22-02-2024, 05:39 PM
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काले घने बाल जो खुला छोड़ने पर उसकी कमर तक आते थे। हिरनी की तरह उसकी हल्की भूरी मृगनयनी आँखें, सपाट और उजला माथा जिस पर छोटी सी काली बिंदी जैसे हर भारतीय महिला के वैवाहिक जीवन की प्रतिक होती है।
कश्मीरी सेब की तरह गुलाबी गाल और दो बेहद पतले, नाजुक, रसीले होंठ।
उसकी त्वचा दूध सी सफेद और मुलायम थी। उसकी 34″ के आकार वाली चूचियां, 28 इंच की लचकती हुई कमर और 35″ की भारी-भरकम गांड सच में उसका फिगर बहुत ही कातिलाना था।
उसे देख कर जवान, बूढ़े क्या यहाँ तक कि मुर्दों के लंड में हलचल होने लगे।
नीतू देखने में कुछ हद तक पंजाबी हिरोइन जैसी लगती है।
रूपाली- दीदी, आप इस वक़्त यहाँ अचानक?
नीतू- हां, छोटे (मौसा जी) ने कहा था कि वो काम की वजह से कुछ दिनों के लिये बाहर जा रहा है. और रूपाली भी घर में अकेली है इसलिये मुझे तेरे पास आने को बोला।
नीतू ने मेरी तरफ इशारा करते हुए पूछा- राहुल तुम कब आए?
मैं- जी अभी सुबह को ही आया, वो मौसी ने बुलाया था।
अब तक रूपाली जो किसी चिड़िया की तरह चहक रही थी, नीतू के अचानक आने से उसकी इच्छाओं के जैसे पंख ही कट गये हो।
नीतू को आगे वाले कमरे में बैठा कर रूपाली उनके लिये चाय बनने चली गयी।
काले घने बाल जो खुला छोड़ने पर उसकी कमर तक आते थे। हिरनी की तरह उसकी हल्की भूरी मृगनयनी आँखें, सपाट और उजला माथा जिस पर छोटी सी काली बिंदी जैसे हर भारतीय महिला के वैवाहिक जीवन की प्रतिक होती है।
कश्मीरी सेब की तरह गुलाबी गाल और दो बेहद पतले, नाजुक, रसीले होंठ।
उसकी त्वचा दूध सी सफेद और मुलायम थी। उसकी 34″ के आकार वाली चूचियां, 28 इंच की लचकती हुई कमर और 35″ की भारी-भरकम गांड सच में उसका फिगर बहुत ही कातिलाना था।
उसे देख कर जवान, बूढ़े क्या यहाँ तक कि मुर्दों के लंड में हलचल होने लगे।
नीतू देखने में कुछ हद तक पंजाबी हिरोइन जैसी लगती है।
रूपाली- दीदी, आप इस वक़्त यहाँ अचानक?
नीतू- हां, छोटे (मौसा जी) ने कहा था कि वो काम की वजह से कुछ दिनों के लिये बाहर जा रहा है. और रूपाली भी घर में अकेली है इसलिये मुझे तेरे पास आने को बोला।
नीतू ने मेरी तरफ इशारा करते हुए पूछा- राहुल तुम कब आए?
मैं- जी अभी सुबह को ही आया, वो मौसी ने बुलाया था।
अब तक रूपाली जो किसी चिड़िया की तरह चहक रही थी, नीतू के अचानक आने से उसकी इच्छाओं के जैसे पंख ही कट गये हो।
नीतू को आगे वाले कमरे में बैठा कर रूपाली उनके लिये चाय बनने चली गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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