24-02-2024, 10:53 AM
आज चूंकि घर में कोई नहीं था सो हमको कोई डर भी नहीं था।
वो भी अपने चूतड़ आगे पीछे करके मेरा साथ देने लगी।
आज मेरे हाथ उसके पूरे जिस्म को सहला रहे थे और बार बार उसके मम्मों पर आकर रुक जाते थे।
अब चूंकि वो अपनी कमर हिला कर मेरा साथ दे रही थी तो मैंने अपने दोनों हाथ उसके मम्मों पर रख दिए और उनको धीरे धीरे सहलाने लगा।
मैं उसके मम्मों को कभी पकड़ता, दबाता और कभी उसकी नई नई चूचियों को मसल देता। जब भी मैंने ऐसा करता वो सिसक जाती। मेरे होंठ उसके गले और गालों परबराबर घूम रहे थे।
मैंने अपने हाथों से उसका मुँह अपनी ओर किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
एकदम पतले, गुलाब क़ी पंखुड़ियों से लाल रसीले होंठ थे उसके।
मैंने उसके होंठ अपने मुँह में लेकर उसको चूसना शुरु कर दिया। फिर मैं कभी उसके ऊपर का होंठ चूसता, कभी नीचे वाला।
वो भी मेरा साथ दे रही थी।
अब तो हम लोगों क़ी जीभ एक दूसरे के मुँह में सैर कर रही थी।
मैंने अपने हाथ उसको घुटनों पर रख दिए और उसकी स्कर्ट ऊपर करना शुरु कर दी। जल्दी ही उसकी स्कर्ट उसके घुटनों तक आ गई थी।
वो भी अपने चूतड़ आगे पीछे करके मेरा साथ देने लगी।
आज मेरे हाथ उसके पूरे जिस्म को सहला रहे थे और बार बार उसके मम्मों पर आकर रुक जाते थे।
अब चूंकि वो अपनी कमर हिला कर मेरा साथ दे रही थी तो मैंने अपने दोनों हाथ उसके मम्मों पर रख दिए और उनको धीरे धीरे सहलाने लगा।
मैं उसके मम्मों को कभी पकड़ता, दबाता और कभी उसकी नई नई चूचियों को मसल देता। जब भी मैंने ऐसा करता वो सिसक जाती। मेरे होंठ उसके गले और गालों परबराबर घूम रहे थे।
मैंने अपने हाथों से उसका मुँह अपनी ओर किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
एकदम पतले, गुलाब क़ी पंखुड़ियों से लाल रसीले होंठ थे उसके।
मैंने उसके होंठ अपने मुँह में लेकर उसको चूसना शुरु कर दिया। फिर मैं कभी उसके ऊपर का होंठ चूसता, कभी नीचे वाला।
वो भी मेरा साथ दे रही थी।
अब तो हम लोगों क़ी जीभ एक दूसरे के मुँह में सैर कर रही थी।
मैंने अपने हाथ उसको घुटनों पर रख दिए और उसकी स्कर्ट ऊपर करना शुरु कर दी। जल्दी ही उसकी स्कर्ट उसके घुटनों तक आ गई थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.