09-02-2024, 01:17 PM
प्रेरणा के ऑफिस ट्रीप का सुनते ही संगीता इतनी खुश हो गई की उसे नींद ही नहीं आ रही थी। अनुज के बारे में सोच कर उसकी चूचियां टाइट और चूत गीली हो रही थी। बेशर्मों की तरह खुदको सहलाते हुए ख्वाब देख रही थी। संगीता से रहा नही जा रहा था उसने अपनी गाउन और पैंटी उतार दी और चूत में उंगली करने लगी। उसमे अजीब सा पागलपन सवार था उंगली करते करते वह झड़ गई और उसकी आंख कब लगी उसे पता ही न चला। सुबह प्रेरणा जल्दी निकल गई। संगीता देर तक जगने के वजह से नही उठ पाई। प्रेरणा सोच रही थी एक बार जाने से पहले अपनी मां से बात करले पर संगीता गांड़ उठाकर नंगी सो रही थी उसे बस चुदवाने की धुन सवार थी। अनुज प्रेरणा को ड्रॉप करने सोसायटी के गेट तक आया।
प्रेरणा: अनुज मम्मी उठ जायेगी तो एक बार पूछ लेना तबियत तो ठीक है उनकी
अनुज: येस बेबी। तबियत तो मेरी खराब होगी २ दिन तुम नही रहोगी तो।
प्रेरणा: अरे मेरा बच्चा २ दिन की ही बात है परसो रात को आ जाऊंगी।
अनुज: ठीक है चलो तुम्हारा कैब भी आ गया।
अनुज ने कैब ड्राइवर से बात किया और प्रेरणा को बाय कर घर के तरफ निकल गया। लिफ्ट में घुसते ही अनुज के दिमाग में कुछ खिचड़ी पकना शुरू हो गया। जैसे ही वह घर में आया तुरंत लिविंग रूम के ड्रॉअर में कुछ ढूंढने लगा। अनुज के हाथ एक चाबी लगी तो मुस्कुराते हुए चाबी उठाकर संगीता की रूम की तरफ चल दिया दरअसल ये चाबी संगीता के रूम के लैच की थी। अनुज ने धीरे से दरवाजा खोला और सामने का नजारा देख उसका लन्ड उछल पड़ा। उसने अपना फोन निकाला और संगीता की फोटो खींच ली। अनुज संगीता की तरफ बढ़ा। संगीता दरवाजे की तरफ पीठ करके सोई थी अनुज उसके मुंह के सामने खड़ा हो गया और बिना कुछ सोचे उसने अपना लन्ड बाहर निकाला और संगीता के नाक के सामने लगा दिया। अनुज के लन्ड की खुशबू सूंघकर संगीता की नींद खुल गई। उसने हल्की सी आंखे खोली तो सामने लन्ड देखकर वह चौक गई और उठकर बैठ गई। वह अनुज पे गुस्सा होने ही वाली थी के उसने ड्रेसिंग टेबल की मिरर में खुद को नंगा देख लिया। संगीता की नजर झुक गई उसे बहुत शर्म आ रह थी। अनुज तो बेबाक हो कर अपना लन्ड सहला रहा था।
अनुज: गुड मॉर्निंग संगी डार्लिंग
संगीता: गुड मॉर्निंग सॉरी वो न
अनुज: अरे ठीक है कोई जरूरत नही है शर्माने की उल्टा अच्छा है एक काम कम हो गया
संगीता: कौनसा काम? और प्रेरणा कहा है?
