24-02-2024, 11:26 AM
मैंने अब उसकी नंगी चूत को अपने मुँह में ले लिया और उसके पाव के मज़े लेने लगा। मेरा बस चलता तो उसकी पूरी चूत खा जाता पर उसकी चूत बहुत फूली हुई थी। मैं उसकी एक एक फाकों को मुँह में लेकर चूसने लगा।
अब मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया, वो लेटी हुई थी सो मैंने उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया।
मेरा जीभ उसकी चूत क़ी फाकों को अलग कर के उसके अन्दर घुसी जा रही थी।
वो सिसकियाँ ले रही थी और उसके हाथ मेरे सर पर आ गये थे और मेरे सर को अपनी चूत क़ी ओर धकेल रहे थे।
मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर थे और उनको उठा उठा के अपने मुँह और उसकी चूत के बीच क़ी दूरी को कम करने क़ी कोशिश कर रहे थे।
मेरी जीभ उसकी चूत में काफी अन्दर जा चुकी थी, पर कहते हैं ना जहाँ सुई क़ी जरुरत होती है वहाँ तलवार काम नहीं करती।
अब मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया, वो लेटी हुई थी सो मैंने उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया।
मेरा जीभ उसकी चूत क़ी फाकों को अलग कर के उसके अन्दर घुसी जा रही थी।
वो सिसकियाँ ले रही थी और उसके हाथ मेरे सर पर आ गये थे और मेरे सर को अपनी चूत क़ी ओर धकेल रहे थे।
मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर थे और उनको उठा उठा के अपने मुँह और उसकी चूत के बीच क़ी दूरी को कम करने क़ी कोशिश कर रहे थे।
मेरी जीभ उसकी चूत में काफी अन्दर जा चुकी थी, पर कहते हैं ना जहाँ सुई क़ी जरुरत होती है वहाँ तलवार काम नहीं करती।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.