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Adultery जिस्म की भूख
#4
उसने कहा- कोई बात नहीं..
और ये कहते हो कामरान डॉगी पोजीशन में आ गया और मेरे लण्ड को दोबारा चूसने लगा। सही तरह से गीला होने के बाद मैंने लण्ड उसके मुँह से निकाला और उसके पीछे जाकर घुटनों पर बैठ गया।
उसने हाथ पीछे लाकर मेरे लण्ड को थमा और अपने सुराख पर सही जगह रखते हुए मुझसे कहा- अब ज़ोर लगा कर अपना लण्ड मेरे अन्दर करो..
मेरे पहले झटके से ही तकरीबन 4 इंच लण्ड उसकी गाण्ड में दाखिल हो चुका था। उसकी गाण्ड का सुराख काफ़ी लूज था.. शायद काफ़ी बार गाण्ड मरवा चुका था इसलिए ऐसा था।
मेरे अगले झटके ने मेरे पूरे लण्ड को जड़ तक उसकी गाण्ड में उतार दिया। यह आज के दिन में तीसरी बार था कि मैंने अपने आपको किसी और ही दुनिया में महसूस किया था।
पहली बार किसिंग करते हुए.. सेकेण्ड टाइम लण्ड चुसवाते हुए और तीसरी बार ये था।

आज का दिन मेरे लिए बहुत हसीन दिन था। मैंने बहुत पॉर्न मूवीज देखी थीं इसलिए मुझे मज़ीद हिदायतों की जरूरत तो थी नहीं।
मैं तकरीबन 5-6 मिनट तक झटके मारता रहा। फिर मुझे डोर का लॉक ओपन होने की आवाज़ आई तो मैं डर गया.. लेकिन अगले ही लम्हे दरवाजा खुला और मैंने मोईन को बिल्कुल नंगा लण्ड हाथ में पकड़े हुए वहाँ खड़ा देखा।

मैं शरम से भर गया और मैंने अपनी नज़रें मोईन से हटा लीं।
मोईन बोला- शर्मा मत गांडू.. मैंने पूरा सीन रूम की खिड़की में खड़े होकर देखा है.. वो मैंने पहले ही ओपन कर रखी थी।
मोईन का लण्ड वाकयी बहुत इंप्रेसिव था करीब 7.5 इंच लम्बा था।
वो बोला- घबरा मत.. मैं तेरे पर नहीं चढूँगा।

वो अन्दर आया और कामरान के सामने बैठ कर कामरान के मुँह में लण्ड डालने लगा। अब मोईन कामरान के मुँह को चोद रहा था और मैं कामरान की गाण्ड मार रहा था।
कुछ ही देर बाद हम दोनों ही डिसचार्ज हो गए। कामरान ने मोईन की सारी मलाई मुँह में लेकर ज़मीन पर थूक दी और मेरी मलाई क़तरा-क़तरा कामरान की गाण्ड के सुराख से बाहर बहने लगी।
हम तीनों ही कुछ देर तक वहीं ज़मीन पर लेटे रहे।
फिर मोईन ने मुझसे पूछा- हाँ सगीर.. मज़ा आया?
मैंने मुस्कुरा कर उसे देखा और कहा- हाँ यार.. बहुत बहुत मज़ा आया..
फिर मोईन ने कहा- अब जल्दी-जल्दी उठो और कपड़े पहनो.. 6 बज गए हैं और मेरी फैमिली वापस आने ही वाली होगी।

हम सबने अपने कपड़े पहने और जाने को तैयार हो गए। मैं कामरान को गुडबाइ किस करना चाहता था.. लेकिन मुझे फ़ौरन ही याद आया कि अभी-अभी मेरे सामने कामरान ने मोईन की मलाई अपने मुँह में निकलवाई है और ज़मीन पर थूकी है.. तो मैंने अपने ख़याल को खुद ही रद्द कर दिया।
जब मैं अपने घर वापस आने लगा.. तो मोईन ने मुझे एक नई सीडी थमा दी और बताया- ये भी गे मूवी है.. और सब क्यूट क्यूट से लड़के हैं.. कुछ ऐसे लड़कों की स्टोरीज हैं.. जो फर्स्ट टाइम सेक्स कर रहे हैं।
फिर उसने मुझे आँख मारते हुए कहा- उस लड़के को भी दिखाना.. जिसको तुम चोदना चाहते हो।
मोईन नहीं जानता था कि वो मेरा सगा भाई है.. मेरा छोटा भाई..

