22-02-2024, 10:33 AM
मां थोड़ी तेजी से सांस लेने लगी थीं.
मैं बस फ़्लैश लाइट में उनको देखता रहा.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है.
थोड़ी देर बाद मैं समझ गया कि मां को क्या कहना था.
मैंने मोबाईल का फ़्लैश चालू रख कर उसे दीवार से टिका दिया ताकि रूम में थोड़ा उजाला हो जाए.
मां मेरा हाथ छोड़कर लेट गईं और उन्होंने अपने दोनों पैर थोड़े से खोल दिए.
वो मेरी तरफ देखने लगीं और जोर जोर से सांसें लेने लगीं.
मैं समझ गया कि मां क्या चाहती हैं. मैं ये सोचते ही गर्म होने लगा और कुछ ही पल बाद मेरा बुल्ला फिर से टाइट हो गया.
मैं बस फ़्लैश लाइट में उनको देखता रहा.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है.
थोड़ी देर बाद मैं समझ गया कि मां को क्या कहना था.
मैंने मोबाईल का फ़्लैश चालू रख कर उसे दीवार से टिका दिया ताकि रूम में थोड़ा उजाला हो जाए.
मां मेरा हाथ छोड़कर लेट गईं और उन्होंने अपने दोनों पैर थोड़े से खोल दिए.
वो मेरी तरफ देखने लगीं और जोर जोर से सांसें लेने लगीं.
मैं समझ गया कि मां क्या चाहती हैं. मैं ये सोचते ही गर्म होने लगा और कुछ ही पल बाद मेरा बुल्ला फिर से टाइट हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.