29-12-2018, 01:15 PM
रोहित के लंड ने रीमा के मन में दहशत भर दी थी, लेकिन उसे पता था अब बहुत देर हो चुकी है, अब वो दोनों ही इतना आगे आ चुके है है कि पीछे नहीं लौट सकते, इस हालत में न ही वो रोहित को रोक पायेगी, अगर वो रोहित को रोकना भी चाहे तो वो मानेगा नहीं, और मानने का सवाल भी नहीं उठता, इतनी खूबसूरत नंगी औरत का एक एक रोम देखने के बाद कौन पीछे हटना चाहेगा, कौन रस टपकाते गुलाबी ओठो का रस नहीं पीना चाहेगा, कौन इतनी कोमल, गुलाबी संगमरमर की तरह चमकते दमकते जिस्म को बिना भोगे छोड़ देगा, कौन सुडौल तने हुए स्तनों को नहीं मसलना चाहेगा, कौन गोरी गुदाज मांसल जांघो पर अपनी जांघे नहीं रगड़ना नहीं चाहेगा, कौन मक्खन जैसी चिकनी नरम गुलाबी चूत को बिना चोदे छोड़ देगा | रोहित को रोकना के बारे में सोचना तो बहुत दूर की बात थी, असल में वो खुद को ही नहीं रोक पा रही थी | उसे ये करना ही होगा, हर हाल में करना होगा, अगर उसे अपनी आत्मा की खिलाफ जाकर भी ये करना पड़े तो वो भी सही | उसे रोहित की हर धड़कन के साथ कांपते मोटे तगड़े लंड को अपनी मक्खन जैसी चूत के अन्दर गहराई तक लेना ही होगा, यही हाहाकारी मुसल लंड सालो से हवस की आग में जल रहे शरीर की भूख मिटा सकता है, यही वो लंड है जो उसकी चूत में उमड़ रहे वासना की आग को ख़तम कर रिमझिम फुहारे बरसा सकता है | सालो से लंड की प्यासी चूत को चीर कर, फाड़कर चूत के दूसरे छोर तक जाना होगा, जितना ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेगा मै ले जाउंगी | चाहे जितना दर्द हो, चाहे चूत फट जाये, उसकी दीवारों चटक जाये, उनसे खून बहने लगे फिर भी ये मोटा सा भयानक लंड मेरी चूत की अंतिम गहराई तक जायेगा | जब तक मेरे शरीर में दम रहेगा तब तक इससे चुदवाती रहूंगी | मुझे अपनी चूत की वर्षो की प्यास मिटानी है, मुझे अपनी चूत की दीवारों में उमड़ रही चुदास की आग को बुझाना है, जैसे सावन में बार बार बरसते बादल धरती की प्यास बुझाते है ऐसे ही ये मोटा लम्बा रोहित का लंड बार बार मेरी चूत में जाकर मुझे चोदेगा और मै बार बार झड़ झड़ कर चूत के अन्दर लगी आग को बुझाऊंगी, और अपनी तृप्ति हासिल करूगी, असली तृप्ति भरपूर तृप्ति, परम सुख परम संतुष्टि, ऐसी संतुष्टि जिसको मेरे नंगे जिस्म का एक एक रोम महसूस करे | रीमा ने अपनी टूटी हुई हिम्मत और पस्त हौसलों को एक नयी जान दी |
रोहित रीमा को घूर घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था
रीमा का चुनौती देने वाले अंदाज (शायद वो जताना चाहता था क्या ले पावोगी इतना मोटा लम्बा , फट जाएगी चूत तुमारी, चीथड़े उड़ जायेगें तुमारी चूत की गुलाबी गीली दीवारों के) में मखौल उड़ा रहा था और रीमा चुपचाप छत की तरफ मुहँ करके लेटी थी, उसने रोहित की हरकतों पर गौर ही नहीं किया, वो कामवासना की पीड़ा में अपनी ही उधेड़बुन में खोई हुई थी |
वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी | अब वो खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी | रोहित को देखकर रीमा को प्रियम के लंड चूसने के सीन याद आने लगते, नूतन के बड़े बड़े स्तन और कलुये राजू का वो जोर जोर से नूतन का स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना | वो अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार मार कर बाहर आने लगी थी, अब वो और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, प्रियम का लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वो अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी , अब रोहित के लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी |
अब रोहित से रहा नहीं गया, रोहित ने रीमा को अपने आगोश में ले लिया और हौले हौले चूमने लगा | कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता | रीमा पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी | यही हाल रोहित का भी हो चूका था, रोहित की सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और उसका लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था |
चुमते चुमते रोहित रूक गया और रीमा के खूबसूरत जिस्म की एक एक बनावट एक एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा | रीमा का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड | जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, उसने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन सेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था |
रोहित को रीमा की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था |
सर से लेकर पांव तक रीमा के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वो बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में रोहित के पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था | उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था |
रोहित तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई अप्सरा बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, रोहित जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन रीमा उसके सामने थी और अपने गुलाबी अप्सराओ जैसे हुस्न से रोहित को वासना में मदहोश किये दे रही थी | रोहित की आंखे पलक झपकाना भूल गयी , रीमा को नंगी देखकर रोहित के लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था | रोहित कुछ देर तक एकटक रीमा की खूबसूरती देखता रहा |
रीमा के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी रीमा की उम्र १० साल कम ही बताएगा | रोहित हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था रीमा के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है की किसी के भी होश उड़ा दे | रोहित बस ऊपर से नीचे तक रीमा को जी भर के देख ही रहा था | अपनी फंताशी में उसने कई बार रीमा को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था की कभी वो रीमा को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा | लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पुरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि,पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी भरी गोलाकार गोरी गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे|