मैं घर वापस आया और मैंने फरहान को बताया- मैं आज एक नई सीडी लाया हूँ।
वो बहुत एग्ज़ाइटेड हुआ.. मैंने उसके ट्राउज़र के ऊपर से ही उसके लण्ड को सहलाया और उसे आँख मार कर मुस्कुरा दिया। अब हम दोनों रात होने का इन्तजार कर रहे थे।
रात को खाना खाने के बाद जब सब अपने-अपने कमरों में सोने चले गए.. तो हम भी अपने कमरे में वापस आए।
मैंने दरवाज़ा लॉक किया और अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए। कुछ लम्हों में ही हम दोनों बिल्कुल नंगे हो चुके थे। कुर्सी पर बैठते हुए मैंने फरहान के लण्ड को पकड़ कर दबाया और फिर हम मूवी देखने लगे।

स्टार्टिंग में ही दो लड़के एक-दूसरे के होंठ से होंठ मिला कर किसिंग कर रहे थे। फरहान ने मेरी तरफ और मैंने फरहान की तरफ देखा।
मैंने फरहान से पूछा- तुमने कभी किसी को किस किया है??
उसने जवाब दिया- नहीं..
मैंने पूछा- सीखना चाहते हो?
फ़ौरन ही फरहान ने जवाब दिया- हाँ.. भाई..

वो कुर्सी पर बैठा था.. मैं उठा और फरहान के पास जाकर उसके लण्ड को पकड़ा और उसकी गोद में बैठते हुए मैंने फरहान के लण्ड को अपनी गाण्ड के नीचे अपनी दरार में सैट कर लिया। मैंने अपने होंठों को फरहान के होंठों पर रखा और उसके होंठों और ज़ुबान को चूसना शुरू कर दिया।
उसने भी फ़ौरन रिस्पोन्स दिया और जल्द ही हम लोग लिप्स लॉक हो चुके थे।
हम किसिंग करते हुए ही कुर्सी से उठे और बिस्तर की तरफ चल दिए किसिंग करते-करते ही फरहान बिस्तर पर पीठ के बल लेटा और मैं उसके ऊपर लेट गया।
हम कुछ मिनट तक ऐसे ही एक-दूसरे के होंठों को चूसते और काटते रहे।

मैं चाहता था कि फरहान मेरा लण्ड चूसे लेकिन मुझे पता था कि फरहान से चुसवाने के लिए पहले मुझे ही फरहान का लण्ड चूसना पड़ेगा। तो मैंने नीचे की तरफ जाते हुए फरहान के सीने को चूमना शुरू किया और कभी उसके निप्पल को चाटने ओर काटने लगता।
फरहान के मुँह से सिसकियाँ खारिज होने लगी थीं। मैंने नीचे फरहान के लण्ड की तरफ जाना शुरू किया। मैंने फरहान के चेहरे की तरफ देखा.. तो वो शॉक की कैफियत में था। फरहान की आँखों में देखते हुए ही मैंने अपने मुँह को खोला और फरहान के लण्ड को अपने मुँह में भर लिया।

वो तकरीबन उछल ही पड़ा बिस्तर से.. और बेसाख्ता ही उसके मुँह से एक तेज सिसकारी निकली।
मैंने फरहान को आँखों से इशारा किया कि आवाज़ हल्की रखो और.. फिर से आहिस्ता-आहिस्ता फरहान के लण्ड को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और अपनी स्पीड बढ़ाने लगा।

फरहान का पूरा जिस्म झटके खा रहा था और वो डिसचार्ज होने के बहुत क़रीब पहुँच चुका था तो मैंने उसका लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और हाथ से सहलाने लगा।
मैंने उससे टाँगें फैलाने को कहा और अपने लेफ्ट हैण्ड की इंडेक्स फिंगर को अपने मुँह से गीला करते हुए फरहान के प्यारी सी गाण्ड के होल में डालने लगा।
जैसे ही मेरी उंगली थोड़ी सी अन्दर गई.. फरहान की एक कराह निकली और दर्द का अहसास उसके चेहरे से ज़ाहिर होने लगा।

