17-02-2024, 03:47 PM
मेरा नाम मानवेन्द्र (मोंटी) है में ऋषिकेश का रहने वाला हूँ और मुंबई में रह कर गयम ट्रेनर की जॉब करता हूँ मेरी उम्र 29 साल है। में यहाँ मुंबई में अकेला रहता हूँ।
तो चलो कहानी पे आते है बात आज से 5 साल पहले की है जब में 24 साल का था और दिल्ली में गयम ट्रेनर की जॉब करता था। एक बार २ दिन की छुट्टिया आयी तो मेने चाचा क्यों न आगरा घूम लिया जाये। चुकी में अकेला था तो कोई दूसरी झंझट नहीं थी तो मेने सुबह की ट्रैन पकड़ के आगरा आ गया। में पहली बार आया था तो मुझे कुछ खास पता नहीं था की कहा जाना है बस आगरा के बारे में एक चीज ही पता थी वो था ताज महल। लेकिन मुझे पता था की आगरा में और बहुत कुछ है घूमने को तो सबसे पहले मेने रेलवे स्टेशन के पास ही एक लॉज में रूम ले लिया और फिर वही लॉज वाले से पूछ लिया के पुरे आगरा कैसे घूम जाये तो उसने बताया की सिटी टूर की बस जाती है उसमे बैठ जाओ वो पूरा आगरा घुमा देगी। मुझे ये आईडिया अच्छा लगा और मेने वही किया ।
मेने वो लॉज वाले से ही पूछ के सिटी टूर की बस पकड़ ली जब में बस में बैठा तो पहले से ही कई लोग बैठे हुए थे कुछ साउथ इंडियन थे कुछ मराठी गुजराती भी थे मेरे बगल में एक साउथ इंडियन अंकल बैठे थे विंडो सीट में जो की अपने ग्रुप में थे और आठ नो लोग और थे उनके बस में मेरी दूसरी तरफ एक अंकल और आंटी बैठे थे वो करीब 44 45 के थे मेने कुछ खास ध्यान नई दिया क्युकी में आगरा देखने के लिए उत्साहित था।
तो चलो कहानी पे आते है बात आज से 5 साल पहले की है जब में 24 साल का था और दिल्ली में गयम ट्रेनर की जॉब करता था। एक बार २ दिन की छुट्टिया आयी तो मेने चाचा क्यों न आगरा घूम लिया जाये। चुकी में अकेला था तो कोई दूसरी झंझट नहीं थी तो मेने सुबह की ट्रैन पकड़ के आगरा आ गया। में पहली बार आया था तो मुझे कुछ खास पता नहीं था की कहा जाना है बस आगरा के बारे में एक चीज ही पता थी वो था ताज महल। लेकिन मुझे पता था की आगरा में और बहुत कुछ है घूमने को तो सबसे पहले मेने रेलवे स्टेशन के पास ही एक लॉज में रूम ले लिया और फिर वही लॉज वाले से पूछ लिया के पुरे आगरा कैसे घूम जाये तो उसने बताया की सिटी टूर की बस जाती है उसमे बैठ जाओ वो पूरा आगरा घुमा देगी। मुझे ये आईडिया अच्छा लगा और मेने वही किया ।
मेने वो लॉज वाले से ही पूछ के सिटी टूर की बस पकड़ ली जब में बस में बैठा तो पहले से ही कई लोग बैठे हुए थे कुछ साउथ इंडियन थे कुछ मराठी गुजराती भी थे मेरे बगल में एक साउथ इंडियन अंकल बैठे थे विंडो सीट में जो की अपने ग्रुप में थे और आठ नो लोग और थे उनके बस में मेरी दूसरी तरफ एक अंकल और आंटी बैठे थे वो करीब 44 45 के थे मेने कुछ खास ध्यान नई दिया क्युकी में आगरा देखने के लिए उत्साहित था।