अनुज: तुझे नंगा करने का काम कम हो गया तू नंगी ही पड़ी है हा हा। प्रेरणा निकल गई तुम सो रही थी उठाया नही। मैने सुबह ही उसे बोलना चाहिए था उठा ले अपनी मां को फिर उसे भी पता चलता उसकी मां कितनी हॉट है
संगीता: तुम तो उठते ही शुरू हो गए अभी प्रेरणा मुंबई से बाहर भी नही निकली होगी
अनुज: मैं तो अभी शुरू हुआ हु तुम तो लग रहा है रात से ही सपने देख रही हो।
संगीता शर्माने लगी और ब्लैंकेट ओढ़ने लगी। अनुज ने ब्लैंकेट खींच लिया और बोला
अनुज: जल्दी से अच्छी सी चाय बनाओ
संगीता: तुम चलो मैं आती हु कपड़े पहन कर
अनुज: कपड़े क्यू चाहिए चाय बनाने के लिए?
संगीता: अनुज प्लीज मुझे ऐसे अच्छा नही लग रहा
अनुज: मुझे तो अच्छा लग रहा है चल आ जा हम दोनो ही है घर में क्यू शर्मा रही है सब तो देख लिया है मैने।
संगीता: खिड़की से कोई देख लेगा।
अनुज: खिड़की पर पर्दे लगे हुए है और इतने ऊपर १२ फ्लोर pe कौन देखने आएगा चल उठ जल्दी चाय पीनी है मुझे
संगीता को पता था आज अनुज नही मानेगा वह तयार हो गई। अनुज बेड से थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया। जैसे ही संगीता उठी अनुज ने उसे हग किया। अनुज का लन्ड तन गया था। हग करते ही उसका लन्ड संगीता के पेट पर चुभने लगा। जैसे ही दोनो अलग हुए अनुज के लन्ड से निकलती चिकनी जूस की तार दिखने लगी। अनुज ने अपने हाथ से संगीता के पेट पर दिख रही चिकनाई को साफ किया और वही उंगली संगीता को चटवाई। संगीता भूखी कुतिया की तरह चाटने लगी और तो अनुज ने अपने लन्ड को पकड़ कर और थोड़ा प्रीकम उंगली पर लेकर संगीता को चटवाई। फिर दोनो रूम से निकल कर बाहर चल दिए। अनुज का हाथ संगीता की कमर पर था और वह बीच बीच में उसकी गांड़ सहला रहा था। संगीता बहुत ही एक्साइट हो चुकी थी। अनुज उसे किचन तक ले गया और गांड़ पर एक करारी चमाट बजाकर उसे चाय बनाने भेज दिया। संगीता कभी अपनी जवानी में भी ऐसे नंगे बदन किचन में खड़ी नही हुई थी बल्कि उसका पति तो सिर्फ साड़ी उठाके काम निपटा लेता था और उसे ठंडा ही छोड़ देता था। अनुज के साथ तो उसका मूत निकल गया था। कैसे तैसे करके उसने चाय बनाई और अनुज को देने गई। अनुज ने उसे पकड़ के गोद में बिठा लिया और चुस्की लेते हुए चाय पीने लगा। संगीता टीवी की तरफ देख रही थी के अचानक अनुज ने उसके मम्मे चूसना शुरू कर दिया। संगीता मूड में आकर सिसकियां भरने लगी। अनुज ने चाय खत्म कर सास के मम्मे मसलना स्टार्ट किया संगीता दामाद की गोद में झटपटाने लगी। सास का हाल देख कर अनुज और मूड में आ गया। अनुज ने संगीता को खड़ा किया और झुकने बोला। संगीता मना करने लगी तो उसने गुस्से से गांड़ पर करारा चमाट बजाया। संगीता की बोलती बंद हो गई। जिस गांड़ पे चमाट पड़ा उसे सहलाते हुए संगीता झुक गई अनुज ने अपने पैरो से सेंटर टेबल पास खींच लिया और संगीता को उसपे हाथ रख सहारे से खड़े रहने बोला। अनुज कितना ख्याल रख रहा है ऐसे संगीता सोच ही रही थी के अनुज ने उसकी गांड़ फ़ैला कर चूत में उंगली डाल दी। संगीता की चूत रस से भरी हुई थी। अनुज ने बिना कुछ सोचे अपना मुंह घुसा दिया और चाटने लगा। संगीता को जन्नत मिल गई। अनुज