लेकिन मैंने अपनी उंगली को अन्दर-बाहर करना जारी रखा और जल्द ही उसका होल लूज हो गया।
कुछ देर बाद मैं उठा और दोबारा फरहान के ऊपर आकर उसके होंठों को चूमने लगा।

मेरे कुछ कहे बगैर ही फरहान उठा और मेरी टाँगों के दरमियान आकर मेरे लण्ड के नीचे वाली बॉल्स को थामा और फ़ौरन ही उन्हें चाटने लगा।
मैं फरहान की इस हरकत पर बहुत हैरान सा था। वो मेरी बॉल्स को चाटते-चाटते मेरे लण्ड तक आया और उसे अपने मुँह में ले लिया। मूवीज ने मेरे साथ-साथ फरहान को भी बहुत कुछ सिखा दिया था।
मेरे लण्ड को थोड़ी देर चूसने के बाद फरहान ज़रा नीचे को हुआ और मेरी गाण्ड के छेद को चाटने लगा।
मैं फरहान की इस हरकत पर बिस्तर से एकदम उछल पड़ा।

कुछ देर चाटने के बाद वो फिर से मेरे लण्ड की तरफ आया और मेरे लण्ड को मुँह में लेते वक़्त ही उसने अपनी एक उंगली भी मेरी गाण्ड में डाल दी।
मुझे मामूली सा दर्द भी हुआ.. लेकिन मज़ा दर्द पर ग़ालिब था। अब फरहान मेरे लण्ड को भी चूस रहा था और मेरी गाण्ड में अपनी उंगली को भी अन्दर-बाहर कर रहा था।

जैसे ही मैं मंज़िल के क़रीब हुआ.. तो मैंने फरहान को कहा- मेरा पानी निकलने वाला है..
लेकिन फरहान ने हाथ के इशारे से कहा- परवाह नहीं..

और मैं उसके मुँह में ही डिसचार्ज हो गया। मेरे लण्ड का जूस उसके मुँह से बह रहा था। उसने सारा पानी मेरे पेट पर थूका और फिर से मेरे लण्ड को चूसने और चाटने लगा।
वो ऊपर आया और उसने अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिया.. मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि मेरे लण्ड का पानी अभी भी उसके चेहरे और होंठों पर लगा हुआ था। मैं फरहान को हर्ट नहीं करना चाहता था.. इसलिए मैंने किसिंग जारी रखी। लेकिन ये अजीब और मज़े का अहसास था.. अपने लण्ड के पानी को खुद ही चखना..
कुछ देर किसिंग करने के बाद मैंने फरहान से पूछा- क्या तुम अगले काम के लिए रेडी हो?
फरहान ने पूछा- वो क्या?
मैंने कंप्यूटर स्क्रीन की तरफ इशारा करते हुए कहा- जैसा इस मूवी में एक लड़का दूसरे लड़के की गाण्ड में अपने लण्ड को अन्दर-बाहर कर रहा है।

उसने जवाब दिया- भाई इससे बहुत दर्द होगा। मेरा ख़याल नहीं है कि हमारे छोटे-छोटे सुराख हमारे लण्ड को बर्दाश्त कर सकेंगे।
मैंने कहा- यार हम कोई चिकनाई इस्तेमाल कर लेंगे ना..
वो थोड़ा कन्फ्यूज़ नज़र आ रहा था।

मैंने कहा- चलो यार.. कुछ नहीं होता.. ट्राइ करते हैं.. ये लण्ड की चुसाई से ज्यादा मज़ा देगा।
वो बोला- भाई तुम्हें कैसे पता?

