23-02-2024, 08:56 PM
और फिर अपने 6 इंच के लंड को चूत के मुहं पर रखकर मैंने एक धक्का दे दिया. और दीदी ने दर्द की वजह से कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से अपनी चीख मारते हुए मुझसे कहा ऊउईईईईइ माँ आह्ह्हह्ह्ह्ह में मर गई ऊफफ्फ्फ्फ़. लेकिन मुझे मज़ा आ गया और में ज़ोर ज़ोर से दीदी की चूत में लगातार अपना लंड अंदर बाहर डालता निकालता रहा.
और मैंने दीदी को करीब बीस मिनट तक बहुत जमकर चोदा और इस बीच दीदी दो बार झड़ गई थी. और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना सारा गरम माल वीर्य अपनी दीदी की चूत में ही डाल दिया. जिसकी वजह से दीदी बहुत खुश हुई और वो मुझे अपनी बाहों में लेकर चूम रही थी कुछ देर हम चिपककर लेटे रहे. “शादी का जोड़ा पहनकर”
फिर गरमी ज़्यादा होने की वजह से हम दोनों नहाने के लिए बाथरूम में चले गए. और पानी के नीचे करीब हम दोनों एक घंटे तक नहाते रहे. इस बीच मैंने दीदी को वहीं पर एक बार दोबारा चोद डाला और इस तरह से रात भर हम दोनों जमकर अपनी सुहागरात मनाते रहे.
और रातभर में मैंने दीदी को करीब पांच बार चोदा. जिसकी वजह से हम दोनों बहुत ज्यादा थक चुके थे. और उसके अगले दिन रविवार का दिन था तो हम दोनों सुबह करीब 11:30 बजे सोकर उठे. और फिर दीदी उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चली गई. लेकिन में अब भी सो रहा था और नहाने के बाद दीदी चाय के साथ मेरे पास आई और वो बड़े प्यार से मुझे उठाने लगी.
तब दीदी को मैंने एक बार फिर से बिस्तर पर लेकर में उनको दोबारा चोदने लगा. और दीदी बड़ी ख़ुशी ख़ुशी मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी. और इस तरह से मज़े मस्ती चुदाई करते हुए हंसी ख़ुशी हमारे वो दिन निकलते चले गए मतलब वो पूरे दस दिन कब निकले. हमें पता ही नहीं चला और फिर हमारी मम्मी, पापा अब बाहर से आ गए थे.
तभी दो दिन के दीदी के पास मेरे जीजाजी का फ़ोन आ गया उन्होंने कहा कि में तीन दिन में लिए आ रहा हूँ. तब दीदी ने माँ से कहा कि आप अश्वनी को कहो कि वो मुझे मेरे घर छोड़ आए. और उसके जीजाजी कल शाम तक आने वाले है.
फिर अगले दिन में अपनी दीदी के साथ उनके घर पर गया और हम शाम को उनके घर पहुँचे. तो उस दिन दीदी ने मेरे लिए मेरी पसंद का खाना बनाया और रात को हम दोनों उनके बिस्तर पर एक साथ थे. तब दीदी ने बहुत कम आवाज में शरमाते हुए मुझसे कहा कि में बाप बनने वाला हूँ.
फिर मुझे उनकी उस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ और मैंने उनसे पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? तो दीदी ने मुझसे कहा कि आज पूरे चार दिन हो गये है और मुझे पीरियड नहीं आया है. वो बात सुनकर मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ना रहा. और उस रात को मैंने दीदी के बूब्स को खोलकर बहुत जमकर चूसा और फिर उनकी चूत भी चाटी और उनके मुहं में अपना लंड दिया और बहुत चुदाई की. सुबह करीब पांच बजे उठकर में और दीदी नहाए
और मैंने दीदी को करीब बीस मिनट तक बहुत जमकर चोदा और इस बीच दीदी दो बार झड़ गई थी. और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना सारा गरम माल वीर्य अपनी दीदी की चूत में ही डाल दिया. जिसकी वजह से दीदी बहुत खुश हुई और वो मुझे अपनी बाहों में लेकर चूम रही थी कुछ देर हम चिपककर लेटे रहे. “शादी का जोड़ा पहनकर”
फिर गरमी ज़्यादा होने की वजह से हम दोनों नहाने के लिए बाथरूम में चले गए. और पानी के नीचे करीब हम दोनों एक घंटे तक नहाते रहे. इस बीच मैंने दीदी को वहीं पर एक बार दोबारा चोद डाला और इस तरह से रात भर हम दोनों जमकर अपनी सुहागरात मनाते रहे.
और रातभर में मैंने दीदी को करीब पांच बार चोदा. जिसकी वजह से हम दोनों बहुत ज्यादा थक चुके थे. और उसके अगले दिन रविवार का दिन था तो हम दोनों सुबह करीब 11:30 बजे सोकर उठे. और फिर दीदी उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चली गई. लेकिन में अब भी सो रहा था और नहाने के बाद दीदी चाय के साथ मेरे पास आई और वो बड़े प्यार से मुझे उठाने लगी.
तब दीदी को मैंने एक बार फिर से बिस्तर पर लेकर में उनको दोबारा चोदने लगा. और दीदी बड़ी ख़ुशी ख़ुशी मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी. और इस तरह से मज़े मस्ती चुदाई करते हुए हंसी ख़ुशी हमारे वो दिन निकलते चले गए मतलब वो पूरे दस दिन कब निकले. हमें पता ही नहीं चला और फिर हमारी मम्मी, पापा अब बाहर से आ गए थे.
तभी दो दिन के दीदी के पास मेरे जीजाजी का फ़ोन आ गया उन्होंने कहा कि में तीन दिन में लिए आ रहा हूँ. तब दीदी ने माँ से कहा कि आप अश्वनी को कहो कि वो मुझे मेरे घर छोड़ आए. और उसके जीजाजी कल शाम तक आने वाले है.
फिर अगले दिन में अपनी दीदी के साथ उनके घर पर गया और हम शाम को उनके घर पहुँचे. तो उस दिन दीदी ने मेरे लिए मेरी पसंद का खाना बनाया और रात को हम दोनों उनके बिस्तर पर एक साथ थे. तब दीदी ने बहुत कम आवाज में शरमाते हुए मुझसे कहा कि में बाप बनने वाला हूँ.
फिर मुझे उनकी उस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ और मैंने उनसे पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? तो दीदी ने मुझसे कहा कि आज पूरे चार दिन हो गये है और मुझे पीरियड नहीं आया है. वो बात सुनकर मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ना रहा. और उस रात को मैंने दीदी के बूब्स को खोलकर बहुत जमकर चूसा और फिर उनकी चूत भी चाटी और उनके मुहं में अपना लंड दिया और बहुत चुदाई की. सुबह करीब पांच बजे उठकर में और दीदी नहाए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.