भूखे कुत्ते की तरह उसे चाट रहा था। संगीता के तो होश उड़े हुए थे आज तक यह सुख उसे कभी नसीब नही हुआ था और आज तो खुद जमाई राजा चूत चाटने में लगे हुए थे। संगीता भी पागल हो गई और जोर जोर से चिल्लाने लगी "बस करो अनुज प्लीज बस करो और नही बर्दाश्त कर सकती"। अनुज तो रुकने का नाम नही ले रहा था। संगीता की चूत से झरना बह रहा था अनुज का मुंह उसके रस से सना हुआ था पर फिर भी वह रुक नही रहा था। सास की चूत का शहद pi कर वह मस्त हो गया था। संगीता इतनी बुरी तरह से गीली थी के उसके चूत का रस नीचे गिर रहा था। अनुज रुक नही रहा था और उसे भी मज़ा इतना आ रहा थे के संगीता ऐसे ही झड़ गई। संगीता झुक कर पड़ी रही और अनुज ने अपना मुंह हटा लिया। संगीता की हालत देखकर अनुज ने उसे सोफे पर लिटा दिया। संगीता खुश थी उसे बहुत हल्का फील हो रहा था। अनुज चाय की कप रखने किचन में चला गया तो संगीता और रिलैक्स हो गई। २–४ मिनट में अनुज वापस आया। संगीता ने देखा अनुज का लन्ड पूरा तन गया है। वह उठने लगी तो अनुज ने उसे सोफे पर ही उल्टा कर दिया और बिना कुछ बोले पीछे से संगीता की चूत में लौड़ा घुसा दिया। संगीता झड़ने की वजह से एकदम तैयार थी अनुज का पूरा लन्ड आसानी से उसकी चूत में समा गया और वह फिर एक बार जन्नत की सवारी के लिए निकल पड़ी। संगीता की चूत पर अनुज कहर बरपा रहा था और संगीता सोफे पे लटकी हुई मजे ले रही थी। संगीता के बदन में बिल्कुल शक्ति नही थी पर उसकी चूत बिल्कुल मस्त होकर ठुक रही थी। संगीता की चूत थरथराकर फिर से झड़ने लगी तो अनुज ने अपना लन्ड बाहर निकालकर उसकी चूत की फड़फड़ाहट फोन के कैमरे में रिकॉर्ड कर ली और फिर संगीता के मुंह के पास जाकर खड़ा हो गया। संगीता ने २ मिनिट में चाटकर अनुज का पानी निकाल दिया और पीने लगी। अनुजने अपना लन्ड चटवाके साफ करवा लिया और फिर वह अपना काम करने चला गया। जाते जाते उसने संगीता को लंच बनाने का ऑर्डर छोड़ा। संगीता ने सिर हिलाकर हा बोल दिया। संगीता वैसे ही पड़ी हुई थी के उसे प्रेरणा का कॉल आया हड़बड़ाहट में संगीता ने कॉल उठा ली।
संगीता: हा प्रेरणा बोल।
प्रेरणा: क्या कर रही हो मम्मी?
संगीता: कुछ नही बस लंच का तयारी कर रही हु।
प्रेरणा: ब्रेकफास्ट कर लिया अनुज ने?
संगीता: हा उनका हो गया है सब कुछ टेंशन मत ले
जैसे ही संगीता ने यह बोला उसने नोटिस किया उसकी चूत का रस सोफे पे गल रहा है। वह फट से खड़ी हो गई और जैसे तैसे बात करके कॉल कट किया।
अनुज रूम में गया और संगीता के ओर्गास्म का वीडियो थोड़ा सा एडिट करके उसने प्रेरणा को भेज दिया। वैसे भी उस वीडियो में संगीता की चूत के अलावा और कुछ नही दिख रहा था। प्रेरणा ने वह वीडियो देख कर अनुज को कॉल किया।
प्रेरणा: छी यह क्या गंदा क्लोज अप वीडियो भेज रहे हो
अनुज: ओर्गास्म देखा चूत कैसे फड़फड़ा रही है ऐसा ओर्गास्म देना है मुझे तुम्हे
प्रेरणा: तुम्हारी पोर्न स्टार ४ लौड़े ले कर फड़फड़ा रही होगी
अनुज: पोर्न स्टार नही है इंडियन होम मेड वीडियो है ठीक से देख आंटी है वो
प्रेरणा: रण्डी ही होगी कोई लन्ड लेके इतना खुश हो रही है
अनुज: तुम खुश नही होती लन्ड लेकर?