मैंने फरहान को वो सब बताया.. जो आज दिन में मैंने किया था और मैं अब फिर बहुत ज्यादा गरम हो गया था।
मैंने फरहान से पूछा- क्या तुम पहले करोगे?
वो शरारती अंदाज़ में बोला- पहले आप कर लो.. आख़िर आप मेरे बड़े भाई हो।
मैं इस बात पर मुस्कुरा दिया और मैंने फरहान से कहा- चलो बिस्तर पर आ जाओ और अपनी गाण्ड पीछे से उठा कर डॉगी पोजीशन बना लो।



यह कहते हुए मैं बाथरूम गया और वहाँ से हेयर आयल की बोतल उठा लाया। फिर मैंने कुछ तेल उसकी गाण्ड के छेद पर डाला और कुछ अपनी उंगलियों पर लगा कर उसके छेद पर फेरने लगा। फिर मैंने अपनी एक उंगली उसके छेद में अन्दर कर दी।
उसने दर्द की वजह से सीधा होने की कोशिश की और कराह कर बोला- भाई आहिस्ता डालो.. दर्द होता है।

मैं जानता था कि लण्ड के दर्द के आगे यह दर्द कुछ भी नहीं.. इसलिए लण्ड डालने से पहले उसकी गाण्ड के सुराख को इतना ढीला और लचीला करना पड़ेगा कि लण्ड डालने का दर्द बर्दाश्त के क़ाबिल हो जाए।

अब मैंने उससे कहा- सीधा लेट जाओ।
फिर मैं उसके सामने आकर बैठा उसकी टाँगों के दरमियान उसका लण्ड मेरे चेहरे के बिल्कुल क़रीब था।


मैंने उससे टाँगें फैलाने को कहा और फिर मैंने उसकी गाण्ड में अपनी एक उंगली डाली और अन्दर-बाहर करने लगा.. जिससे उसे तक़लीफ़ होने लगी।

इसी के साथ ही मैंने फरहान के लण्ड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा.. जो उसे मज़ा देने लगा। मैंने लण्ड पर अपना मुँह आगे-पीछे करने की स्पीड मज़ीद बढ़ा दी.. जिससे फरहान को बहुत मज़ा आने लगा और इस मज़े की आड़ में ही मैंने अपनी दूसरी फिंगर भी फरहान की गाण्ड में दाखिल कर दी।

मैंने फरहान को अपनी दो उंगलियों से चोदना शुरू किया, वो एकदम चिल्ला उठा।
‘नहीं.. भाई दर्द हो रहा है..!’
मैंने कहा- बस थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त करो.. फिर मज़ा ही मज़ा है..


मैंने फरहान का पूरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया.. ताकि दर्द और लज़्ज़त दोनों बैलेन्स हो जाएं। मैंने अपना ये अमल जारी रखा.. जिससे फरहान को काफ़ी हद तक सुकून हो गया। मुझे ऐसा अंदाज़ा हुआ कि अब फरहान सिसकारियाँ भरते हुए मेरा लण्ड अपने हाथ में लेने के लिए अपना हाथ मेरे लण्ड की तरफ बढ़ा रहा था।

अब मैं अपनी तीसरी उंगली भी फरहान की गाण्ड में दाखिल करना चाह रहा था। मैं जानता था कि इसकी तक़लीफ़ बहुत ज्यादा होगी। मैं डर रहा था कि कहीं वो चिल्लाना ना शुरू कर दे।

तो मैंने अपनी पोजीशन को चेंज किया और 69 पोजीशन में आ गया। अब मेरा लण्ड उसके चेहरे के सामने था। फरहान ने अपना मुँह खोला और जल्दी से मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और पागलों की तरह चूसने लगा।

अब हम दोनों एक-दूसरे का लण्ड चूस रहे थे और मेरी 2 उंगलियाँ फरहान की गाण्ड में अन्दर-बाहर हो रही थीं। मैंने अचानक ही अपनी तीसरी फिंगर भी उसकी गाण्ड में दाखिल कर दी। फरहान ने चीखना चाहा.. लेकिन मेरा लण्ड उसके मुँह में होने की वजह से उसकी आवाज़ ना निकाल सकी।
मैंने अपनी उंगलियों की हरकत को रोका और उसके लण्ड पर तेज-तेज अपना मुँह चलाने लगा।


