24-02-2024, 11:27 AM
यहाँ जरुरत मेरे लंड क़ी थी तो जीभ कहाँ वो काम कर पाती।
फिर भी मेरी जीभ के असर से उसका पानी निकलना शुरु हो गया था।
अब मैं खड़ा हुआ और अपनी चड्डी निकाल दी।
मेरा खड़ा हुआ लंड हवा में झूल रहा था।
मैंने अपना लंड रीना के पूरे नंगे जिस्म पर फेरना शुरु किया।
मेरा मन अपना लंड उसके मुँह में डालने का था सो मैंने अपना लंड उसके मुँह और होंठों पे लगाना शुरु किया।
अब बारी उसके काम करने क़ी थी।
मैं पलग पर टेक लेकर बैठ गया और वो अब मेरी टांगों के बीच आ गई।
मेरा लंड मोबाइल टावर क़ी तरह खड़ा था।
उसने बिना देर किये मेरे लंड पर जीभ फेरना शुरु किया।
वो मेरे लंड को जड़ से लेकर टोपे तक चाट रही थी।
उसने अपने हाथो से लंड को पकड़ कर उसकी खाल ऊपर नीचे करके मेरा मुठ मारने लगी।
फिर भी मेरी जीभ के असर से उसका पानी निकलना शुरु हो गया था।
अब मैं खड़ा हुआ और अपनी चड्डी निकाल दी।
मेरा खड़ा हुआ लंड हवा में झूल रहा था।
मैंने अपना लंड रीना के पूरे नंगे जिस्म पर फेरना शुरु किया।
मेरा मन अपना लंड उसके मुँह में डालने का था सो मैंने अपना लंड उसके मुँह और होंठों पे लगाना शुरु किया।
अब बारी उसके काम करने क़ी थी।
मैं पलग पर टेक लेकर बैठ गया और वो अब मेरी टांगों के बीच आ गई।
मेरा लंड मोबाइल टावर क़ी तरह खड़ा था।
उसने बिना देर किये मेरे लंड पर जीभ फेरना शुरु किया।
वो मेरे लंड को जड़ से लेकर टोपे तक चाट रही थी।
उसने अपने हाथो से लंड को पकड़ कर उसकी खाल ऊपर नीचे करके मेरा मुठ मारने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.