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पंजाबन
#15
मैंने कहा- आपको जो हेल्प मुझसे चाहिए, वह मैं करूंगा.
उन्होंने बड़ी अच्छी स्माइल दी और कहने लगी- ठीक है, आज का खाना मैं ही आपके लिए भिजवा देती हूँ, कल से आप अपना कोई इंतजाम कर लेना. 

दोस्तो! पहली बार मुझे पता लगा कि औरतों के अंदर बहुत ज्यादा ईर्ष्या होती है. ग्राउंड फ्लोर पर जो उड़ीसा का परिवार रहता था उसमें लता भाभी और उनके पति को हेमा भाभी से और उनके फैशन करने से बड़ी चिढ़ थी और वे उसको पसंद नहीं करते थे. असल में दोनों लेडीज़ का सुंदरता में कॉम्पिटिशन था और दोनों ही अपनी अपनी जगह हिरोइनों की तरह सुन्दर थीं.
मैंने अपने खाने का अरेंजमेंट एक होटल से कर लिया था वहां से डेली टिफिन आ जाता था. जब भी मैं नीचे जाता तो मेरी मुलाकात लता भाभी और उनके हस्बैंड से होती रहती थी, लता भाभी मुझसे बातें करने का बहाना ढूंढती रहती थी. अक्सर फ्रंट के आँगन में खड़ी या बैठी रहती थी.
तीन चार दिन बाद वह अपने हस्बैंड के साथ बाहर खड़ी थी, उन्होंने मुझे अपने घर पर अन्दर बुलाया और मेरा नाम पूछा. मैंने उन्हें बताया कि मेरा नाम राज शर्मा है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और अपने बारे में कुछ बातें बताई. उन्होंने भी कुछ बातें बताई.
तब तक लता भाभी मेरे लिए चाय बिस्कुट वगैरह लेकर आई. कुछ ही देर में उन्होंने हेमा भाभी के बारे में बातें शुरू कर दी और उनकी बातों से मुझे पता लगा कि लता भाभी उनके सजने-संवरने और अदाओं से चिढ़ती थी.
उनकी बातों से मुझे ऐसा लगा कि वह मुझे अपनी साइड करना चाहती थी.
मगर मैं चुप रहा. 

वह मकान एक कॉर्नर का मकान था, उसमें हम तीनों ही किरायेदार थे. मकान मालिक कहीं बाहर दूसरे शहर में रहता था. एक हफ्ते बाद लता भाभी के पति मिस्टर हरिदास 20-25 दिन के लिए दक्षिण भारत के टूर पर मार्केटिंग के सिलसिले में चले गए थे.
एक रोज़ सुबह ही मैंने पिछले आँगन में नीचे झाँक कर देखा तो मैं दंग रह गया. लता भाभी सुबह ही नहाने के बाद पिछले आँगन में तुलसी के पौधे की पूजा कर रही थी. उन्होंने नहाने के बाद अपने शरीर पर एक पतली सी, झीनी सी साड़ी घुटनों से ऊपर लपेट रखी थी जिसके नीचे उन्होंने न ब्लाउज, न ब्रा और न ही पेटीकोट पहना था, वह लगभग नंगी दिख रही थी, उनकी बड़ी-बड़ी खड़ी चूचियां और सुन्दर सुडौल चूतड़ उस कपड़े में से साफ़ दिखाई दे रहे थे. उन्होंने नहाने के बाद अपने चूतड़ों तक लंबे बाल खुले छोड़ रखे थे. उनकी नंगी गोल गुदाज बाजू, गर्दन, आधी नंगी छाती और सुडौल गोरी पिडलियाँ साफ़ दिखाई दे रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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पंजाबन - by neerathemall - 18-10-2022, 04:58 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 18-10-2022, 04:59 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 18-10-2022, 05:01 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 18-10-2022, 05:02 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 18-10-2022, 05:03 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 18-10-2022, 05:12 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 19-10-2022, 05:54 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 17-02-2024, 10:13 AM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 19-10-2022, 05:56 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 19-10-2022, 06:03 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 19-10-2022, 06:07 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 17-02-2024, 10:10 AM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 17-02-2024, 10:14 AM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 17-02-2024, 10:14 AM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 17-02-2024, 10:15 AM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 17-02-2024, 10:16 AM
RE: पंजाबन - by sri7869 - 23-02-2024, 11:29 PM
RE: पंजाबन - by neerathemall - 16-03-2024, 09:58 PM



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