23-02-2024, 11:08 PM
है
( मैं उसकी ओर देखा ) पहले स्नान करूंगा फिर, तुम खाना खा लो
( वो बोली ) नहीं अभी पहले आपका पैर हाथ दबा दूंगी फिर ” मैं चाय का प्याला रख दिया फिर उठकर रिमझिम के हाथ पकड़े रूम घुसा और उसे बाहों में भर चूमने लगा तो वो मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उसके चेहरे से लेकर गर्दन तक को चूमता हुआ उसके पीठ सहला रहा था ” प्लीज भैया ये क्या कर रहे हैं छोड़िए ना ” मैं रिमझिम के गर्दन में हाथ डाले उसके ओंठ को चूमने लगा और अब वो मेरे से लिपट कर पीठ सहलाने लगी, उसके ओंठ चूम मैं उससे अलग हुआ और फिर शॉर्ट्स हाथ में लिए वाशरूम की ओर चला गया जोकि घर के पिछले हिस्से में थी, अब मैं बाथरूम का दरवाजा खोला तो लगा की अंदर सिर्फ संडास करना ही ठीक है बाकी बाहर ही स्नान करना चाहिए तो मैं अंदर जाकर फ्रेश हुआ फिर बाहर आया और चापानल के पास टॉवल खोल टंगनी पर रख दिया फिर बनियान उतार अब बाल्टी में पानी चलाने लगा और वहीं बैठे बदन पर पानी डालने लगा, इतने में रिमझिम वहां आई और मुझे देख मुस्कुराने लगी तो मैं उसे देख बोला ” यहां साबुन नहीं है रिमझिम
( वो बोली ) अभी लेकर आई ” फिर वो कमर बलखाते हुए चली गई तो मैं उसका इंतजार कर रहा था, वो उधर से आई तो उसे देख मेरा दिमाग सन्न रह गया, रिमझिम सिर्फ पेटीकोट को छाती के ऊपर से पहने हुए थी और मुझे देख अपने ओंठ पर जीभ फेरने लगी फिर वो मेरे करीब आई तो मैं उससे साबुन मांगा लेकिन वो मेरे पास बैठकर मेरे बदन में साबुन लगाने लगी ” रोहित यदि साड़ी पहने रहती तो तुम्हें साबुन लगाने के चक्कर में भींग जाती इसलिए सिर्फ पेटीकोट पहन रखी हूं ” और अब रिमझिम मेरे सामने घुटने के बल होकर मुझे चूमने लगी साथ ही मेरे छाती पर साबुन लगा रही थी तो मैं उसके चूची को पेटीकोट के ऊपर से ही पकड़ दबाने लगा और फिर उसके रसीले ओंठ को मुंह में भर चूसने लगा, अब मेरा हाथ उसके चूतड पर था तो वो मेरे मुंह से ओंठ निकाल ली फिर अपनी जीभ से मेरे ओंठ चाटने लगी तो मैं उसके जीभ मुंह में भर चूसने लगा साथ ही उसकी चूची को पकड़ दबाने लगा तो दूसरा हाथ उसके चूतड पर था, मैं उसके पेटीकोट के अंदर हाथ डाल उसके नितम्ब सहलाने लगा तो वो मुझसे लिपटकर मुझसे जीभ चुसवा रही थी, दोनों मस्त थे और फिर बहन जीभ निकाल ली तो मैं उसके हाथ पकड़ अपने चढ्ढी पर लगा दिया तो वो हाथ हटाकर बोली ” मुझे तो शरम आ रही है
( मैं अपनी चढ्ढी नीचे कर उसके हाथ को लन्ड पर लगाया ) क्यों अपने पति का नहीं पकड़ती हो ” फिर रिमझिम मेरे लन्ड को पकड़ हिलाने लगी तो मैं उसके पेटीकोट के नाड़ा को खोल उसे नंगा कर दिया और अपने बदन पर पानी डालने लगा तो बहन भी भींग गई, उसका स्तन मानो दूध से लबालब हो जिसे मैं दबाने लगा और फिर रिमझिम मेरे बदन पर पानी डालने लगी तो दोनों स्नान कर लिए और वो अब भींगे बदन वहां से चली गईं तो मैं अपना बदन पोंछ कर शॉर्ट्स पहन लिया, ये समझ गया की रिमझिम मेरे साथ सेक्स को तैयार है फिर क्या था, मैं बरामदे पर आया तो रिमझिम रूम से मुझे आवाज दी ” रोहित अंदर आओ ना
( मैं अंदर गया तो वो साड़ी पहने बैठी थी ) चलो खाना खा लो फिर ” और दोनों साथ में खाना खाए फिर रिमझिम दूसरे रूम में आराम करने चली गई, मैं भी यात्रा के कारण थकान महसूस कर रहा था इसलिए मेरी आंखें बंद हो गई और मैं निंद्रा में था की मुझे किसी के स्पर्श का एहसास हुआ, आंखें खुली तो रिमझिम मेरे बगल में बैठ मेरे पैर दबा रही थी और मैं चित होकर लेट गया फिर पूछा ” अंकल और आंटी किधर गए
( रिमझिम बोली ) कुछ काम से मार्केट गए हैं ” मैं रिमझिम के हाथ पकड़ उसे अपनी ओर खींच लिया और वो मेरे बदन पर लेट गई, मैं उसके नितम्ब सहलाने लगा तो वो मेरे चेहरे को चूम रही थी और मेरा हाथ उसके ब्लाउज की डोरी को पकड़ खोल दिया तो वो बोली ” रोहित हम दोनों को ये सब नहीं करना चाहिए
