22-02-2024, 10:56 AM
मैंने मां से कहा- फ़्लैश दिखाओ मां, मुझे छेद नहीं दिख रहा है.
लेकिन मां ने फ़्लैश की रोशनी नहीं डाली. इसकी जगह उन्होंने मेरा बुल्ला अपने हाथ में लिया और उसे अपनी चूत के छेद पर रख कर रगड़ने लगीं.
तो मैं समझ गया कि सही छेद यही है.
मैं थोड़ा सा मां पर झुका और एक झटका लगा दिया.
मेरा बुल्ले का सुपारा मां की चूत में घुस गया.
लेकिन मां ने फ़्लैश की रोशनी नहीं डाली. इसकी जगह उन्होंने मेरा बुल्ला अपने हाथ में लिया और उसे अपनी चूत के छेद पर रख कर रगड़ने लगीं.
तो मैं समझ गया कि सही छेद यही है.
मैं थोड़ा सा मां पर झुका और एक झटका लगा दिया.
मेरा बुल्ले का सुपारा मां की चूत में घुस गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.