19-02-2024, 11:44 AM
बाथरूम की एक तरफ़ की दीवार में ऊपर की ओर छोटा रोशनदान है जो हवा के लिए खुला रहता है, वहाँ से रसोई का कुछ भाग दिखता है और मैं उनकी बातें भी सुन सकता था। मैंने पानी का ड्रम खिसकाकर रोशनदान के नीचे किया और उस पर चढ़कर रसोई में देखने का प्रयास किया। वहाँ से कुछ भाग ही दिख रहा था, पर उनकी बातों की आवाज जरूर सुनाई दे रही थी।
पारस- "भाभी, क्या बनाया नाश्ते में आज?"
सलोनी- "सब कुछ तुम्हारी पसन्द का ही है, ब्रेड सैंडविच और चाय या कॉफी जो तुम कहो"
पारस- "आपको तो पता है, मैं ये सब नहीं पीता, मुझे तो दूध ही पसन्द है"
सलोनी- "हाँ हाँ… मुझे पता है और वो भी तुम सीधे ही पीते हो"
और दोनों के जोर से हंसने की आवाज आई।
सलोनी- "अरे क्या करते हो, अभी मैंने मना किया था न ! उफ़्फ़… क्या कर रहे हो !"
मैंने बहुत कोशिश की दोनों को देखने की मगर कभी कभी जरा सा भाग ही दिख रहा था। मगर यह निश्चित था कि पारस मेरी बीवी के दूध पी रहा था। अब वो टॉप के ऊपर से पी रहा था या टॉप उठाकर यह मेरे लिए भी सस्पेन्स था। मैं तो केवल उनकी आवाजें सुनकर ही उत्तेजित हो रहा था।
सलोनी- "ओह पारस, क्या कर रहे हो? प्लीज अभी मत करो ! देखो, वो आते होंगे… ओह… नहीं… आह… क्या करते हो। ओह पारस… तुमने अंडरवियर भी नहीं पहना"
पारस- "पुच… पुच… सुपरररर… सपरर… अहाआआ… भाभी, कितने मस्त हैं आपके मम्मे… ओह्ह्ह भाभी, ऐसे ही सहलाओ… आहा… कितना मस्त सहलाती हो आप लण्ड को… आहाअ… ओह्हओ… पुच… पुच…"
मैं रोशनदान से टंगा उनकी आवाजें सुन रहा था और सोच रहा था कि ये मेरे सामने ही कितना आगे बढ़ सकते हैं। क्या आज ही मुझे इनकी चुदाई देखने को मिल जायेगी। पता नहीं क्या होगा…
तभी मुझे पारस की छाया सी दिखी, वो कुछ पीछे को हुआ था।
“ओह माय गॉड…"- वो पूरा नंगा था, उसका तौलिया उसके पैरों में था जिसे उसने अपने पैरों से पीछे को धकेला। शायद उसी के लिए वो पीछे को हुआ होगा। मुझे उसका लण्ड तो नहीं दिखा मगर मैं इतना मूर्ख भी नहीं था कि यह न समझ सकूँ कि इस स्थिति में उसका लण्ड 90 डिग्री पर खड़ा ही होगा। अब सोचने वाली बात यह थी कि मेरे घर में रहते वो क्या करेगा। वो फिर आगे को हो गया और मेरी नजरों से ओझल हो गया।
तभी फिर से आवाजे आने लगीं…
सलोनी- "तुम बिल्कुल पागल हो पारस… क्या करते हो, तुम्हारा लण्ड कितना सख्त हो रहा है"
पारस- "हाँ भाभी, अहा… आज तो भैया के सामने ही यह तुम्हारी चूत में जाना चाहता है… ओहू…ओ… अहाह… ह…"
सलोनी- "नहीं… ईईईइ… पारस… प्लीज ऐसा मत करो, मैं उनके सामने ऐसा नहीं कर सकती। मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ। अहाआ… आ… पारस… हा… हा… ओह… मत करो न… तुम बहुत बदमाश हो गए हो, अहा… क्या करते हो… प्लीज तुम्हारा लण्ड तो आज मेरी पजामी ही फाड़ देगा… अहाआ… आआ… नहीं… ईईईई…"
पारस- "पुच… पुछ्ह्ह्ह्ह… अहह… हआआ… आज नहीं छोड़ूंगा… ओहू… ऊओ… लाओ इसको हटा दो"
सलोनी- "नहींईई पारस… क्या करते हो, पगला गए हो, देखो वो आते ही होंगे, मान जाओ ना प्लीज ह्ह्हाआ… ओह… ऊऊओह…"
पारस- "वह भाभी… क्या मस्त चूत है आपकी… बिल्कुल छोटी बच्ची की तरह… कितनी चिकनी और छोटी सी… दिल करता है खा जाऊँ… इसको…"