रोहित पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन रीमा ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये | ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया | इससे सामने से देखने वालो को रीमा साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की परी जैसी लग रही थी | रोहित की नजर कभी रीमा के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी रीमा के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वो रीमा की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता | रोहित को समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारे | रीमा ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी |
रोहित रीमा की जिस्म के और करीब आ गया रीमा ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली | जैसे ही रोहित का सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था ) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, रीमा ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए|
रोहित रीमा को घूर घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था
रीमा का चुनौती देने वाले अंदाज (शायद वो जताना चाहता था क्या ले पावोगी इतना मोटा लम्बा , फट जाएगी चूत तुमारी, चीथड़े उड़ जायेगें तुमारी चूत की गुलाबी गीली दीवारों के) में मखौल उड़ा रहा था और रीमा चुपचाप छत की तरफ मुहँ करके लेटी थी, उसने रोहित की हरकतों पर गौर ही नहीं किया, वो कामवासना की पीड़ा में अपनी ही उधेड़बुन में खोई हुई थी |
वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी | अब वो खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी | रोहित को देखकर रीमा को प्रियम के लंड चूसने के सीन याद आने लगते, नूतन के बड़े बड़े स्तन और कलुये राजू का वो जोर जोर से नूतन का स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना | वो अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार मार कर बाहर आने लगी थी, अब वो और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, प्रियम का लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वो अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी , अब रोहित के लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी |
अब रोहित से रहा नहीं गया, रोहित ने रीमा को अपने आगोश में ले लिया और हौले हौले चूमने लगा | कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता | रीमा पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी | यही हाल रोहित का भी हो चूका था, रोहित की सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और उसका लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था |
चुमते चुमते रोहित रूक गया और रीमा के खूबसूरत जिस्म की एक एक बनावट एक एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा | रीमा का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड | जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, उसने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन सेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था |
रोहित को रीमा की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था |
सर से लेकर पांव तक रीमा के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वो बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में रोहित के पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था | उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था |
रोहित तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई अप्सरा बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, रोहित जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन रीमा उसके सामने थी और अपने गुलाबी अप्सराओ जैसे हुस्न से रोहित को वासना में मदहोश किये दे रही थी | रोहित की आंखे पलक झपकाना भूल गयी , रीमा को नंगी देखकर रोहित के लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था | रोहित कुछ देर तक एकटक रीमा की खूबसूरती देखता रहा |
रीमा के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी रीमा की उम्र १० साल कम ही बताएगा | रोहित हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था रीमा के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है की किसी के भी होश उड़ा दे | रोहित बस ऊपर से नीचे तक रीमा को जी भर के देख ही रहा था | अपनी फंताशी में उसने कई बार रीमा को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था की कभी वो रीमा को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा | लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पुरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि,पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी भरी गोलाकार गोरी गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे|
रोहित पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन रीमा ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये | ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया | इससे सामने से देखने वालो को रीमा साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की परी जैसी लग रही थी | रोहित की नजर कभी रीमा के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी रीमा के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वो रीमा की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता | रोहित को समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारे | रीमा ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी |
रोहित रीमा की जिस्म के और करीब आ गया रीमा ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली | जैसे ही रोहित का सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था ) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, रीमा ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए|