Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 4 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery हमारे हसीन पल ( सलहज के साथ )
#2
हमारे हसीन पल ( सलहज के साथ)

अब आगे :

कुछ रिश्ते इतने मधुर होते हैं कि हंसी मजाक बहुत होता है आपस में

और सभी उस हंसी मजाक का आनंद लेते हैं

हंसी मजाक का दायरा सीमित में रहने से आनंद सभी लेते हैं

जैसे

 देवर _ भाभी  :

      सबसे प्यारा रिश्ता होता है ये 
      हंसी मजाक भी चलते रहता है दोनो मे ,
     घर में सबसे प्यारा रिश्ता होता है ये 
    हमेशा घर में रहते हैं दोनो , इसलिए हंसी मजाक होते ही रहता है 

जीजा _ साली  :

        ये रिश्ता भी बहुत ही प्यारा है । 
       हंसी मजाक इस रिश्ते में भी बहुत ही होता है 
       जीजा के कभी कभी आने से  , हंसी मजाक सीमित ही होता है ,लेकिन बहुत ही प्यारा और खास होता है 

और एक रिश्ता बहुत ही खास है 

जीजा _ सालाहेली ( सलहज ) :

       दोनो रिश्तों की तरह ये रिश्ता भी बहुत ही प्यारा और हंसी मजाक वाला होता है 
      इस रिश्ते की खास बात ये है कि दोनो ही बाहर से आ , परिवार के अहम सदस्य , बनते हैं 
     इसमें भी जीजा के घर आने पे साली की तरह ही सालाहेली से भी  हंसी मजाक ज्यादा होता है 

लेकिन एक नाजुक डोर से बंधे होते है , ये रिश्ते
Like Reply


Messages In This Thread
हमारे हसीन पल ( सलहज के साथ ) - by mariesweet21 - 07-02-2024, 08:40 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)