Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 4 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery हमारे हसीन पल ( सलहज के साथ )
#3
अब आगे :

कभी कभी , इन रिश्तों में हंसी मजाक जब थोड़ा ज्यादा होने लगता हैं , 

एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ने लगता है , चाहत बढ़ती है 

शारीरिक आकर्षण भी होने लगता है एक दूसरे के प्रति 

दूसरे की हर बात बहुत अच्छी लगने लगती है 

हमेशा उसका साथ रहने का मन करता है 

और दोनो मे आपस में शारीरिक संबंध भी होने की संभावना बढ़ जाती है
Like Reply


Messages In This Thread
RE: हमारे हसीन पल ( सलहज के साथ ) - by mariesweet21 - 08-02-2024, 03:46 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)