में बेइंतहा खूबसूरत लगती हैं मगर वो अपने अंदर के अंगों का ध्यान नहीं रखती इसलिए कपड़ों के बिना उनमें वो रस नहीं आता मगर कुछ देखने में तो साधारण ही होती हैं, पर कच्छी निकालते ही उनकी गाण्ड और चूत देखते ही लण्ड पानी छोड़ देता है, नाज़नीन कुछ वैसी ही थी। उसकी गाण्ड और चूत में एक अलग ही कशिश थी जो उसको खास बना रही थी। ज़मील ने लण्ड चूसती नाज़नीन का हाथ पकड़ ऊपर उठाया और उसको घुमाकर मेज की ओर झुका दिया। उसने अपने दोनों हाथ से मेज को पकड़ लिया और खुद को तैयार करने लगी। उसको पता था कि आगे क्या होने वाला है।
ज़मील मेरी बीवी के साथ तो बहुत प्यार से पेश आ रहा था मगर नाज़नीन के साथ जालिम की तरह व्यव्हार कर रहा था।
वो उन मर्दों में था कि जब तक चूत नहीं मिलती तब तक उसको प्यार से सहलाते हैं और जब एक बार उस चूत में लण्ड चला जाये तो फिर बेदर्दी पर उतर आते हैं। वो नाज़नीन को पहले कई बार चोद चुका था जो कि साफ़ पता चल रहा था इसलिए उस बेचारी के साथ जालिमो जैसा व्यव्हार कर रहा था। नाज़नीन मेज पर झुककर खड़ी थी, उसकी कुर्ती तो पहले ही बहुत ऊपर खिसक गई थी और पजामी भी चूतड़ से काफी नीचे आ गई थी। ज़मील ने अपने बाएं हाथ की सभी उँगलियाँ एक साथ पजामी में फंसाई और एक झटके से उसको नाज़नीन की जांघों से खींच टखनों तक ला दिया।
नाज़नीन- “उफ़्फ़्फ़…”
नाज़नीन के विशाल चूतड़ पूरी गोलाई लिए मेरे सामने थे। नाज़नीन की कच्छी क्या साथ देती वो तो पहले ही अपनी अंतिम साँसे गिन रही थी वो भी पजामी के साथ ही नीचे आ गई। मैं नाज़नीन के विशाल चूतड़ों का दृश्य ज्यादा देर नहीं देख पाया
क्योंकि उस कमीन ने अपना लण्ड पीछे से नाज़नीन के चूतड़ों से चिपका उसको ढक दिया।
नाज़नीन- “अहा ह्ह्ह्ह… नहीं सर, अव्वह… नहीं करो”
लड़का - “क्यों तुझे अब क्या हुआ साली, उसको भी भगा दिया और खुद भी नखरे कर रही है”
नाज़नीन लगातार अपनी कमर हिला लड़का के खतरनाक लण्ड को अपने चूतड़ों से हटा रही थी।
नाज़नीन- “नहीं सर बहुत दर्द हो रहा है, आज सुबह ही अंकल ने मेरी गाण्ड को सुजा दिया है। बहुत चीस उठ रही है, आप आगे से कर लो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी”
लड़का अब थोड़ा रहम दिल भी दिखा, वो नीचे बैठकर उसके चूतड़ों को दोनों हाथ से पकड़ खोलकर देखता है। वाओ मेरा दिल कब से ये देखने का कर रहा था। नाज़नीन के विशाल चूतड़ इस कदर गोलाई लिए और आपस में चिपके थे कि उसके झुककर खड़े होने पर भी गाण्ड या चूत का छेद नहीं दिख रहा था मगर ज़मील के द्वारा दोनों भाग चीरने से अब उसके दोनों छेद दिखने लगे। गाण्ड का छेद तो पूरा लाल और काफी कटा कटा सा दिख रहा था मगर पीछे से झांकती चूत बहुत खूबसूरत दिख रही थी। ज़मील ने वहाँ रखी क्रीम अपने हाथ में ली और उसके गाण्ड के छेद पर बड़े प्यार से लगाई।
लड़का - ये साला अब्बू भी न, तुझे मना किया है ना कि मत जाया कर सुबह सुबह उसके पास, उसके लिए तो जाकिरा और सलीमा ही सही हैं, झेल तो लेती हैं उसका आराम से, फड़वा लेगी तू किसी दिन उससे अपनी”
और उसने कुछ क्रीम उसकी चूत के छेद पर भी लगाई, मैंने सोचा कि ये साले दोनों बाप बेटे कितनी चूतों के साथ मजे ले रहे हैं। फिर लड़का ने खड़े हो पीछे से ही अपना लण्ड नाज़नीन की चूत में फंसा दिया।
नाज़नीन- “आआह्ह्ह… ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआ… इइइइ”
