23-02-2024, 08:55 PM
और जब में उनके पास पहुंचा तो दीदी मुझे देखकर शरमाकर तुरंत खड़ी हो गई और उन्होंने मेरे पैर छुए. और मैंने दीदी को उठाकर अपने गले से लगा लिया और उनसे कहा कि जानू आज से तुम्हारी जगह मेरे कदमो में नहीं अब मेरे दिल में है. और फिर मैंने अपनी दीदी का घूंघट उठाया.
दोस्तों वो अपनी नज़र को झुकाकर खड़ी हुई थी. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी आज से पूरे 9 महीने के बाद आप माँ और में उस होने वाले बच्चे का बाप बन जाऊंगा. अब दीदी ने शरमाते हुए मुझसे कहा कि में तुम्हे तुम्हारा बच्चा ज़रूर दूँगी. और फिर मैंने उनकी वो बात सुनकर तुरंत अपने होंठो को अपनी दीदी के नरम होंठो पर रख दिए. और अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे थे कुछ देर बाद मेरे लंड में कड़कपन आने लगा था और वो धीरे धीरे खड़ा होने लगा था.
फिर कुछ देर बाद दीदी ने अपने होंठ पीछे हटा लिए और उन्होंने मुझसे कहा कि अब आप मेरा दूध पी लो और अब हम दोनों पलंग पर बैठ गए. फिर दीदी ने अपने ब्लाउज के ऊपर के दो बटन को खोलकर अपने हाथों से मुझे अपने निप्पल को मेरे मुहं में डालकर अपना दूध पिलाया और उनके दोनों बूब्स मेरे सामने थे. एक बूब्स की निप्पल मेरे मुहं में और दूसरा बूब्स मेरे हाथ में था में उनको ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और दबाकर निचोड़ भी रहा था.
फिर कुछ देर बूब्स का मज़ा लेने के बाद मैंने दीदी को लेटाकर अब में उनको पागलों की तरह प्यार करने लगा. तब तक दीदी की साँसे गरम हो गई थी और वो पूरी तरह से जोश में आ गई थी और उनके मुहं से आहह्ह्ह्हह ओउुउह्ह्ह्हह की आवाज़े आने लगी थी.
[img=300x0]https://s3t3d2y8.afcdn.net/library/702922/0e1e1aafa8bb92bbc1ca2c9295a7308371eb859b.webp[/img]
फिर मैंने धीरे धीरे दीदी के ब्लाउज के बचे हुए बटन भी खोल दिए और तब मैंने ध्यान से देखा कि दीदी के वो बड़े बड़े बूब्स बहुत ही सेक्सी कामुक लग रहे थे. और मैंने उनको ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और दीदी मुझसे कहा रही थी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ अश्वनी और ज़ोर से उुऊईईईईइ दबाओ मुझे ऊऊम्म्म्म्मम्म बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर मैंने अब दीदी को खड़ा करके उनके सभी कपड़े खोल दिए और साथ में अपने खुद के भी. दीदी मेरा लंड देखकर बहुत खुश हुई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो बहुत ही अच्छा है और यह बहुत बड़ा, मोटा भी है. इतना कहने के बाद वो नीचे झुककर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.
और वो अब मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे वो कोई लंड नहीं लोलीपोप चूस रही हो. वो बड़े मज़े से मेरा लंड चूसती रही और में उसको गरम करने के लिए उसके बूब्स को सहला रहा था. और वो ऐसे चूस रही थी कि जैसे कोई अनुभवी रंडी लंड को चूस रही हो. लेकिन कुछ देर चूसने के बाद वो लंड को छोड़कर नीचे लेट गई, और वो मुझसे बोली कि अश्वनी अब तुम पत्नी की चूत को फाड़कर इसका भोसड़ा बना दो.