कुछ देर बाद फरहान ने मेरा लण्ड दोबारा चूसना शुरू किया.. तो मैंने भी अपनी उंगलियों को हरकत देना शुरू कर दी।
जल्द ही उसकी गाण्ड मेरी 3 उंगलियों की आदी हो गई और हम दोनों एक-दूसरे का लण्ड चूसने लगे।


मेरे लण्ड से जूस निकलने ही वाला था जब मैंने उसके लण्ड को अपने मुँह में फूलता हुआ महसूस किया.. मैं समझ गया कि वो भी डिसचार्ज होने वाला है।

मैं उसका लण्ड अपने मुँह से निकालना चाहता था.. लेकिन तभी मैंने सोचा कि पहले ही अपनी मलाई टेस्ट करा चुका हूँ तो अब फरहान की मलाई मुँह में लेने से क्या फ़र्क़ पड़ता है और अगले ही लम्हें हम दोनों ही के लण्ड ने एक-दूसरे के मुँह में पानी छोड़ दिया।

डिसचार्ज होने के बाद हम दोनों उठे और किसिंग करने लगे.. जबकि एक-दूसरे के लण्ड का जूस हम दोनों के मुँह में मौजूद था। ये एक जबरदस्त किस थी..
हम दोनों के लण्ड के जूस से भरी हुई।


इसके बाद हम दोनों नहाने गए.. नहाने के बाद मैंने फरहान से पूछा- क्या तुम चुदाई के लिए तैयार हो?
तो फरहान ने ‘हाँ’ में जवाब दिया और हम दोनों बिस्तर के तरफ चल दिए।


बिस्तर पर पहुँच कर मैंने फरहान को कहा- अपने घुटनों और हाथों पर हो जाओ और अपनी गाण्ड को ऊपर की तरफ उठा कर डॉगी पोजीशन बना लो।

मैंने अपने लण्ड और उसकी गाण्ड के सुराख पर तेल लगाया और फरहान पर झुकते हुए उससे कहा- अब मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ो और अपने सुराख पर सही जगह रखो.. जहाँ से मैं अन्दर डाल सकूँ।
उसने मेरे लण्ड की नोक को अपनी गाण्ड के सुराख पर टिकाया और मुझसे कहा- हाँ भाई.. अब आप ज़ोर लगाओ।


मैंने ज़ोर लगाया और मेरे लण्ड की टोपी अन्दर दाखिल हो गई।
वो दर्द की शिद्दत से बिलबिला कर बोला- ओईए.. मर गया.. भाईई.. बहुत दर्द हो रहा है.. उफ़फ्फ़..


मैं अपने हाथ को उसके सामने लाया और उसके लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगा.. ताकि उससे तक़लीफ़ का अहसास कम से कम हो। उसके लण्ड को अपने हाथ से आगे-पीछे करते हुए मैंने एक झटका और मारा और मेरा लण्ड तकरीबन 4 इंच तक उसकी गाण्ड में दाखिल हो गया।
वो दर्द से घुटी-घुटी आवाज़ में चिल्ला रहा था और मुझसे कह रहा था- भाई बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है..!


मैंने उससे रिलैक्स करने के कोशिश की.. लेकिन वो लण्ड को बाहर निकालने के लिए मचल रहा था।
मैं जानता था कि अगर अभी मैंने बाहर निकाल लिया तो शायद वो फिर कभी नहीं डालने देगा।


मैंने उसके लण्ड पर अपने हाथ की हरकत को तेज कर दिया और आहिस्ता-आहिस्ता अपना लण्ड अन्दर करता रहा.. जब तक कि मेरा लण्ड उसकी गाण्ड की जड़ तक नहीं उतर गया। वो जिस्मानी तौर पर मुझसे कमज़ोर था.. इसलिए मैंने उसको जकड़ रखा था.. जबकि वो मेरी गिरफ्त से निकलने के लिए मुसलसल कोशिश कर रहा था।

कुछ देर बाद वो पुरसुकून होता गया क्योंकि मेरे हाथ की हरकत उसके लण्ड के जूस को उबाल दे रही थी और वो अपनी मंज़िल के क़रीब हो रहा था।