प्रेरणा: मै सिर्फ मेरे पति का लेती हूं और ऐसे वीडियो नही बनाती ।
अनुज: हा हा मस्त फड़फड़ा रही है ना लेकिन
प्रेरणा: तुम्हे बहुत मजा आ रहा है आंटी की चूत देखकर
अनुज: क्या करू मेरी रण्डी नही है ना मेरे साथ चोदने के लिए
प्रेरणा: मैं रण्डी हु?
अनुज: नही तू तो रखैल है मेरी सिर्फ मेरी
प्रेरणा: अब आए न लाइन पे हमेशा याद रखना मैने न किसी और को दी है ना किसी और को दूंगी
अनुज: पता है जानेमन तुम्हारी चूत गांड़ दोनो मेरे नाम है।
प्रेरणा: फिर भी आंटी की फटी चूत देख रहे हो
अनुज: यार तुम्हे मिस कर रहा था तो सोचा पोर्न देख लूं पता नही क्यों वो आंटी का पिछवाड़ा बिलकुल तुम्हारे जैसे लगा।
प्रेरणा: मिस्टर एनालिस्ट गलत चीज एनालाइज कर रहे हो चलो अब फोन रखो तुम्हे तो आकर देखती हु
अनुज: देखोगी या दिखाओगी?
प्रेरणा: सबकुछ करूंगी सिर्फ तुम्हारे लिए
अनुज: लव यू
प्रेरणा: लव यू टू बाय
फोन रखते ही प्रेरणा ने फिर से वीडियो देखी उसे भी लगा यह आंटी तो सच में मेरे जैसे लग रही है बस इसकी गांड़ ज्यादा चौड़ी हो रखी है। अनुज ने प्रेरणा के दिमाग में नया कीड़ा छोड़ दिया और अपना काम करने लगा। संगीता भी फ्रेश होकर कपड़े पहन कर किचन में काम करने लगी.....
प्रेरणा: अनुज मम्मी उठ जायेगी तो एक बार पूछ लेना तबियत तो ठीक है उनकी
अनुज: येस बेबी। तबियत तो मेरी खराब होगी २ दिन तुम नही रहोगी तो।
प्रेरणा: अरे मेरा बच्चा २ दिन की ही बात है परसो रात को आ जाऊंगी।
अनुज: ठीक है चलो तुम्हारा कैब भी आ गया।
अनुज ने कैब ड्राइवर से बात किया और प्रेरणा को बाय कर घर के तरफ निकल गया। लिफ्ट में घुसते ही अनुज के दिमाग में कुछ खिचड़ी पकना शुरू हो गया। जैसे ही वह घर में आया तुरंत लिविंग रूम के ड्रॉअर में कुछ ढूंढने लगा। अनुज के हाथ एक चाबी लगी तो मुस्कुराते हुए चाबी उठाकर संगीता की रूम की तरफ चल दिया दरअसल ये चाबी संगीता के रूम के लैच की थी। अनुज ने धीरे से दरवाजा खोला और सामने का नजारा देख उसका लन्ड उछल पड़ा। उसने अपना फोन निकाला और संगीता की फोटो खींच ली। अनुज संगीता की तरफ बढ़ा। संगीता दरवाजे की तरफ पीठ करके सोई थी अनुज उसके मुंह के सामने खड़ा हो गया और बिना कुछ सोचे उसने अपना लन्ड बाहर निकाला और संगीता के नाक के सामने लगा दिया। अनुज के लन्ड की खुशबू सूंघकर संगीता की नींद खुल गई। उसने हल्की सी आंखे खोली तो सामने लन्ड देखकर वह चौक गई और उठकर बैठ गई। वह अनुज पे गुस्सा होने ही वाली थी के उसने ड्रेसिंग टेबल की मिरर में खुद को नंगा देख लिया। संगीता की नजर झुक गई उसे बहुत शर्म आ रह थी। अनुज तो बेबाक हो कर अपना लन्ड सहला रहा था।
अनुज: गुड मॉर्निंग संगी डार्लिंग
संगीता: गुड मॉर्निंग सॉरी वो न
अनुज: अरे ठीक है कोई जरूरत नही है शर्माने की उल्टा अच्छा है एक काम कम हो गया
संगीता: कौनसा काम? और प्रेरणा कहा है?
