24-02-2024, 10:11 AM
अब हम दोनों सोफे पर बैठ कर बात करने लगे. बीच बीच में मेरा ध्यान बार बार सरिता की पारदर्शी नाइटी के अन्दर जा रहा था. ये बात सरिता नोट कर रही थी और साथ में स्माइल भी कर रही थी.
फिर मैंने सरिता से खाने के बारे में पूछा तो बोली- आप खाना तो लाए हो ना.
मैंने कहा कि हां लेकिन अभी रात के 8 बजे हैं और मैं तो लेट खाता हूँ.
उसने कहा- कोई बात नहीं.
फिर मैंने सरिता से खाने के बारे में पूछा तो बोली- आप खाना तो लाए हो ना.
मैंने कहा कि हां लेकिन अभी रात के 8 बजे हैं और मैं तो लेट खाता हूँ.
उसने कहा- कोई बात नहीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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