22-02-2024, 10:48 AM
मैं मां से बात कर रहा था लेकिन मां मुझे जवाब नहीं दे रही थीं.
हालांकि वो मेरा कहना मानती जा रही थीं.
दोस्तो ये उस वक्त इतना जल्दी जल्दी हुआ कि मैं आपको बता नहीं सकता.
मैं- पैर खोल दो मां.
मैं अपना बुल्ला हाथ में लेकर मां की चूत का छेद खोजने लगा लेकिन मुझे चुत का छेद नहीं मिल रहा था.
मैंने एक दो बार चुत में लौड़ा डालने की कोशिश की, लेकिन लंड अन्दर नहीं गया.
हालांकि वो मेरा कहना मानती जा रही थीं.
दोस्तो ये उस वक्त इतना जल्दी जल्दी हुआ कि मैं आपको बता नहीं सकता.
मैं- पैर खोल दो मां.
मां ने अपने दोनों पैर चौड़ा दिए.
मैं अपना बुल्ला हाथ में लेकर मां की चूत का छेद खोजने लगा लेकिन मुझे चुत का छेद नहीं मिल रहा था.
मैंने एक दो बार चुत में लौड़ा डालने की कोशिश की, लेकिन लंड अन्दर नहीं गया.
मेरा बुल्ला एक नार्मल इंसान जितना ही है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.