23-02-2024, 10:26 PM
(23-02-2024, 09:00 PM)neerathemall Wrote:दीदी की शादी के बाद चुदाई
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(23-02-2024, 09:02 PM)neerathemall Wrote:था, आज शाम मेरा फौजी जीजा ५-६ दिनों के लिए दिल्ली से बाहर जानेवाला था तो मेरी दीदी के लिए इस शहर में अकेले सप्ताह भर रहना थोड़ा मुश्किल था, हालांकि जीजा को आर्मी केंट में ही रहने को फ्लैट मिला था फिर भी दीपा के यहां आए मात्र दो माह हुए थे सो मुझे कानपुर से यहां आना पड़ा ताकि शादीशुदा बहन कि जरूरतों को पूरा कर सकूं। मॉम और डैड को क्या पता कि उनकी बेटी की तन की जरूरतों को मैं ही महीनों से पूरा कर रहा हूं तो राहुल मल्होत्रा, उम्र १९ साल, कसरती बदन तो लंबाई तकरीबन ६’० फीट साथ ही लंड का आकार ६-७ इंच लम्बा और डेढ़ दो इंच मोटा तो दीपा, २१ साल की मादक जवानी है और शादी के बाद तो उसके तन की खूबसूरती और भी निखर गई है साथ ही उसके चुत के आकार में भी थोड़ा परिवर्तन हुआ है, दोनों गद्देदार फांक हट से गए हैं तो चुत के अंदर की चिकनाहट बढ़ गई, उनके चुत का तंग रास्ता पूरी तरह से फैल गया तो दीदी के कथनानुसार जीजा का लंड ८-९ इंच लम्बा और दो ढाई इंच मोटा है साथ ही वो दीदी को बेरहम की तरह रोज रात चोदा करते हैं तो दीपा के पास और कोई चारा भी तो नहीं। दीपा को आज चोदकर मैं स्नान किया फिर नाश्ता करके सो गया, तकरीबन २:०० बजे दिन में मेरी नींद दीपा दीदी के जगाने से खुली तो फ्रेश होकर मैं, जीजा और दीदी साथ ही खाना खाए फिर दीदी और जीजा दोनों अपने रूम चले गए तो मैं डायनिंग हॉल में ही बैठकर टी वी देखने लगा, शाम ४:०० बजे के आसपास जीजा घर से निकलता फिर तो दीपा और राहुल कि मस्ती थी और लगभग पौने चार बजे जीजा अपने रूम से बाहर निकले तो उनके हाथ में एक बड़ा सा बैग था तो दीदी बोली “राहुल बाईक से जीजा को ऑटो स्टैंड तक लेते जाओ
( मैं उठकर ) ठीक है दीदी”फिर दोनों साथ घर से निकले और उनके बाईक को मैं स्टार्ट किया तो वो मेरे पीछे बैठ गए, आर्मी केंट से निकलकर ऑटो स्टैंड पहुंचा फिर वहीं उनको एक ऑटो पर बिठाकर वापस घर की ओर आने लगा तो ध्यान आया कि कुछ सामान ले लिया जाए तो एक शॉपिंग मॉल के बाहर बाईक रोककर पहले तो आईस क्रीम पार्लर से दीदी के लिए वेनिला फ्लेवर आईस क्रीम खरीदा साथ ही वाईन शॉप से ४ बोतल बियर लिया, सोचा कि आज शाम घर के अंदर ही दीपा के साथ रंगरेलियां मनाएंगे फिर फ्लैट की ओर चल पड़ा तो वसंत ऋतु की शाम भी कुछ जल्दी ही अंधकारमय होती है। राहुल हाथ में प्लास्टिक बैग लिए कॉल बेल बजाने लगा तो दीपा आकर दरवाज़ा खोल दी फिर अंदर दाखिल होकर दरवाजा बंद किया और उस प्लास्टिक बैग से बियर की बोतल निकाल रेफ्रिजरेटर में रखने लगा तो दीदी किचन में चाय बना रही थी, बाहर आते समय मुझे देखी “अरे बुद्धू, घर में ही तो दारू की बोतल पड़ी है फिर
( मैं ) रहने दो, आखिर जीजा के हर सामान का इस्तेमाल मैं ही करूंगा
( वो हंसने लगी ) ओह मतलब कि तुम यहां सिर्फ और सिर्फ मजे के लिए आए हो
( मैं कुर्सी पर उनके बगल में बैठ चाय का प्याला उठाया ) तो बेबी, तेरी जरूरत का ध्यान कौन रखेगा “दीपा पीले रंग कि साड़ी, बिन बाहों वाली बैकलेस ब्लाऊज और अंदर तो पेटीकोट होगी ही में खूबसूरत लग रही थी, चाय पीता हुआ उनके हुस्न का दीदार कर रहा था तो दीपा शरमाते हुए “तुम बहुत बदमाश हो गए हो, मॉम से बोलकर तेरी शादी करानी होगी
( मैं मुस्कुराया ) अभी पहले पढ़ाई फिर जॉब और तब शादी “दोनों चाय पी चुके थे तो दीपा मेरे सामने से अपने कमर बलखाती हुई किचन चली गई और राहुल पीछे से जाकर अपनी बड़ी बहन को पकड़ लिया तो मेरा हाथ उनके कमर और सीने पर था, एक बूब्स दबाता हुआ पेट को सहलाने लगा तो टाईट लंड उनके गान्ड में चुभ रही थी और जैसे ही गर्दन को चूमने लगा वो बोली “क्या हर वक़्त सिर्फ काम में लग जाते हो, मन नहीं भरता
( मैं उसके स्तन दबाने लगा ) बेबी, कितने दिन के बाद तो तुमसे मिला हूं और तुम हो की नखरे कर रही हो
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.