अनुज: तुझे नंगा करने का काम कम हो गया तू नंगी ही पड़ी है हा हा। प्रेरणा निकल गई तुम सो रही थी उठाया नही। मैने सुबह ही उसे बोलना चाहिए था उठा ले अपनी मां को फिर उसे भी पता चलता उसकी मां कितनी हॉट है
संगीता: तुम तो उठते ही शुरू हो गए अभी प्रेरणा मुंबई से बाहर भी नही निकली होगी
अनुज: मैं तो अभी शुरू हुआ हु तुम तो लग रहा है रात से ही सपने देख रही हो।
संगीता शर्माने लगी और ब्लैंकेट ओढ़ने लगी। अनुज ने ब्लैंकेट खींच लिया और बोला
अनुज: जल्दी से अच्छी सी चाय बनाओ
संगीता: तुम चलो मैं आती हु कपड़े पहन कर
अनुज: कपड़े क्यू चाहिए चाय बनाने के लिए?
संगीता: अनुज प्लीज मुझे ऐसे अच्छा नही लग रहा
अनुज: मुझे तो अच्छा लग रहा है चल आ जा हम दोनो ही है घर में क्यू शर्मा रही है सब तो देख लिया है मैने।
संगीता: खिड़की से कोई देख लेगा।
अनुज: खिड़की पर पर्दे लगे हुए है और इतने ऊपर १२ फ्लोर pe कौन देखने आएगा चल उठ जल्दी चाय पीनी है मुझे
संगीता को पता था आज अनुज नही मानेगा वह तयार हो गई। अनुज बेड से थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया। जैसे ही संगीता उठी अनुज ने उसे हग किया। अनुज का लन्ड तन गया था। हग करते ही उसका लन्ड संगीता के पेट पर चुभने लगा। जैसे ही दोनो अलग हुए अनुज के लन्ड से निकलती चिकनी जूस की तार दिखने लगी। अनुज ने अपने हाथ से संगीता के पेट पर दिख रही चिकनाई को साफ किया और वही उंगली संगीता को चटवाई। संगीता भूखी कुतिया की तरह चाटने लगी और तो अनुज ने अपने लन्ड को पकड़ कर और थोड़ा प्रीकम उंगली पर लेकर संगीता को चटवाई। फिर दोनो रूम से निकल कर बाहर चल दिए। अनुज का हाथ संगीता की कमर पर था और वह बीच बीच में उसकी गांड़ सहला रहा था। संगीता बहुत ही एक्साइट हो चुकी थी। अनुज उसे किचन तक ले गया और गांड़ पर एक करारी चमाट बजाकर उसे चाय बनाने भेज दिया। संगीता कभी अपनी जवानी में भी ऐसे नंगे बदन किचन में खड़ी नही हुई थी बल्कि उसका पति तो सिर्फ साड़ी उठाके काम निपटा लेता था और उसे ठंडा ही छोड़ देता था। अनुज के साथ तो उसका मूत निकल गया था। कैसे तैसे करके उसने चाय बनाई और अनुज को देने गई। अनुज ने उसे पकड़ के गोद में बिठा लिया और चुस्की लेते हुए चाय पीने लगा। संगीता टीवी की तरफ देख रही थी के अचानक अनुज ने उसके मम्मे चूसना शुरू कर दिया। संगीता मूड में आकर सिसकियां भरने लगी। अनुज ने चाय खत्म कर सास के मम्मे मसलना स्टार्ट किया संगीता दामाद की गोद में झटपटाने लगी। सास का हाल देख कर अनुज और मूड में आ गया। अनुज ने संगीता को खड़ा किया और झुकने बोला। संगीता मना करने लगी तो उसने गुस्से से गांड़ पर करारा