वाकयी सलोनी की चूत बहुत खूबसूरत है, उसके छोटे छोटे होंट ऐसे आपस में चिपके रहते हैं जैसे किसी किशोर लड़की के और चूत का रंग गुलाबी है जो उसकी गदराई सफ़ेद जांघों में जान डाल देता है। उसकी चूत बहुत गर्म है और उसके होंटों को खोल जब लाली दिखती है तो मुझे पक्का यकीन है कि बुड्ढों तक का लण्ड पानी छोड़ दे। मगर इस समय वो चूत मेरे छोटे भाई पारस के हाथ में थी। पता नहीं वो नालायक उसको कैसे छेड़ रहा होगा।
अब फिर से भयंकर मादक आवाजें आने लगीं।
सलोनी- "ह्हाआ… आअ… आआआअ… ओहू… ऊऊओ पारस… नहीईई… प्लीजज्ज… नहीं… ईईईई…"
पारस- "भाभी… इइइ… बस जरा सा झुक जाओ"
सलोनी- "वो आते होंगे ! तुम मानोगे नहीं"
पारस- "भाभी, भैया अभी नहा ही रहे हैं, शॉवर की आवाज आ रही है, उनके आने से पहले हो जायेगा। बस जरा सा आह… आआआ…"
सलोनी- "ओह… ऊऊओ… क्या करते हो ओह… ऊऊ… वहाँ नहीं पारस… आहआ… आआआआ… आआआआआ… सूखा ही आआआ… तुम तो मार ही दोगे"
"पागल, मैंने कितनी बार कहा है गांड में डालने से पहले कुछ चिकना लगा लो"
पारस- "मैंने थूक लगाया था ना और आपकी चूत का पानी भी लगाया था… अहा…आआआ… क्या छेद है भाभी… मजा आ गया"
सलोनी- "चल पहले मलाई लगा…"
"अरे क्या करता है सब दूध ख़राब कर दिया, हाथ से लेकर लगा न, लण्ड ही दूध में डाल दिया… तू तो वाकयी पगला गया है"
पारस- "जल्दी करो भाभी… जब लण्ड पी सकती हो तो क्या लण्ड से डूबा दूध नहीं… अहा… जल्दी करो…"
सलोनी- "अहा…आआ… धीरे… पागल…ह्हाआआअ ह्हाआअ...ओहूऊऊऊ…"
दस मिनट तक उनकी आवाजें आती रहीं। झूठ नहीं बोलूंगा, मैंने भी नहाने के लिए अपने कपड़े निकाल दिए थे और इस समय पूरा नंगा ही उन दोनों को सुन रहा था, मेरा लण्ड भी पूरा खड़ा था और मैं उसको मुठिया रहा था।
सलोनी- "अहा… हाआआआ… पारस बहुत जबर्दस्त है तुम्हारा लण्ड… अहा…आआ… क्या मस्त चोदते हो… अहा… बस करो न अब… ऐईईईइ…"
पारस- "आआ… आआआ… आआ… ह्हह्ह… बस हो गया भाभी आआआह ह्ह्ह्ह्हा…"
सलोनी- "ओह… ऊऊऊ… क्या कर रहे हो… सब गन्दा कर दिया… उफ्फ्फ… फ्फ्फ्फ्फ…"
तभी पारस पूरा नंगा अपना तौलिया उठा बाहर आ गया। उसका लण्ड अभी भी तना था और पूरा लाल दिख रहा था और फिर सलोनी भी बाहर आई, माय गॉड क्या लग रही थी। उसका टॉप बिल्कुल ऊपर था उसकी दोनों चूची बाहर निकली थी जिन पर लाल निशान दिख रहे थे। ऊपर तनी हुई सफ़ेद चूची पर गुलाबी निप्पल चूसे और मसले जाने की कहानी साफ़ कह रहे थे। उसकी ब्रा एक और को लटकी थी उसकी शायद तक एक फीता टूट गया था।
और नीचे तो पूरा धमाकेदार दृश्य था उसकी पजामी उसके पंजों में थी और वो पजामी के साथ ही पैरों को खोलकर चल रही थी। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा मन उसमें अपना लण्ड एक झटके में डालने को कर रहा था।
रसोई से बाहर आ उसने तौलिया लिया और मेरी ओर पीठ करके अपनी चूत साफ करने लगी। उसकी कमर से लेकर चूतड़ों तक पारस का वीर्य फैला था। वो जल्दी जल्दी साफ़ करते हुए पीछे मुड़ कर बाथरूम की ओर भी देख रही थी।
उसकी इस स्थिति को देखते हुए मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया।
अब मैं नीचे उतर बिना नहाये केवल हाथ मुंह धोकर ही बाहर आ गया। हाँ, थोड़े से बाल जरूर भिगो लिए जिससे नहाया हुआ लगूँ। बाहर एक बार फ़िर सब कुछ सामान्य था, सलोनी फिर से रसोई में थी और पारस शायद अपने कमरे में था।
TO BE CONTINUED ......
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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