24-02-2024, 10:07 AM
उसी दिन ऑफिस में मेरे इण्टरकॉम पर मेरी बहन सरिता का फ़ोन आ गया कि भैया आज मुझे ऑफिस के बाद रास्ते में घर पर ड्राप कर देना.
मैंने पूछा- आज तुम अपनी फ्रेंड के साथ नहीं जाओगी क्या?
उसने बताया कि उसकी फ्रेंड की माँ की तबियत ख़राब के कारण वो अपने घर चली गई है.
मैंने कहा- ठीक है शाम को मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा.
शाम को ऑफिस की छुट्टी के बाद वो मुझे ऑफिस के नीचे मिली. मैंने देखा आज मौसम काफी सर्द और बारिश का सा था. वो मेरे पीछे बाइक पर दोनों तरफ पैर करके आराम से बैठ गई. अभी हम थोड़ा आगे ही चले थे कि आगे एक ट्रैफिक जैम में फँस गए और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई. हम जैम में फंसे होने के कारण पानी हमको भिगोने लगा और कुछ ही देर में हमारे कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे. ऊपर से सर्दी का मौसम कहर ढा रहा था. किसी तरह धीरे धीरे बाइक आगे बढ़ रही थी. सरिता का भीगा बदन और उसकी तनी हुई चूचियाँ मेरी पीठ को पीछे से छूकर अन्दर ही अन्दर मेरी सेक्स की भावना को भड़का रही थीं.
मैंने पूछा- आज तुम अपनी फ्रेंड के साथ नहीं जाओगी क्या?
उसने बताया कि उसकी फ्रेंड की माँ की तबियत ख़राब के कारण वो अपने घर चली गई है.
मैंने कहा- ठीक है शाम को मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा.
शाम को ऑफिस की छुट्टी के बाद वो मुझे ऑफिस के नीचे मिली. मैंने देखा आज मौसम काफी सर्द और बारिश का सा था. वो मेरे पीछे बाइक पर दोनों तरफ पैर करके आराम से बैठ गई. अभी हम थोड़ा आगे ही चले थे कि आगे एक ट्रैफिक जैम में फँस गए और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई. हम जैम में फंसे होने के कारण पानी हमको भिगोने लगा और कुछ ही देर में हमारे कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे. ऊपर से सर्दी का मौसम कहर ढा रहा था. किसी तरह धीरे धीरे बाइक आगे बढ़ रही थी. सरिता का भीगा बदन और उसकी तनी हुई चूचियाँ मेरी पीठ को पीछे से छूकर अन्दर ही अन्दर मेरी सेक्स की भावना को भड़का रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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