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Adultery क्यों चुदवाने लगी मेरी खूबसूरत बड़ी बहन मुझसे
#55
मेरे होंठ उसके होंठों से लगे थे और मेरे हाथ उसके टांगों से लेकर उसके सीने तक पूरे जिस्म पर घूम रहे थे और उसके उभारों और गहराइयों को टटोल रहे थे।
उसका स्कर्ट काफी ऊपर हो चुका था और मेरे हाथ उसकी नंगी जाँघों को छू रहे थे जो किसी मक्खन जैसी थी।

मैंने उसको करवट लेकर लिटा दिया और उसके पीछे आकर उसके टॉप में हाथ डाल दिए।
मेरे हाथ उसके नंगे पेट को सहलाते हुए उसके मम्मों तक चले गए जो ब्रा क़ी कैद में थे।

मैंने ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाना शुरु कर दिया।
सहलाने का वक्त अब जा चुका था और अब वक्त था जंगली सेक्स करने का।

मैं उसके मम्मों को मसलने लगा और वो आँखें बंद करके उसके मज़े ले रही थी।
मैंने बिना समय गंवाए उसका टॉप ऊपर कर के उतार दिया और अपनी टीशर्ट भी अलग करके उसके पीछे से चिपक गया।
मैं उसकी नंगी पीठ पर किस करने लगा और हाथों से उसके पेट, नाभि, मम्मों को सहलाने और दबाने लगा। मैंने उसकी ब्रा का स्ट्रेप उसके कंधों से नीचे कर दिया और उस जगह किस किया।

अब उसके सीधे होने का समय था।
मैंने जब उसको सीधा किया तो उसने अपने हाथों से अपने मम्मों को छिपाने क़ी कोशिश क़ी।
उसके ब्रा के स्ट्रेप उसकी कोहनी तक गिर चुके थे और मम्मे आधे चाँद क़ी तरह ब्रा के बाहर झांक रहे थे।

लोगों ने महसूस किया हो तो लडको को लड़की के वो अंग जो पूरे खुले हों, उतने उत्तेजित नहीं करते जितने कि वो अंग करते हैं जो दिख कर भी नहीं दिख पा रहे हों।
वही हालत मेरी थी।
उसके आधे मम्मे मेरे सामने थे, पूरे दिख नहीं रहे थे। मैंने उसके आधे मम्मों को चूमना शुरु किया और उसकी ब्रा को उसके शरीर से अलग करना शुरु किया।

थोड़ी देर में ही उसका ब्रा उसके जिस्म से अलग होकर मेरे हाथ में झूल रही थी।

ब्रा अलग होते ही उसके आधे कच्चे आम जैसे मम्मे मेरे सामने थे जिन पर छोटी छोटी भूरे से रंग क़ी निप्पल थे। मैंने अपनी जीभ निकाली और उसके निप्पल पर लगा कर उनको चाटने लगा।

थोड़ी देर में ही उसके मम्मे मेरे मुँह में थे, मैं उनको पूरा अपने मुँह में लेना चाहता था पर हो नहीं पा रहा था। मेरे हाथ उसकी स्कर्ट के अन्दर घुस चुके थे और उसके चूतड़ सहला रहे थे।

मैंने काफी देर तक उसके मम्मों का रस पिया फिर अपनी जीभ से उसके पूरे नंगे जिस्म को चाट चाट कर गीला कर दिया।
बाकी काम मेरे हाथ ने उसकी स्कर्ट में कर दिया था।
वो सिर्फ आँखें बंद करके सबका मज़ा ले रही थी।

हालांकि मुझको यह सब अच्छा लग रहा था क्योंकि जिस लड़की को मैं अपने बिस्तर में लाने क़ी सोच रहा था वो आज मेरे बिस्तर क़ी रानी बन के पूरी नंगी होने को तैयार थी।

मैंने अपनी पैंट उतार दी और उसकी नंगी टांगों चाटने लगा।
चाटते चाटते मैं उसकी स्कर्ट पूरी ऊपर कर चुका था और मेरा मुँह उसकी चूत के बिल्कुल पास था जहाँ से मैं उसकी चूत क़ी खुशबू ले रहा था। काला रंग वैसे भी मुझको उत्तेजित करता है और उसने काले रंग क़ी पेंटी पहन रखी थी।

मैंने उसकी स्कर्ट एक झटके में उतार कर फेंक दी। एक जवान खूबसूरत लड़की मेरे बिस्तर पर सिर्फ पेंटी में थी। एकदम गोरा रंग, बिना बालों का नमकीन सा जिस्म।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: क्यों चुदवाने लगी मेरी खूबसूरत बड़ी बहन मुझसे - by neerathemall - 24-02-2024, 11:11 AM



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