22-02-2024, 10:11 AM
उनकी गाड़ी सुबह की थी. मैं और मां उन सभी को स्टेशन छोड़कर घर पर वापस आ गए.
हमारी रोज की तरह दिनचर्या चली. फिर रात को खाना खाने के बाद मां ने मेरा और खुद का बिस्तर हॉल में ही लगा लिया.
हम दोनों रात को सो गए.
उन दिनों बारिश का मौसम था. रात को करीब डेढ़ बजे बारिश चालू हुई.
हॉल में मेरे बिस्तर पर पानी गिरने लगा.
बिस्तर पूरा भीग गया था तो मेरी आंख खुल गई. मैंने बिस्तर साइड में किया और इस आहट से मेरी मां भी उठ गईं.
मां ने बोला कि अभी उस पर मत सो. तुम मेरे पास लेट जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं रात में बिना कपड़े के ही सोता हूँ, सिर्फ हाफ पैंट पहने रहता हूँ.
मैं मां के पास लेट गया. मां मेरी तरफ पीठ करके लेट गईं. मैं मां के साथ के उनकी चादर में ही घुस गया और उनसे सट कर सोने लगा.
मुझे नींद नहीं आ रही थी. हॉल में लाइट बंद थी.
मां ने मैक्सी पहनी हुई थी. मां बिस्तर छोटा होने की वजह से मेरे साथ चिपकी हुई थीं.
हमारी रोज की तरह दिनचर्या चली. फिर रात को खाना खाने के बाद मां ने मेरा और खुद का बिस्तर हॉल में ही लगा लिया.
हम दोनों रात को सो गए.
उन दिनों बारिश का मौसम था. रात को करीब डेढ़ बजे बारिश चालू हुई.
हॉल में मेरे बिस्तर पर पानी गिरने लगा.
बिस्तर पूरा भीग गया था तो मेरी आंख खुल गई. मैंने बिस्तर साइड में किया और इस आहट से मेरी मां भी उठ गईं.
मां ने बोला कि अभी उस पर मत सो. तुम मेरे पास लेट जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं रात में बिना कपड़े के ही सोता हूँ, सिर्फ हाफ पैंट पहने रहता हूँ.
मैं मां के पास लेट गया. मां मेरी तरफ पीठ करके लेट गईं. मैं मां के साथ के उनकी चादर में ही घुस गया और उनसे सट कर सोने लगा.
मुझे नींद नहीं आ रही थी. हॉल में लाइट बंद थी.
मां ने मैक्सी पहनी हुई थी. मां बिस्तर छोटा होने की वजह से मेरे साथ चिपकी हुई थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.