फिर मैंने कहा कि जानू आज से में तुम्हारी इतनी जमकर चुदाई करूंगा कि तुम मुझसे कहोगी कि मैंने ने एक अच्छे पति होने का फर्ज़ निभा दिया है, और में तुम्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर दूंगा और हमेशा बहुत खुश रखूंगा. बस तुम मेरा साथ देती रहो और फिर में दीदी के दोनों पैरों को मोड़कर उनकी प्यारी सी मासूम प्यासी चूत को देखने लगा.
दोस्तों वो अपनी नज़र को झुकाकर खड़ी हुई थी. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी आज से पूरे 9 महीने के बाद आप माँ और में उस होने वाले बच्चे का बाप बन जाऊंगा. अब दीदी ने शरमाते हुए मुझसे कहा कि में तुम्हे तुम्हारा बच्चा ज़रूर दूँगी. और फिर मैंने उनकी वो बात सुनकर तुरंत अपने होंठो को अपनी दीदी के नरम होंठो पर रख दिए. और अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे थे कुछ देर बाद मेरे लंड में कड़कपन आने लगा था और वो धीरे धीरे खड़ा होने लगा था.
फिर कुछ देर बाद दीदी ने अपने होंठ पीछे हटा लिए और उन्होंने मुझसे कहा कि अब आप मेरा दूध पी लो और अब हम दोनों पलंग पर बैठ गए. फिर दीदी ने अपने ब्लाउज के ऊपर के दो बटन को खोलकर अपने हाथों से मुझे अपने निप्पल को मेरे मुहं में डालकर अपना दूध पिलाया और उनके दोनों बूब्स मेरे सामने थे. एक बूब्स की निप्पल मेरे मुहं में और दूसरा बूब्स मेरे हाथ में था में उनको ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और दबाकर निचोड़ भी रहा था.
फिर कुछ देर बूब्स का मज़ा लेने के बाद मैंने दीदी को लेटाकर अब में उनको पागलों की तरह प्यार करने लगा. तब तक दीदी की साँसे गरम हो गई थी और वो पूरी तरह से जोश में आ गई थी और उनके मुहं से आहह्ह्ह्हह ओउुउह्ह्ह्हह की आवाज़े आने लगी थी.
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फिर मैंने धीरे धीरे दीदी के ब्लाउज के बचे हुए बटन भी खोल दिए और तब मैंने ध्यान से देखा कि दीदी के वो बड़े बड़े बूब्स बहुत ही सेक्सी कामुक लग रहे थे. और मैंने उनको ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और दीदी मुझसे कहा रही थी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ अश्वनी और ज़ोर से उुऊईईईईइ दबाओ मुझे ऊऊम्म्म्म्मम्म बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर मैंने अब दीदी को खड़ा करके उनके सभी कपड़े खोल दिए और साथ में अपने खुद के भी. दीदी मेरा लंड देखकर बहुत खुश हुई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो बहुत ही अच्छा है और यह बहुत बड़ा, मोटा भी है. इतना कहने के बाद वो नीचे झुककर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.
और वो अब मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे वो कोई लंड नहीं लोलीपोप चूस रही हो. वो बड़े मज़े से मेरा लंड चूसती रही और में उसको गरम करने के लिए उसके बूब्स को सहला रहा था. और वो ऐसे चूस रही थी कि जैसे कोई अनुभवी रंडी लंड को चूस रही हो. लेकिन कुछ देर चूसने के बाद वो लंड को छोड़कर नीचे लेट गई, और वो मुझसे बोली कि अश्वनी अब तुम पत्नी की चूत को फाड़कर इसका भोसड़ा बना दो.
फिर मैंने कहा कि जानू आज से में तुम्हारी इतनी जमकर चुदाई करूंगा कि तुम मुझसे कहोगी कि मैंने ने एक अच्छे पति होने का फर्ज़ निभा दिया है, और में तुम्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर दूंगा और हमेशा बहुत खुश रखूंगा. बस तुम मेरा साथ देती रहो और फिर में दीदी के दोनों पैरों को मोड़कर उनकी प्यारी सी मासूम प्यासी चूत को देखने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.