( मैं उसकी ओर देखा ) पहले स्नान करूंगा फिर, तुम खाना खा लो
( वो बोली ) नहीं अभी पहले आपका पैर हाथ दबा दूंगी फिर ” मैं चाय का प्याला रख दिया फिर उठकर रिमझिम के हाथ पकड़े रूम घुसा और उसे बाहों में भर चूमने लगा तो वो मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उसके चेहरे से लेकर गर्दन तक को चूमता हुआ उसके पीठ सहला रहा था ” प्लीज भैया ये क्या कर रहे हैं छोड़िए ना ” मैं रिमझिम के गर्दन में हाथ डाले उसके ओंठ को चूमने लगा और अब वो मेरे से लिपट कर पीठ सहलाने लगी, उसके ओंठ चूम मैं उससे अलग हुआ और फिर शॉर्ट्स हाथ में लिए वाशरूम की ओर चला गया जोकि घर के पिछले हिस्से में थी, अब मैं बाथरूम का दरवाजा खोला तो लगा की अंदर सिर्फ संडास करना ही ठीक है बाकी बाहर ही स्नान करना चाहिए तो मैं अंदर जाकर फ्रेश हुआ फिर बाहर आया और चापानल के पास टॉवल खोल टंगनी पर रख दिया फिर बनियान उतार अब बाल्टी में पानी चलाने लगा और वहीं बैठे बदन पर पानी डालने लगा, इतने में रिमझिम वहां आई और मुझे देख मुस्कुराने लगी तो मैं उसे देख बोला ” यहां साबुन नहीं है रिमझिम
( वो बोली ) अभी लेकर आई ” फिर वो कमर बलखाते हुए चली गई तो मैं उसका इंतजार कर रहा था, वो उधर से आई तो उसे देख मेरा दिमाग सन्न रह गया, रिमझिम सिर्फ पेटीकोट को छाती के ऊपर से पहने हुए थी और मुझे देख अपने ओंठ पर जीभ फेरने लगी फिर वो मेरे करीब आई तो मैं उससे साबुन मांगा लेकिन वो मेरे पास बैठकर मेरे बदन में साबुन लगाने लगी ” रोहित यदि साड़ी पहने रहती तो तुम्हें साबुन लगाने के चक्कर में भींग जाती इसलिए सिर्फ पेटीकोट पहन रखी हूं ” और अब रिमझिम मेरे सामने घुटने के बल होकर मुझे चूमने लगी साथ ही मेरे छाती पर साबुन लगा रही थी तो मैं उसके चूची को पेटीकोट के ऊपर से ही पकड़ दबाने लगा और फिर उसके रसीले ओंठ को मुंह में भर चूसने लगा, अब मेरा हाथ उसके चूतड पर था तो वो मेरे मुंह से ओंठ निकाल ली फिर अपनी जीभ से मेरे ओंठ चाटने लगी तो मैं उसके जीभ मुंह में भर चूसने लगा साथ ही उसकी चूची को पकड़ दबाने लगा तो दूसरा हाथ उसके चूतड पर था, मैं उसके पेटीकोट के अंदर हाथ डाल उसके नितम्ब सहलाने लगा तो वो मुझसे लिपटकर मुझसे जीभ चुसवा रही थी, दोनों मस्त थे और फिर बहन जीभ निकाल ली तो मैं उसके हाथ पकड़ अपने चढ्ढी पर लगा दिया तो वो हाथ हटाकर बोली ” मुझे तो शरम आ रही है
( मैं अपनी चढ्ढी नीचे कर उसके हाथ को लन्ड पर लगाया ) क्यों अपने पति का नहीं पकड़ती हो ” फिर रिमझिम मेरे लन्ड को पकड़ हिलाने लगी तो मैं उसके पेटीकोट के नाड़ा को खोल उसे नंगा कर दिया और अपने बदन पर पानी डालने लगा तो बहन भी भींग गई, उसका स्तन मानो दूध से लबालब हो जिसे मैं दबाने लगा और फिर रिमझिम मेरे बदन पर पानी डालने लगी तो दोनों स्नान कर लिए और वो अब भींगे बदन वहां से चली गईं तो मैं अपना बदन पोंछ कर शॉर्ट्स पहन लिया, ये समझ गया की रिमझिम मेरे साथ सेक्स को तैयार है फिर क्या था, मैं बरामदे पर आया तो रिमझिम रूम से मुझे आवाज दी ” रोहित अंदर आओ ना
( मैं अंदर गया तो वो साड़ी पहने बैठी थी ) चलो खाना खा लो फिर ” और दोनों साथ में खाना खाए फिर रिमझिम दूसरे रूम में आराम करने चली गई, मैं भी यात्रा के कारण थकान महसूस कर रहा था इसलिए मेरी आंखें बंद हो गई और मैं निंद्रा में था की मुझे किसी के स्पर्श का एहसास हुआ, आंखें खुली तो रिमझिम मेरे बगल में बैठ मेरे पैर दबा रही थी और मैं चित होकर लेट गया फिर पूछा ” अंकल और आंटी किधर गए
( रिमझिम बोली ) कुछ काम से मार्केट गए हैं ” मैं रिमझिम के हाथ पकड़ उसे अपनी ओर खींच लिया और वो मेरे बदन पर लेट गई, मैं उसके नितम्ब सहलाने लगा तो वो मेरे चेहरे को चूम रही थी और मेरा हाथ उसके ब्लाउज की डोरी को पकड़ खोल दिया तो वो बोली ” रोहित हम दोनों को ये सब नहीं करना चाहिए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.