चमाट बजाया। संगीता की बोलती बंद हो गई। जिस गांड़ पे चमाट पड़ा उसे सहलाते हुए संगीता झुक गई अनुज ने अपने पैरो से सेंटर टेबल पास खींच लिया और संगीता को उसपे हाथ रख सहारे से खड़े रहने बोला। अनुज कितना ख्याल रख रहा है ऐसे संगीता सोच ही रही थी के अनुज ने उसकी गांड़ फ़ैला कर चूत में उंगली डाल दी। संगीता की चूत रस से भरी हुई थी। अनुज ने बिना कुछ सोचे अपना मुंह घुसा दिया और चाटने लगा। संगीता को जन्नत मिल गई। अनुज भूखे कुत्ते की तरह उसे चाट रहा था। संगीता के तो होश उड़े हुए थे आज तक यह सुख उसे कभी नसीब नही हुआ था और आज तो खुद जमाई राजा चूत चाटने में लगे हुए थे। संगीता भी पागल हो गई और जोर जोर से चिल्लाने लगी "बस करो अनुज प्लीज बस करो और नही बर्दाश्त कर सकती"। अनुज तो रुकने का नाम नही ले रहा था। संगीता की चूत से झरना बह रहा था अनुज का मुंह उसके रस से सना हुआ था पर फिर भी वह रुक नही रहा था। सास की चूत का शहद pi कर वह मस्त हो गया था। संगीता इतनी बुरी तरह से गीली थी के उसके चूत का रस नीचे गिर रहा था। अनुज रुक नही रहा था और उसे भी मज़ा इतना आ रहा थे के संगीता ऐसे ही झड़ गई। संगीता झुक कर पड़ी रही और अनुज ने अपना मुंह हटा लिया। संगीता की हालत देखकर अनुज ने उसे सोफे पर लिटा दिया। संगीता खुश थी उसे बहुत हल्का फील हो रहा था। अनुज चाय की कप रखने किचन में चला गया तो संगीता और रिलैक्स हो गई। २–४ मिनट में अनुज वापस आया। संगीता ने देखा अनुज का लन्ड पूरा तन गया है। वह उठने लगी तो अनुज ने उसे सोफे पर ही उल्टा कर दिया और बिना कुछ बोले पीछे से संगीता की चूत में लौड़ा घुसा दिया। संगीता झड़ने की वजह से एकदम तैयार थी अनुज का पूरा लन्ड आसानी से उसकी चूत में समा गया और वह फिर एक बार जन्नत की सवारी के लिए निकल पड़ी। संगीता की चूत पर अनुज कहर बरपा रहा था और संगीता सोफे पे लटकी हुई मजे ले रही थी। संगीता के बदन में बिल्कुल शक्ति नही थी पर उसकी चूत बिल्कुल मस्त होकर ठुक रही थी। संगीता की चूत थरथराकर फिर से झड़ने लगी तो अनुज ने अपना लन्ड बाहर निकालकर उसकी चूत की फड़फड़ाहट फोन के कैमरे में रिकॉर्ड कर ली और फिर संगीता के मुंह के पास जाकर खड़ा हो गया। संगीता ने २ मिनिट में चाटकर अनुज का पानी निकाल दिया और पीने लगी। अनुजने अपना लन्ड चटवाके साफ करवा लिया और फिर वह अपना काम करने चला गया। जाते जाते उसने संगीता को लंच बनाने का ऑर्डर छोड़ा। संगीता ने सिर हिलाकर हा बोल दिया। संगीता वैसे ही पड़ी हुई थी के उसे प्रेरणा का कॉल आया हड़बड़ाहट में संगीता ने कॉल उठा ली।
संगीता: हा प्रेरणा बोल।
प्रेरणा: क्या कर रही हो मम्मी?
