23-02-2024, 08:51 PM
फिर मैंने ध्यान देकर उसको देखा कि तब मेरी दीदी बहुत परेशान नजर आ रही थी और उसके चेहरे पर हंसी नाम की चीज नहीं थी. वरना वो मुझसे हमेशा बहुत हंसी मजाक किया करती थी, लेकिन इस बात वो बहुत उदास रहने लगी और वो खाना भी समय पर पूरा पेट भरकर नहीं खा रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.