22-02-2024, 02:45 PM
मां- तू पहले नहा ले और अब .
मैं- क्यों मां ग़ुस्सा हो क्या?
मां- गुस्सा नहीं, तुम पहले नहा लो. मैं तेरे लिए नाश्ता और चाय बना देती हूं.
मैं बाथरूम में नहाने घुस गया.
मैंने बाथरूम में जाकर देखा कि मां के रात के कपड़े वहां पड़े हुए थे. उनकी गीली पैंट ब्रा के साथ नाइटी भी पड़ी थी.
मैं नहाकर बाहर आ गया और कपड़े पहन कर हॉल में आ गया.
मां- आ गया … बैठ मैं नाश्ता लगाती हूँ.
मेरी मां दोनों के लिए चाय नाश्ता ले आईं.
हम दोनों नीचे फर्श पर बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे.
मां- ये लो कचौड़ी खाओ.
मैं- मां आप कुछ बात करने वाली थीं.
मैं- क्यों मां ग़ुस्सा हो क्या?
मां- गुस्सा नहीं, तुम पहले नहा लो. मैं तेरे लिए नाश्ता और चाय बना देती हूं.
मैं बाथरूम में नहाने घुस गया.
मैंने बाथरूम में जाकर देखा कि मां के रात के कपड़े वहां पड़े हुए थे. उनकी गीली पैंट ब्रा के साथ नाइटी भी पड़ी थी.
मैं नहाकर बाहर आ गया और कपड़े पहन कर हॉल में आ गया.
मां- आ गया … बैठ मैं नाश्ता लगाती हूँ.
मेरी मां दोनों के लिए चाय नाश्ता ले आईं.
हम दोनों नीचे फर्श पर बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे.
मां- ये लो कचौड़ी खाओ.
मैं- मां आप कुछ बात करने वाली थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.