वो तो दुकान में चल रहे तेज म्यूजिक की वजह से उसकी चीख किसी ने नहीं सुनी। वाकयी लड़का के लण्ड का सुपारा था ही ऐसा जो मैंने सोचा था वही हुआ उस बेचारी नाज़नीन की नाजुक चूत की चीख निकल गई लेकिन एक खास बात यह भी थी कि अब लण्ड आराम से अंदर जा रहा था। मतलब केवल पहली चोट के बाद वो चूत को फिर मजे ही देता था। मैं ना जाने क्यों ऐसा सोच रहा था कि यह लण्ड सलोनी की चूत में जा रहा है और वो चिल्ला रही है। अब ज़मील वहाँ  अपनी कमर हिला हिला कर नाज़नीन को चोद रहा था और वहाँ दोनों की आहें गूंज रही थीं। मेरा लण्ड भी बेकाबू हो गया था और अब मुझे वहाँ रुकना भारी लगने लगा।
मैं चुपचाप वहाँ से बाहर निकला और बिना किसी से मिले दुकान से बाहर आ गया। दुकान से बाहर आते समय मुझे वो लड़की फिर मिली जो मुझे ब्रा चड्डी खरीदने के लिए कह रही थी। ना जाने क्यों वो एक तिरछी मुस्कान लिए मुझे देख रही थी। मैंने भी उसको एक स्माइल दी और दुकान से बाहर निकल आया। पहले चारों ओर देखा फिर सावधानी से अपनी कार तक पहुँचा और ऑफिस आ गया।
मन बहुत रोमांचित था मगर काम में नहीं लगा …..
TO BE CONTINUED …..
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 18-02-2024, 02:17 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 19-02-2024, 10:11 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 12:42 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 06:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 22-02-2024, 08:58 PM
RE: रंगीली बीबी - by sri7869 - 23-02-2024, 12:54 AM
RE: रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 24-02-2024, 03:37 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 25-02-2024, 05:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vamp - 26-02-2024, 04:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 01-03-2024, 04:19 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 02-03-2024, 11:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 06-03-2024, 06:58 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 06-03-2024, 08:05 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 10-03-2024, 02:08 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 11-03-2024, 10:33 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 02:53 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 05:54 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 18-03-2024, 09:06 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 18-03-2024, 09:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 19-03-2024, 07:07 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 26-03-2024, 09:25 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-03-2024, 07:28 AM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 28-03-2024, 08:26 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 31-03-2024, 10:13 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 01-04-2024, 04:26 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 24-04-2024, 02:04 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 24-04-2024, 10:52 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-04-2024, 10:14 PM
RE: रंगीली बीबी - by Samar78 - 29-04-2024, 04:18 PM
RE: रंगीली बीबी - by Apkeliya - 20-05-2024, 10:08 AM
RE: रंगीली बीबी - by urb0nd - 23-05-2024, 02:00 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 03-06-2024, 09:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by zerob3 - 05-06-2024, 09:56 PM
RE: रंगीली बीबी - by koolme98 - 22-06-2024, 04:38 PM



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