22-02-2024, 10:30 AM
मां मुझसे बोलीं- ये ले अपना मोबाइल.
मैंने मोबाइल ले लिया और टाइम देखा, उसमें 5 बज रहे थे.
मां ने मुझसे पूछा.
मां- तू रात में क्या कर रहा था?
मैं- कुछ नहीं मां, मुझसे गलती हो गई.
मां- तू एकदम ठरकी हो गया है.
वो बिस्तर पर बैठ गईं और मुझसे बोलीं- इधर आ मेरे पास.
मैं उनके पास गया तो मुझे मेरी मां फ़्लैश लाइट की रोशनी में साफ़ दिख रही थीं. उनके पूरे बाल खुले थे.
मैं पास जाकर उन्हें देखने लगा, मगर कुछ नहीं बोला.
मां- मैं एक बात बोलूं, तुम किसी से कहना मत!
मैं- बोलो मां.
मां- कुछ नहीं, सो जा.
मैं- बोलो ना मां.
वो कुछ नहीं बोलीं, वो बस मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर उंगलियों में उंगलियां फंसा कर मेरा हाथ मसलने लगीं.
मां थोड़ी तेजी से सांस लेने लगी थीं.
मैंने मोबाइल ले लिया और टाइम देखा, उसमें 5 बज रहे थे.
मां ने मुझसे पूछा.
मां- तू रात में क्या कर रहा था?
मैं- कुछ नहीं मां, मुझसे गलती हो गई.
मां- तू एकदम ठरकी हो गया है.
वो बिस्तर पर बैठ गईं और मुझसे बोलीं- इधर आ मेरे पास.
मैं उनके पास गया तो मुझे मेरी मां फ़्लैश लाइट की रोशनी में साफ़ दिख रही थीं. उनके पूरे बाल खुले थे.
मैं पास जाकर उन्हें देखने लगा, मगर कुछ नहीं बोला.
मां- मैं एक बात बोलूं, तुम किसी से कहना मत!
मैं- बोलो मां.
मां- कुछ नहीं, सो जा.
मैं- बोलो ना मां.
वो कुछ नहीं बोलीं, वो बस मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर उंगलियों में उंगलियां फंसा कर मेरा हाथ मसलने लगीं.
मां थोड़ी तेजी से सांस लेने लगी थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.