जब मैंने देखा कि अब वो पुरसुकून हो गया है.. तो मैंने अपने हाथ के साथ-साथ अपने लण्ड को भी हरकत देनी शुरू की और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी गाण्ड में अन्दर-बाहर करने लगा।

अब मुझे इतना मज़ा आने लगा था कि मुझे फरहान के दर्द की परवाह ही नहीं रही थी। वो भी अब रिलैक्स हो चुका था और दर्द अब मज़े में तब्दील हो गया था।

कुछ ही देर बाद मैंने अपने लण्ड का पानी उसकी गाण्ड के अन्दर ही निकाल दिया और मेरे हाथ ने भी अपना काम करते-करते फरहान को भी मंज़िल पर पहुँचा दिया।

हम कुछ देर वहीं लेट कर अपनी साँसों को बहाल करते रहे।
फिर मैंने खामोशी को तोड़ते हुए कहा- तुम ठीक हो ना फरहान.. ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ?


उसने कहा- भाईजान शुरू में तो मेरी जान ही निकल गई थी.. लेकिन फिर थोड़ी देर बाद आहिस्ता-आहिस्ता सब सही हो गया और मज़ा भी आने लगा..
मैंने कहा- चल.. बहुत देर हो चुकी है.. अब सोने की तैयारी करो।


वो मुझे अभी चोदना चाहता था.. लेकिन मैंने कहा- कल सारी रात तुम मुझे चोद लेना.. पर अभी नहीं.. अभी मैं बहुत थक गया हूँ।
थकान तो उसे भी थी.. तो इसलिए वो जल्द ही मान गया और हम जल्द ही नींद की वादियों में खो गए।


सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैं बहुत मीठा-मीठा सा मज़ा महसूस कर रहा था और अपने लण्ड पर गीलापन महसूस करके मैंने अंदाज़ा लगाया कि मेरे छोटे भाई को कुछ ज्यादा ही अच्छा लगा है.. जो कुछ हमने रात को किया था। इसलिए वो ‘खास तरीक़े’ से सुबह मुझसे कह रहा है।

मैंने कहा- फरहान सोने दे ना यार.. आज इतवार है.. छुट्टी है..
तो फरहान ने जवाब दिया- चलो ना भाई 2-3 घन्टे में सब उठ जाएंगे.. थोड़े मज़े ले लेते हैं.. फिर आप सारा दिन सोते रहना.. मैं तंग नहीं करूँगा।
मैंने अपने हाथ से फरहान के लण्ड की तरफ इशारा किया और कहा- ये मुझे दो..


वो मुस्कुराते हो उठा और 69 पोजीशन में आ गया. हमने एक-दूसरे के लण्ड को फिर से बहुत चूसा.. एक-दूसरे के मुँह में ही अपना पानी निकाला और फिर किस की.. जैसे कल रात को की थी।

कुछ देर बाद उसने कहा- भाई अब मेरी बारी है.. आपको चोदने की।
मैंने कहा- ओके..


मैं बिस्तर पर ही उल्टा हो कर डॉगी पोजीशन में आ गया और फरहान ने मेरी गाण्ड के सुराख और अपने लण्ड पर तेल लगाना शुरू कर दिया।
मैंने फरहान के लण्ड को अपने हाथ में लिया जो तेल से तर था और उसके लण्ड की नोक को अपनी गाण्ड के सुराख के बिल्कुल सेंटर में एंट्रेन्स पर टिका कर उससे कहा- हाँ.. अब धक्का मारो..


उसने एक ही झटके में अपने पूरे लण्ड को मेरी गाण्ड में उतार दिया.. मैं बुरी तरह से उछला.. मुझे पूरे बदन में दर्द के एक शदीद लहर उठी थी। ऐसा महसूस हुआ था जैसे किसी ने मेरी गाण्ड में लोहे का गरम जलता हुआ खंजर उतारा हो.. जो चीरता हुआ अन्दर गया हो।

मैंने चिल्ला कर कहा- भैनचोद.. किस बात की जल्दी है तुझे.. आराम से नहीं डाल सकता था?

TO BE CONTINUED .........
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 06-02-2024, 10:57 AM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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