संगीता: कुछ नही बस लंच का तयारी कर रही हु।
प्रेरणा: ब्रेकफास्ट कर लिया अनुज ने?
संगीता: हा उनका हो गया है सब कुछ टेंशन मत ले
जैसे ही संगीता ने यह बोला उसने नोटिस किया उसकी चूत का रस सोफे पे गल रहा है। वह फट से खड़ी हो गई और जैसे तैसे बात करके कॉल कट किया।
अनुज रूम में गया और संगीता के ओर्गास्म का वीडियो थोड़ा सा एडिट करके उसने प्रेरणा को भेज दिया। वैसे भी उस वीडियो में संगीता की चूत के अलावा और कुछ नही दिख रहा था। प्रेरणा ने वह वीडियो देख कर अनुज को कॉल किया।
प्रेरणा: छी यह क्या गंदा क्लोज अप वीडियो भेज रहे हो
अनुज: ओर्गास्म देखा चूत कैसे फड़फड़ा रही है ऐसा ओर्गास्म देना है मुझे तुम्हे
प्रेरणा: तुम्हारी पोर्न स्टार ४ लौड़े ले कर फड़फड़ा रही होगी
अनुज: पोर्न स्टार नही है इंडियन होम मेड वीडियो है ठीक से देख आंटी है वो
प्रेरणा: रण्डी ही होगी कोई लन्ड लेके इतना खुश हो रही है
अनुज: तुम खुश नही होती लन्ड लेकर?
प्रेरणा: मै सिर्फ मेरे पति का लेती हूं और ऐसे वीडियो नही बनाती ।
अनुज: हा हा मस्त फड़फड़ा रही है ना लेकिन
प्रेरणा: तुम्हे बहुत मजा आ रहा है आंटी की चूत देखकर
अनुज: क्या करू मेरी रण्डी नही है ना मेरे साथ चोदने के लिए
प्रेरणा: मैं रण्डी हु?
अनुज: नही तू तो रखैल है मेरी सिर्फ मेरी
प्रेरणा: अब आए न लाइन पे हमेशा याद रखना मैने न किसी और को दी है ना किसी और को दूंगी
अनुज: पता है जानेमन तुम्हारी चूत गांड़ दोनो मेरे नाम है।
प्रेरणा: फिर भी आंटी की फटी चूत देख रहे हो
अनुज: यार तुम्हे मिस कर रहा था तो सोचा पोर्न देख लूं पता नही क्यों वो आंटी का पिछवाड़ा बिलकुल तुम्हारे जैसे लगा।
प्रेरणा: मिस्टर एनालिस्ट गलत चीज एनालाइज कर रहे हो चलो अब फोन रखो तुम्हे तो आकर देखती हु
अनुज: देखोगी या दिखाओगी?
प्रेरणा: सबकुछ करूंगी सिर्फ तुम्हारे लिए
अनुज: लव यू
प्रेरणा: लव यू टू बाय
फोन रखते ही प्रेरणा ने फिर से वीडियो देखी उसे भी लगा यह आंटी तो सच में मेरे जैसे लग रही है बस इसकी गांड़ ज्यादा चौड़ी हो रखी है। अनुज ने प्रेरणा के दिमाग में नया कीड़ा छोड़ दिया और अपना काम करने लगा। संगीता भी फ्रेश होकर कपड़े पहन कर किचन में काम करने लगी.....